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ब्रह्माकुमारीज संस्थान : सिरोही से महिला सशक्तिकरण का 140 देशों तक फैल रहा प्रकाश

सिरोही से महिला सशक्तिकरण का 140 देशों तक फैल रहा प्रकाश

जीवन प्रबन्धन, मन प्रबंधन से लेकर संस्कार तक देती है बहनें

आबू रोड, निसं। वैसे तो देश और दुनिया में महिला सशक्तिकरण के कई उदाहरण मिल जायेंगे। परन्तु सिरोही जिले के माउण्ट आबू तथा आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान से महिला सशक्तिरकण का प्रकाश पूरे विश्व के 140 देशों तक फैल रहा है। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक संगठन प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय का वैश्विक स्तर पर संचालन माताओं बहनों के हाथों में है। 84 वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुई यह संस्थान खासकर महिलाओं के अन्दर शक्ति स्वरूपा का भाव और सर्वागिण विकास के लिए कार्य कर रहा है।

इस संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी है जो 104 वर्ष की उम्र में आज भी उनका मार्गदर्शन कर रही हैं। श्रेष्ठ जीवन, श्रेष्ठ समाज और रामराज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए महिलाओं की बड़ी संख्या में है। जिन्होंने अपने पूरे जीवन को इस मार्ग पर प्रशस्त कर दिया है। वैसे तो इस संस्थान में 46 हजार ऐसी युवा बहनें है जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन अपना तथा दूसरों का जीवन अच्छा कैसे बने। इसके लिए समर्पित कर दिया है।

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हर क्षेत्र की है महिलायें: ऐसा नहीं है इस संस्थान में आने के बाद केवल अध्यात्म की ही बात करती हैँ। बल्कि कामकाजी के रूप में अपने अपने क्षेत्रों में कार्य भी कर रही हैं। करीब दस लाख महिलाओं को भी सशक्तिकरण के राह पर अग्रसर किया है। लाखों परिवार इन महिलाओं के दिव्य कर्मों से खुशबू फैला रहा है।

राजयोग मेडिटेशन से बदलती है जीवन: परमात्मा शिव की शक्ति और राजयोग, मेडिटेशन से खुद को मेडिटेट करती है और खाना बनाने से लेकर घर की साफ सफाई तक सब व्यवस्थित तरीके से करती हैं।

46 हजार बहनों का विशाल समूह: इस संस्थान में तकरीबन 46 हजार युवा बहनें है जिन्होंने आजीवन सेवा करने करने का संकल्प लिया है। धर्म के आडम्बर से दूर अध्यात्म है जीवन जीने की कला इनकी मुख्य शिक्षा है।

देश के हर गॉंवों और शहरों में कार्य: इनकी शाखायें देश के हर कोने कोने और गॉंवों तक है। किसानों से लेकर महिलाओं, युवाओं को जिन्दगी में अच्छे मूल्यों को अपनाने के साथ ही अपने अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए शिक्षा देती हैं।

दैनिक दिनचर्या पर रखती है ध्यान: जब युवा बहनें इस संस्थान से जुड़ती है तो अपने प्रत्येक कर्मों पर ध्यान रखती हैं। श्रेष्ठ संकल्पों और सोच को सकारात्मक बनाने पर गहनता से काम करती हैं।

नर से नारायण और नारी से लक्ष्मी का लक्ष्य: इन युवा बहनों का लक्ष्य प्रत्येक मनुष्य को नर से नारायण जैसा तथा नारी को लक्ष्मी जैसा बनाना है। इसलिए बुराईयों को छोडऩे का आह्वान करती है।

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