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शनि जयंती 2020: जानिए शनि जयंती का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आज शनि जयंती है, जिसका हिन्‍दू धर्म में खास महत्‍व है. भगवान शनि देव के जन्‍मदिवस को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है. शनि जयंती को शनि अमावस्‍या के नाम से भी जाना जाता है.



शनि जयंती और वट सावित्री व्रत दोनो एक ही दिन पड़ते हैं. हिन्‍दू मान्‍यताओं के अनुसार भगवान शनि; सूर्यदेव के पुत्र व शनि ग्रह के स्‍वामी हैं. यही नहीं हफ्ते में शनिवार का दिन शनि देव के नाम ही समर्पित है.

कहते हैं कि शनि जयंती के दिन उनकी पूजा करने से सभी मंगल कामनाएं पूर्ण होती हैं. हालांकि इस बार लॉकडाउन है, ऐसे में आप घर पर ही शनि देव की पूजा करें.

शनि जयंती कब है?

हिन्‍दू पंचांग के अनुसार शनि जयंती ज्‍योष्‍ठ माह की अमावस्‍या और वट सावित्री व्रत के दिन मनाई जाती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह हर साल मई या जून महीने में आती है. इस बार शनि जयंती 22 मई 2020 को है.

शनि जयंती की तिथि और शुभ मुहूर्त 
शनि जयंती की त‍िथ‍ि: 22 मई 2020
अमावस्‍या तिथि प्रारंभ: 21 मई 2020 को रात 9 बजकर 35 मिनट से
अमावस्‍या तिथि समाप्‍त: 22 मई 2020 को रात 11 बजकर 8 मिनट तक

यह भी पढ़ें-ज्येष्ठ अमावस्या 2020: जानिए ज्येष्ठ अमावस्या का मुहूर्त और पूजा विधि

शनि जयंती की पूजा विधि 
शनि जयंती के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्‍नान करें और फिर व्रत का संकल्‍प लें.

शनि देव की पूजा में साफ-सफाई का विशेष ध्‍यान रखा जाता है.

अब घर के मंदिर में पश्चिम दिशा की ओर बैठकर शनि की मूर्ति या चित्र स्‍थापित करें.

अब तेल का दीपक जलाएं.

दीपक में काले तिल जरूर डालें.

अब शनि देव को फल-फूल, नारियल, सरसों का तेल, इलायची, पान-सुपारी और लोहे की नाल अर्पित करें.

इसके बाद उन्‍हें धूप-बत्ती दिखाकर आरती उतारें.

आरती के बाद शनि महाराज को तेल में बनीं पूड़‍ियों का भोग लगाएं.

घर के सभी लोगों में प्रसाद वितरित करें.

शनि जयंती के दिन गरीबों को तेल, उड़द और चावल का दान देना अच्‍छा माना जाता है.



शनि जयंती के दिन सूर्य उपासना नहीं करनी चाहिए.

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Post By Shweta