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संत कबीर दास के 620वें प्राकट्य उत्सव के मौके पर मगहर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

संत कबीर दास के 620वें प्राकट्य उत्सव के मौके पर मगहर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

संतकबीर नगर, 28 जून; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (28 जून) को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित सूफी संत कबीर दास के 620वें प्राकट्य उत्सव के मौके पर मगहर पहुंचे. वह यहां सबसे पहले संत कबीर दास की समाधि पर पहुंचे और फूल चढ़ाए. उन्होंने संत कबीर की मजार पर चादर भी चढ़ाई. उनके साथ इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. पीएम मोदी ने मगहर में 24 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली संत कबीर अकादमी का भी शिलान्यास किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने एक रैली को भी संबोधित किया. इस रैली में उन्होंने संत कबीर को याद करते हुए विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा.

पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां पर एक बार फिर से अपने चिर परिचित अंदाज में अपने भाषण की शुरुआत पुरबिया भाषा में की. उन्होंने कहा, मेरी यहां आने की इच्छा पूरी हुई. संत कबीर ने समाज को सही दिशा दिखाई. कबीर की साधना मानने से नहीं जानने से आरंभ होती है. इस मौके पर पीएम ने अमरनाथ यात्रियों को भी शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने संत के दोहों को याद करते हुए कहा, कबीर को समझने के लिए किसी शब्दकोष की जरूरत नहीं है. उनकी भाषा आपकी और हमारी सीधी साधी भाषा थी. कबीर सत्य थे, इसलिए सबके हो गए. पीएम मोदी ने कहा, वह विचार बन कर आए और अपने व्यवहार से अमर हो गए.

मगहर को अंतिम समय के लिए चुना था संत कबीरदास ने

सोलहवीं सदी के महान संत कबीरदास वाराणसी में पैदा हुए और लगभग पूरा जीवन उन्होंने वाराणसी यानी काशी में ही बिताया लेकिन जीवन के आख़िरी समय वो मगहर चले आए और अब से पांच सौ साल पहले वर्ष 1518 में यहीं उनकी मृत्यु हुई.

कबीर स्वेच्छा से मगहर आए थे और इसी किंवदंती या अंधविश्वास को तोड़ना चाहते थे कि काशी में मोक्ष मिलता है और मगहर में नरक.

मगहर में अब कबीर की समाधि भी है और उनकी मज़ार भी. जिस परिसर में ये दोनों इमारतें स्थित हैं उसके बाहर पूजा सामग्री की दुकान चलाने वाले राजेंद्र कुमार कहते हैं, “मगहर को चाहे जिस वजह से जाना जाता रहा हो लेकिन कबीर साहब ने उसे पवित्र बना दिया. आज दुनिया भर में इसे लोग जानते हैं और यहां आते हैं.”

Post By Shweta