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कामदा एकादशी व्रत 2020: जानिए इस व्रत की विधि और शुभ मुहूर्त

श्री हरि विष्णु को समर्पित कामदा एकादशी का व्रत  4 अप्रैल दिन शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना व पूजा पाठ किया जाता हैं ।



धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक कामदा एकादशी का व्रत करने वालों की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं।इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य के सभी पाप और कष्ट दू हो जाते हैं।

इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से पूजा पाठ व व्रत रखता हैं उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। वही कामदा एकादशी हिंदू संवत्सर की पहली एकादशी हैं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता हैं।

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जानिए कामदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ— 3 अप्रैल 24:55 तक
एकादशी तिथि का समापन— 4 अप्रैल 22:26 बजे तक
पारणा मुहूर्त— 5 अप्रैल सुबह 06:06:14 से 08:37:19 बजे तक

कामदा एकादशी का महत्‍व 
हिन्‍दू धर्म में कामदा एकादशी का विशेष महत्‍व है. कहते हैं कि इस व्रत को करने से राक्षस योनि से तो छुटकारा मिलता ही है साथ ही व्‍यक्ति को सभी संकटों और पापों से मुक्ति मिल जाती है.

यही नहीं यह एकादशी सर्वकार्य सिद्धि और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है. मान्‍यता है कि सुहागिन महिलाएं अगर इस एकादशी का व्रत रखें तो उन्‍हें अखंड सौभाग्‍य का वरदान मिलता है.



कुंवारी कन्‍याओं की विवाह में आ रही बाधा दूर होती है. घर में अगर उपद्रव और कलेश है तो वो भी इस एकादशी के व्रत के प्रभाव से दूर हो जाता है. इस व्रत को करने से घर में सुख-संपन्नता और प्रसन्‍नता आती है.

कामदा एकादशी की पूजा विधि 
कामदा एकादशी के द‍िन भगवान व‍िष्‍णु की पूजा का व‍िधान है.
इस द‍िन तड़के सुबह उठकर पव‍ित्र नद‍ियों या किसी तीर्थ स्‍थान में स्‍नान करना अच्‍छा माना जाता है.
अगर ऐसा करना संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल छ‍िड़क कर स्‍नान करना भी शुभ होता है.
नहाने के बाद घर के मंदिर में श्री हरि विष्‍णु की प्रतिमा, फोटो या कैलेंडर के आगे दीपक जलाएं और व्रत का संकल्‍प लें.
अब भगवान विष्णु का फल, फूल, दूध, पंचामृत और तिल से पूजन करें.
श्री हरि विष्‍णु जी की पूजा में तुलसी दल अवश्‍य रखें.
तत्‍पश्‍चात सत्‍य नारायण की कथा पढ़ें.
अब भगवान विष्‍णु की आरती उतार उन्‍हें भोग लगाएं.
कामदा एकादशी का व्रत रखने वाले भक्‍त को इस द‍िन अनाज ग्रहण नहीं करना चाहिए.
अगले द‍िन यानी कि द्वादश को ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद व्रत का पारण करना चाहिए.

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Post By Shweta