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होली 2020 : जानिए कैसे बना सकते हैं होली के नेचुरल रंग घर पर ही

रंगों का त्योहार होली सभी को पसंद है, लेकिन कभी-कभी यही रंग हमारे जीवन को बदरंग कर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के कारण भी बन जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है रंगों में मिलने वाले केमिकल और शीशा। 

इसलिए हानिकारक रंगों से बचने के लिए प्राकृतिक तौर पर घर में स्वयं ही रंगों को तैयार किया जा सकता है जो स्किन के लिए फायदेमंद होते हैं।आइये जानते हैं हम होली के लिए घर पर ही नेचुरल कलर्स कैसे बना सकते हैं-

टेसू और चुकन्दर का रंग 

होली के नेचुरल रंग

बहुत लोगों को सिर्फ होली खेलना इसलिए पसंद नहीं होता क्योंकि बाजार में मिलने वाले रंगों से नुकसान होता है। रंगों के डर से लोग इस खूबसूरत त्योहार को इन्जॉय नहीं कर पाते। लेकिन अब केमिकल के डर को मन से निकाल कर आप घर पर नेचरल रंग बना सकते हैं जिससे होली का मजा भी फीका नहीं पड़ेगा और रंग से नुकसान भी नहीं होगा। चुकंदर और टेसू के फूलों से आसानी से रंग बनाया जा सकता है। रंग बनाने के लिए चुकंदर साफ करके इसे कद्दूकस कर लें।इसके बाद पानी में डालकर उबालें, फिर थोड़ी देर ठंडा होने दें। इससे गहरा पर्पल रंग आ जाएगा। यह रंग स्किन से आसानी से उतर जाता है।



वहीं, टेसू के फूल तोड़कर इसे भी पानी में डालकर उबालें। यह फूल अपना रंग छोड़ देंगे और इसे ठंडा होने पर इस्तेमाल करें। यह गहरा ऑरेज शेड देगा। इस रंग से खुशबू भी आती है। इन रंगों की यही खासियत है इन्हें आसानी से बनाया जा सकता है। होली से कुछ दिन पहले ही रंग बनाने की तैयारियां कर दीजिए। बच्चों को यह रंग पसंद आते हैं। घर में ही रंग-गुलाल बनाकर पैसे भी बचा सकते हैं और सेहत का ध्यान भी रख सकते हैं।

चन्दन और सूखे लाल गुड़हल के फूल का रंग 

चंदन से बना रंग त्वचा के लिए बिलकुल भी हानिकारक नहीं है। इससे सुर्ख लाल और मुल्तानी रंग बनते हैं। लाल सूखा रंग बनाने के लिए लाल चंदन की लकड़ी के पाउडर में सूखे लाल गुड़हल के फूल पीसकर मिलाएं। गीला लाल रंग बनाने के लिए चार चम्मच लाल चंदन पाउडर को पांच लीटर पानी में डालकर उबालें और इसे 10 लीटर पानी में मिलाकर डाइल्यूट करें। अनार के दानों को पानी में उबालने से भी गाढ़ा लाल रंग आता है। इन रंगों से बच्चे होली खेलेंगे तो इससे किसी नुकसान का डर भी नहीं है।

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गुड़हल और सेमल के फूल का रंग 

गुड़हल और सेमल के फूलों से गहरा नारंगी और हल्का लाल रंग तैयार किया जा सकता है। फूल तोड़ने के बाद साफ करें और सूखने दें। होली से एक दिन पहले इसे बाल्टी में या फिर बोतल में डालकर इसमें पानी भर दें। इन्हें अब पूरी रात के लिए छोड़ दें। यह गहरा नारंगी रंग तैयार हो जाएगा। खासियत है कि इससे खुशबू भी आएगी। इन रंगों से बच्चों के साथ-साथ पूरा परिवार होली खेलकर रंगों के त्योहार को भरपूर इन्जॉय कर सकता है। इतना ही नहीं, घर में नेचरल कलर बनाकर होली के मौके पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को यह रंग तोहफे में भी सकती हैं, ताकि सभी अच्छे रंगों से होली खेलें।

https://www.earthinspired.in/collections/gulal
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अन्य प्राकृतिक रंग

  • पीले रंग के लिए हल्दी सबसे अच्छी है। टेसू के फूलों को पानी में उबाल कर पीला रंग तैयार किया जा सकता है। अमलतास और गेंदे के फूलों को पानी में उबालकर भी पीला रंग बनाया जा सकता है।
  • नीला गुलाब, जकरांदा के फूलों को सुखाकर नीला रंग तैयार किया जा सकता है। वहीं इन्हें उबालकर या पीसकर आप गीले रंग भी आसानी से बना सकते हैं।
  • जामुनी रंग तैयार करने के लिए चुकंदर को पीसकर, इसे छानकर पानी मिलाएं और इसे भि‍गोकर रखें  रहने दें।कुछ समय बाद यह गहरा जामुनी रंग देगा, जिसका इस्तेमाल आप होली खेलने के लिए कर सकते हैं।
  • पलाश या टेसू के फूलों को भि‍गोर या उबालकर केसरिया रंग तैयार केया जा सकता है। सूखा रंग बनाने के लिए इन्हें अच्छी तरह से सुखा लें और अरारोट या चिकना आटा मिलाकर रंग तैयार करें।



  • केसर की कुछ पत्त‍ियों को पानी के साथ पेस्ट बनाकर रखें और बाद में ज्यादा पानी में घोल दें। इससे भी केसरिया रंग तैयार होगा।
  • काला रंग तैयार करने के लिए काले अंगूर के जूस को पानी में मिलाकर रंग बनाएं। इसके अलाव गहरा या कत्थई रंग तैयार करने के लिए हल्दी पाउडर और बेकिंग सोडा को मिलाकर रंग बनाया जा सकता है।
  • हरा रंग बनाने के लिए पालक या मैथी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे पीसकर या उबालकर गीला रंग, और इसके पेस्ट को सुखाकर अरारोट या चावल के आटे के साथ पाउडर वाला सूखा रंग आसानी से बनाया जा सकता है। आप चाहें तो गेहूं के जवारों से भी हरा रंग बना सकते हैं।
Post By Shweta