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हलषष्ठी 2020: जानिये हलषष्ठी की पौराणिक व्रत कथा

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को बलराम जयंती यानी हल षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। उनका प्रमुख शस्त्र हल और मूसल है इसलिए इस दिन किसान हल की पूजा करते हैं।



साथ ही माताएं अपने पुत्रों के लिए व्रत करती हैं। इस दिन हल से जुता हुआ कुछ भी नहीं खाया जाता है। हल षष्ठी को लेकर भी एक पौराणिक कथा प्रचलित है जिसे इस दिन व्रत करते हुए सुनना चाहिए।

पौराणिक कथा 

हलषष्ठी 2020: जानिये हलषष्ठी की पौराणिक व्रत कथा

प्राचीन काल में एक ग्वालिन थी। जल्द ही उसका बच्चा होने वाला था। जहां एक तरफ वो प्रसव के दर्द से व्याकुल थी वहीं, दूसरी तरफ मन गौ-रस (दूध-दही) बेचने के लिए परेशान था। ऐसे में उने सोचा की अगर प्रसव हो गया तो गौ-रस का क्या होगा। वो ऐसे ही पड़ा रह जाएगा। इसी सोच में उसने अपने सिर पर दूध और दही के घड़े रखे और चल दी। लेकिन कुछ ही देर बाद उसे असहनीय पीड़ा होने लगी। हड़बड़ी में वो झरबेरी की एक ओट में चली गई और वहां उसने एक बच्चे को जन्म दिय

दूध-दही बेचने के लिए उसने बच्चे को वहीं छोड़ा और चली गई। संयोग से उस दिन हल षष्ठी थी। ग्वालिन ने गाय-भैंस के मिश्रित दूध को गांव वाले को केवल भैंस का दूध बताकर बेच दिया। जहां पर ग्वालिन ने बच्चा छोड़ा था वहीं पास में एक किसान हल जोत रहा था। अचानक से बैल भड़क उठे और हल का फल बच्चे के शरीर में घुस गया। इससे बालक की मृत्यु हो गई। इस घटना से किसान को बहुत दुख हुआ। लेकिन उसने हिम्मत से काम लिया और झरबेरी के कांटों से बच्चे के पेट में टांके लगा दिए। किसान उस बच्चे को वहीं छोड़कर चला गया।

जब ग्वालिन दूध बेचकर वापस आई तो उसने बच्चे को मरा हुआ देखा और उसे लगा कि यह उसके पाप की सजा है। उसने सोचा की अगर वो झूठ बोलकर दूध नहीं बेचती तो उसका बच्चा न मरता। मिश्रित दूध से गांव की स्त्रियों का धर्म भ्रष्ट हुआ और उसके बच्चे की मृत्यु हो गई। उसने सोचा कि वो वापस जाकर सभी को सच बता दे और प्रायश्चित कर ले। इसी सोच के साथ वो गांव पहुंची और जहां-जहां उसने दूध-दही बेचा था वहां-वहां जाकर उसने अपनी करतूत का बखान किया। तब स्त्रियों ने स्वधर्म रक्षार्थ और उस पर रहम खाकर उसे क्षमा कर दिया। उसे आशीर्वाद भी दिया।



आशीर्वाद पाकर जब वो वापस झरबेरी के नीचे पहुंची तो उसने देखा कि उसका पुत्र जीवित है। तभी उसने अपने स्वार्थ के लिए झूठ बोलने का प्रण लिया।

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Post By Shweta