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वैवाहिक गीत शृंखला : भारतीय विवाहों में गाए जाने वाले गीत

वैवाहिक गीत शृंखला : भारतीय विवाहों में गाए जाने वाले गीत

  • प्रीति श्रीवास्तव
मौसम में हल्की हल्की ठंड है,आस्माँ में खिलता हुआ चाँद है और साथ ही आ गया है एक बार फिर शादी-ब्याह का मौसम. हमारे भारतीय समाज में शादी कितनी अनूठी होती है आप सब जानते हैं, अनगिनत रस्मों-रिवाज बहुत सी पुरानी प्रथाएँ ढेर सारी मस्ती, ढोल नगाड़े और बहुत सा नाच-गाना.
पहले शादी की तारीख़ तय होते ही लगभग एक माह पहले से ही घर में गाने-बजाने का माहौल बन जाता था.
घर की बड़ी बुजुर्ग महिलायें तो शादी से सम्बंधित कोई भी काम गाने के बिना शुरू ही नहीं करती थी, चाहे वो चावल बीनना हो या, मिट्टी के चूल्हे बनाना,घर की सारी औरतें तो रहती ही थीं आस पड़ोस से भी लोगों को बुला लिया जाता था जो काम करवाने में भी हाथ बँटाती थी और गीत-संगीत में भी पूरे उत्साह से जुट जाती थीं. काम भी होता था और मनोरंजन भी. ये एक बहुत ही अनूठी और विशेष बात है की हमारे समाज में ही हर रस्म के लिए अलग-अलग गाने होते हैं. 
ज़माना अब बहुत बदल गया है, अभी हम लोगों को ही याद है की घर में शादी-ब्याह या कोई ख़ुशी का मौक़ा हो तो लोग घर में ही ढोलक की थाप और गुँघरु की छनक के साथ अपना सुर मिला कर पूरा घर ही गूंजा देते थे.दादी,नानी,मामी,चाची,बुआ सब आतुर रहते थे अपना गाना गाने के लिए,सबके पास ख़ज़ाना होता था और सब मिलकर घर गुलज़ार कर देती थीं.अब ना तो वो लोग है ना ही वो समय,बस D.J.लगवा लिया कानफाड़ू Bollywood के गाने बजा कर ही संतुष्ट हो लेते हैं.पर मैं चाहती हूँ की ये परम्परा जारी रहे चाहे थोड़ा ही समय निकाले और पारम्परिक लोकगीत गायें .
मैं पूरी कोशिश करूँगी की लगभग सभी रस्मों के गीत आप तक पहुँचा सकूँ. 
तो लीजिए इस वैवाहिक गीत शृंखला में कुछ पारम्परिक विवाह गीत, आनंद उठायें.
 
 
“विवाह गीत “
“साँवर दुल्हा”
तोहार दुल्हा हो, तोहार दुल्हा 
साँवर साँवर सूरतिया तोहार दुल्हा,
साँवर साँवर.
गोरे गोरे लखन, रंगदार दुल्हा,
हो तोहार दुल्हा,हो तोहार दुल्हा,
साँवर साँवर.
केहु हाथी चढल केहु घोड़ा चढल,
केहु ऊँट पर सवार बराती चलल
केहु हाथी.
धुन पालकी चढल हाँ, सुकुमार दुल्हा,
तोहार दुल्हा हो,
साँवर साँवर सूरतिया तोहार दुल्हा,
तोहार दुल्हा .
देखीं शोभा मढ़वा के, मनवा भरल
देखी शोभा .
हीरा मोती जड़ल, इनरासन बनल,
हीरा मोती.
धुन बरसेला बन के, फुहार दुल्हा,
तोहार दुल्हा.
साँवर साँवर सूरतिया तोहार दुल्हा,
तोहार दुल्हा.
गोरे गोरे लखन, रंगदार दुल्हा,
साँवर साँवर सूरतिया तोहार दुल्हा,
राम सीता मिलन,सुन के चलल पवन,
राम सीता मिलन.
जब जुटल सनेहिया, तब रोके कवन,
कईसन जोड़ी जुडल, सरकार दुल्हा,
कईसन जोड़ी जुडल.
तोहार दुल्हा हो तोहार दुल्हा,
साँवर साँवर सूरतिया तोहार दुल्हा.
गोरे गोरे लखन,रंगदार दुल्हा,
साँवर साँवर सूरतिया तोहार दुल्हा.
“झिर झिर बुनिया”
झिर झिर बुनिया हो,झिर झिर बुनिया,
कंहवा से पडेला,कंहवा से पडेला,
सिया दुल्हनियाँ, पडेला झिर झिर बुनिया,
कंहवा से,कंहवा से सिया दुल्हनियाँ,
झिर झिर बुनिया हो.
कंहवा से आवत बाने राम धनुधारियाँ,
कंहवा से आवत.
कंहवा से,कंहवा से,सिया दुल्हनियाँ 
पडेला झिर झिर बुनिया,
अयोध्या से आवत बाने राम धनुधारियाँ,
अयोध्या से.
पडेला झिर झिर बुनिया 
कोहबर से,कोहबर से,सिया दुल्हनियाँ,
पडेला झिर झिर बुनिया ,
झिर झिर बुनिया हो,झिर झिर बुनिया.
रथवा चढल आवे राम धनुधारियाँ,
रथवा चढल आवे.
पडेला झिर झिर बुनिया ,
पालकी पर सिया दुल्हनियाँ
पडेला झिर झिर बुनिया ,
झिर झिर बुनिया हो झिर झिर बुनिया 
सेनुरा उठावत बाने राम धनुधारियाँ,
सेनुरा उठावत बाने.
पडेला झिर झिर बुनिया,
घूँघटा उठावे सिया दुल्हनियाँ,
पडेला झिर झिर बुनिया,
झिर झिर बुनिया हो झिर झिर बुनिया,
पडेला झिर झिर बुनिया.
“फूल लाओ”
फूल लाओ मलिनिया सजा डालो,
फूल लाओ .२.
जूही फूल लाओ चमेली फूल लाओ,
जूही फूल .
कलियन से सेज सज डालो,
फूल लाओ मलिनिया सज डालो,
फूल लाओ.
काहे के सूत काहे के री सुइयाँ,
काहे के .२.
किनके गले में पहना डालो,
फूल लाओ मलिनिया सज डालो,
फूल लाओ.
रेशम के सूत सोने के री सुइयाँ,
रेशम के.
राम जी के गले पहना डालो,
फूल लाओ मलिनिया सज डालो,
फूल लाओ.
दस पाँच सखी मिल मंगल गाओ,
दस पाँच.२.
राम जी के कोहबर सज डालो,
राम जी के.
फूल लाओ मलिनिया सज डालो,
फूल लाओ .
“सुना हो पाहुन”
सुना हो पाहुन लावा धीरे धीरे छींटहे,
सुना हो पाहुन.३.
धनवा भूजी हम लावा बनवली,
धनवा भूजी .२.
सुना हो पाहुन लावा चोरी ना करीह,
सुना हो पाहुन लावा धीरे धीरे छींटहे,
सुना हो.
दुल्हा दुल्हिन के गाँठिया जोड़ाइल,
दुल्हा दुल्हिन.
सुना हो पाहुन.
सुना हो पाहुन देख साथ निभाइहे,
सुना हो पाहुन देख साथ निभाइहे,
सुना हो पाहुन,
सुना हो पाहुन लावा धीरे धीरे छींटहे,
सुना हो पाहुन.
“पिया के नगरियाँ”
पिया के नगरिया चलली दुल्हनियाँ,
संघवा में डोली कंहार रे 
चलली दुल्हनियाँ,पिया के नगरिया ,
पिया के .
बाबा जे रोवे रामा बैठ दुवरिया,
दादी के अँखियाँ लाल रे,
पिया के नगरिया.
संघवा में डोली कंहार रे,
पिया के नगरिया.
अम्माँ जे रोवे रामा मली मली अँखियाँ,
बाबू रोवे दिल थाम रे,
पिया के नगरिया.
संघवा में डोली कंहार रे,
पिया के नगरिया.
चाचा जे रोवे रामा बैठ दलनिया,
चाची जे रोवे अँचरा थाम रे,
पिया के नगरिया.
संघवा में डोली कंहार रे,
पिया के नगरिया.
बहिनी जे रोवे रामा खड़ी अंगनवा,
भैया जे रोवेले डोलिया थाम रे,
पिया के नगरिया.
संघवा में डोली कंहार रे,
पिया के नगरिया चलली दुल्हनियाँ,
संघवा में डोली कंहार रे,
पिया के नगरिया.
“सेनूरवा”
बेटी चुटकी सेनूरवा भईल परायी,
बेटी चुटकी.२.
ससुरवा लोगवा आइ गैले ना,
बेटी चुटकी .
जो हम जानती ससुरवा लोगवा आइहे,
जो हम जानती .
दादी के गोदिया में जाती लुकाई,
ससुरवा लोगवा घूम जैहे ना,
जो हम .
बेटी चुटकी.
ससुरवा लोगवा.
बेटी चुटकी सेनूरवा भईल परायी,
ससुरवा लोगवा आइ गईले ना,
जो हम जानती ससुरवा लोगवा आइहे,
अम्माँ के गोदिया में जाती लुकाई,
ससुरवा लोगवा घूम जैहे ना,
जो हम.
बेटी चुटकी .
ससुरवा लोगवा.
जो हम जानती ससुरवा लोगवा आइहे,
भाभी के गोदिया में जाती लुकाई,
ससुरवा लोगवा घूम जैहे ना,
जो हम .
बेटी चुटकी.
ससुरवा लोगवा.
जो हम जानती ससुराल लोगवा आइहे,
दीदी के गोदिया में जाती लुकाई,
ससुरवा लोगवा घूम जैहे ना,
जो हम .
बेटी चुटकी.
ससुरवा लोगवा.
बेटी चुटकी सेनूरवा भईल परायी,
ससुरवा लोगवा आइ गैले ना.
बेटी चुटकी.
ससुरवा लोगवा.
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साभार – https://sanjhaabhor.blogspot.in
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