Post Image

वसुधैव कुटुम्बकम व इंसानियत के सिद्धान्त ही सर्वोपरि – साध्वी भगवती सरस्वती

वसुधैव कुटुम्बकम व इंसानियत के सिद्धान्त ही सर्वोपरि – साध्वी भगवती सरस्वती 

  • साध्वी भगवती सरस्वती जी ने संयुक्त राज्य अमेरिका इंस्टीट्यूट ऑफ पीस, में अंतर्राष्ट्रीय रिपब्लिकन द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में किया सहभाग
  • वसुधैव कुटुम्बकम व इंसानियत के सिद्धान्त ही सर्वोपरि – साध्वी भगवती सरस्वती 
  • सर्वधर्म गुरुओं को साथ लेकर शांति और मानव कल्याण के लिये प्रयास करने पर हुई चर्चा

वाशिंगटन/ऋषिकेश, 31 जुलाई। ग्लोबल इण्टरफेथ वाॅश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ पीस, में अंतर्राष्ट्रीय रिपब्लिकन द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में भाग लिया। इस कार्यक्रम में धर्मो की भूमिका, धार्मिक गुरुओं एंव सर्वधर्म धर्म स्वतंत्रता पर शांति-स्थापना और हिंसक उग्रवाद का सामना आदि विषय पर विस्तृत चर्चा हुई।

साध्वी भगवती सरस्वती जी ने मॉडरेटर के सवालों के जवाब देते हुयेे कहा कि सर्वधर्म गुरुओं को साथ लेकर शांति और मानव कल्याण के लिये जो प्रयास किये गये है वो मानवता के परिप्रेक्ष्य से कमतर ही है। साध्वीजी ने जोर देते कहा कि हिंदू संस्कृति सृष्टि की एकता, ईश्वर को पाने के अनेक रास्तों, वसुधैव  कुटुम्बकम व इंसानियत के सिद्धान्तों पर आधारित है। मनुर्भव का संदेश देने वाली, सब में परमात्मा का दर्शन करने वाली, सब को एक समान देखने वाली संस्कृति है, जो सभी के प्रति सद्भाव रखती है, सभी को अपना परिवार मानती है इसलिये हमें किसी का धर्म परिवर्तन करके उनको अपनी जड़ों से नहीं काटना चाहिये, सभी अपनी-अपनी जड़ों से जुड़े रहे यही सबसे बड़ी विशेषता होनी चाहिये। उन्होने कहा कि धर्म जोड़ता है किसी को भी कहीं से तोड़ता नहीं।

साध्वी जी ने कहा कि विभिन्न धर्मों के गुरुओं, विभिन्न धर्मो के अनुयायियों, समुदाय के लोगों और छात्रों को एक साथ काम करने, एक साथ रहने, और एक साथ अपने धर्मो के विचारों को साझा करने की आवश्यकता है। उनके अनुसार हमंे अपने मानवता के मूलभूत स्तम्भ पर केंद्रित होना चाहिये। उन्होने कहा कि सबसे पहले हम इंसान है फिर हम हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध या यहूदी हैं।
साध्वी जी ने कहा कि ग्लोबल इंटरफेथ वाॅश एलाएंस (जीवा) विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं को साथ लेकर शुद्व पेयजल, वृक्षारोपण, शौचालयों के निर्माण, महिलाओं के अधिकार, गली मौहल्लों की सामुहिक सफाई, छोटे स्कूलों के भवनों व बच्चों का संतुलित विकास आदि विषयों पर कार्य कर रही है।

इस कार्यक्रम में शेख अब्दुल्ला बिन बेयाह, फोरम फॉर प्रमोटिगं पीस इन मुस्लिम सोसायटी, कार्डिनल जॉन ओलोरुनफेमी ओनाईकन नाइजीरिया के अबूजा के कैथोलिक आर्कबिशप, रिपब्लिक फ्रैंक वुल्फ (आर-वीए), वर्जीनिया से पूर्व अमेरिकी प्रतिनिधि, नैन्सी लिंडबोर्ग, अध्यक्ष, यू.एस. इंस्टीट्यूट ऑफ पीस, टोनी गररास्ताजू, वरिष्ठ निदेशक, वैश्विक प्रभाव केंद्र, अंतर्राष्ट्रीय रिपब्लिकन संस्थान, हुमारा खान, अध्यक्ष, मुफ्लेहुन, ओलिवर विल्कोक्स, उप निदेशक, काउंटरिंग हिंसक अतिवाद, आतंकवाद ब्यूरो, अमेरिकी राज्य विभाग, रेव सुसान हेवार्ड, वरिष्ठ सलाहकार, धर्म और समावेशी समाज, यू.एस. इंस्टीट्यूट ऑफ पीस आदि लोग भी शामिल थे।

Post By Religion World