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कब आएगा सावन का पहला सोमवार? जानिए 

कब आएगा सावन का पहला सोमवार? जानिए 

जब आषाढ़ की बारिशें धरती को भीगाने लगती हैं, जब पेड़ों की हरियाली आंखों को ठंडक देने लगती है, और जब मंदिरों की घंटियों के साथ “ॐ नमः शिवाय” की ध्वनि गूंजती है — तब जान लीजिए कि सावन आ गया है। हर साल की तरह इस बार भी शिवभक्त बेसब्री से सावन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है — सावन 2025 में कब से शुरू हो रहा है, और उसका पहला सोमवार कौन-सा दिन होगा?

2025 में सावन मास की शुरुआत 10 जुलाई, गुरुवार से हो रही है। यह दिन श्रावण मास की कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि से जुड़ा है। यही वो दिन होता है जब धरती पर शिवभक्ति की वर्षा शुरू होती है। लोग व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, कांवड़ लेकर हरिद्वार और गंगोत्री जैसे तीर्थ स्थानों से जल भरकर अपने शहरों के शिवालयों में चढ़ाते हैं। यह माह सिर्फ एक त्योहार नहीं, एक भाव है — ईश्वर से जुड़ने का, आत्मा को शुद्ध करने का, और जीवन में स्थिरता लाने का।

सावन का पहला सोमवार इस बार 14 जुलाई 2025 को पड़ रहा है। यही वह दिन है जिसका इंतज़ार शिवभक्त पूरे वर्ष भर करते हैं। मान्यता है कि सावन के सोमवार को व्रत और शिव पूजन करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य मिलता है और भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। विवाह की इच्छुक कन्याओं के लिए यह सोमवार अत्यंत फलदायक माना जाता है। वे पूरे दिन उपवास रखकर शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाती हैं, और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।

शिवपुराण के अनुसार, श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस माह में एक-एक सोमवार का अलग महत्व है। भक्त प्रातःकाल स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र पहनकर, हाथ में बेलपत्र और गंगाजल लेकर मंदिर जाते हैं। शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं, ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करते हैं और रुद्राभिषेक कराते हैं। यह एक गहरी साधना है — बाहर से भी और भीतर से भी।

2025 में सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को आएगा। लेकिन हर सोमवार की अपनी अलग छाप होती है। वातावरण में भक्ति की सुगंध होती है, मंदिरों में मंत्रोच्चारण की मधुरता, और हर भक्त की आंखों में एक उम्मीद — कि इस बार भोलेनाथ ज़रूर सुनेंगे।

सावन का यह महीना सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है। यह समय है स्वयं से जुड़ने का, अपने अंदर के शिव को जगाने का, और जीवन को सरल, शुद्ध व सात्विक बनाने का। यदि आपने अब तक सावन के महत्व को सिर्फ सुना है, तो इस बार उसे अनुभव कीजिए। उठिए, अपने नज़दीकी शिव मंदिर जाइए, शिव को जल अर्पित कीजिए और एक क्षण के लिए सब कुछ छोड़कर बस उनसे जुड़ जाइए।

क्योंकि जब आप शिव के हो जाते हैं, तब संसार की कोई चिंता आपको छू नहीं सकती।
हर हर महादेव!

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

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