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स्वामी रामदेव ने ऋषिकेश में सुनी रामकथा

ऋषिकेश, 22 मई। आज परमार्थ निकेतन आश्रम में विश्वविख्यात योगगुरू स्वामी रामदेव जी महाराज पधारे। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज का भव्य स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
   
पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने स्वामी रामदेव जी महाराज का भाव भरा अभिनन्दन करते हुये कहा, ’पूज्य महाराज श्री वैश्विक संत है, उन्होने ऋषियों की अमूल्य धरोहर ’योग’ रूपी संपदा को धरती के कोने-कोने तक; दुनिया के प्रत्येक घर तक और प्रत्येक व्यक्ति के लिये सहज एवं सुगम बनाया। महाराज श्री ने विश्व को योगरूपी की सौगात प्रदान की है। योग भीतर की अशुद्धि को समाप्त कर अन्तःकरण में स्वच्छ एवं शान्त वातावरण निर्मित करता है। उन्होने कहा कि अब हमें मिलकर बाहरी वातावरण को भी प्रदूषण मुक्त कर ’स्वच्छ भारत, हरित भारत’ का निर्माण करना है।’
 
दोनों आध्यात्मिक गुरूओं ने आज ’विश्व जैवविविधता दिवस’ पर जैवविविधता की समरसता को बनाये रखने वाले मुद्दों पर चर्चा की। चर्चा के दौरान पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा की धरती पर सभी जीव-जन्तुओं एवं पेड़-पौधों को अपना अस्तित्व बनाये रखने का अधिकार है। परन्तु द्रुतगति से बढते़ जल, वायु एवं भूमि प्रदूषण के कारण धरती की विविधता नष्ट होने के कगार पर है अतः हमें नकारात्मक बदलावों को काबू कर सकारात्मक परिवर्तन लाना होगा क्योंकि ’प्रकृति की पूजा ही परमेश्वर की पूजा है।’

श्री रामकथा के पावन अवसर पर योगगुरू स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा, ’भारत के आध्यात्मिक अंबर पर पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ऐसे संत है जिन्होने प्रकृति, पर्यावरण, नदियों एंव मानवता की सेवा को ही अपनी  साधना  बना लिया है। उनके जीवन का लक्ष्य;  उनके जीवन का उद्देश्य ही है दुनिया के लोगो को स्वच्छ, स्वस्थ एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण देना और उसके लिये वे निरन्तर प्रयासरत है।  पूज्य स्वामी जी धरती माँ एवं गंगा माँ को प्रदूषण मुक्त, अविरल और निर्मल बनाने के लिये भी प्रयत्नशील है। अब हम सभी का कर्तव्य है कि पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छता की इस मुहिम में सहयोग प्रदान कर ’स्वच्छ भारत, हरित भारत, स्वस्थ भारत, समुन्नत’ भारत का सपना साकार करें। पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कथा व्यास स्वामी मुरलीधर जी महाराज को आज उनके विवाह दिवस की वर्षगांठ पर शुभकामनायें देते हुये दिव्य श्रीराम कथा के लिये साधुवाद दिया।

Sri Murlidharji Maharaj doing Ramkatha in Parmarth Niketan
Sri Murlidharji Maharaj doing Ramkatha in Parmarth Niketan

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने योग की पताका को पूरे विश्व में फहराने के लिये स्वामी रामदेव जी महाराज को साधुवाद देते हुये शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। दोनों पूज्य संतों ने कथा व्यास स्वामी मुरलीधर जी महाराज को विवाह दिवस की वर्षगांठ पर शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। इस पावन अवसर पर जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महसचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, दिल्ली से आये गोस्वामी सुशील जी महाराज एवं अन्य गणमाण्य अतिथि उपस्थित थे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने ’विश्व जैवविविधता दिवस’ पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को ’स्वच्छ ग्रह, हरित ग्रह’ का संकल्प कराया।

Post By Religion World