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मुक्ति, भक्ति, कर्म और शान्ति का संदेश देने वाला महान ग्रन्थ है ’गीता’- स्वामी रामदेव

मुक्ति, भक्ति, कर्म और शान्ति का संदेश देने वाला महान ग्रन्थ है ’गीता’ – स्वामी रामदेव

  • वानप्रस्थ आश्रम में स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज के मुखाबिन्द से हो रही ’भगवत गीता’ की दिव्य कथा में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और स्वामी रामदेव जी महाराज ने किया सहभाग
  • गीता’, सार्वभौमिक और सार्वलौकिक ग्रंथ – स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 13 जुलाई। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, पतजंलि योगपीठ के संस्थापक योगगुरू स्वामी रामदेव जी महाराज ने वानप्रस्थ आश्रम में स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज की दिव्य कथा में सहभाग किया। स्वामी गोविन्द देव जी महाराज ने आज की दिव्य कथा में ’भगवत गीता’ के व्यावहारिक स्वरूप की व्याख्या की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और स्वामी रामदेव जी महाराज ने स्वामी गोविन्द देव जी महाराज को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। तीनों पूज्य संतों ने रूद्राक्ष के पौधे हाथों में लेकर श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ’’भगवत गीता हमें पूजा पद्धति नहीं बल्कि जीवन पद्धति का ज्ञान कराती है। गीता का दर्शन हमें कर्म प्रधान जीवन जीने का संदेश देता है; गीता हमारे अंतस के प्रकाश को प्रकाशित करने वाला महान ग्रंथ है। वेद वाक्य, समोऽम सर्व भूतेषु अर्थात मैं सब में समान रूप से विराजमान हूँ तो हम क्यों भेदभाव करते है आईये हम संकल्प ले कि मानव-मानव एक समान सब के भीतर है भगवान अर्थात सब में ईश्वर है। आत्मवत् सर्व भूतेषु, अपनी तरह ही दूसरों को भी मानो जब यह भाव आ जायेगा तो हम न तो किसी को दुःख देंगे और न परेशान करेंगे न किसी का बुरा सोचेगे न किसी की बुराई करेगे अतः इन मंत्रों को अपने जीवन में लाये। हिन्दू धर्म का यह सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ ’’गीता’’ पूरे विश्व के लिये है, सार्वभौमिक, सार्वलौकिक है।’’

स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा कि ’’स्वार्थ से उपर उठकर परमार्थ की यात्रा कराती है भगवत गीता; अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाने और मृत्यु से अमरत्व की ओर ले जाने की यात्रा है भगवत गीता। मुक्ति, भक्ति, कर्म और शान्ति का संदेश देने वाला महान ग्रन्थ है गीता।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, स्वामी रामदेव जी महाराज और स्वामी गोविन्द देव जी महाराज ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित भक्तों और श्री ज्ञानेश्वर गुरूकुल के विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।

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