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स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ’’राष्ट्रीय श्रेष्ठता अवार्ड’’ से सम्मानित

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ’’राष्ट्रीय श्रेष्ठता अवार्ड’’ से सम्मानित

  • राष्ट्रीय श्रेष्ठता अवार्ड से पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, प्रोफेसर मंजुल भार्गव, डाॅ. वी. के. सारस्वत, जापानी लेखक और दार्शनिक डाॅ. सेंगाकू मायेदा को भी राष्ट्रीय श्रेष्ठता पुरस्कार से नवाजा गया
  • परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज को देश ही नहीं पूरा विश्व और भी संस्थायें अलग-अलग विषय पर सम्मानित करती रहती है यह बहुत ही गौरव का विषय है और पुनः उसी श्रंखला में राष्ट्रीय श्रेष्ठता पुरस्कार से सम्मानित किया गया
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, नदियों एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे अद्भुत कार्यो के लिये किया सम्मानित
    सन्मुखानन्द चन्द्रशेकरेन्द्र सरस्वती सभागार, मुम्बई में आयोजित किया सम्मान समारोह

ऋषिकेश, 22 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाॅश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज को ’’राष्ट्रीय श्रेष्ठता अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया। यह विशिष्ट पुरस्कार ’द साउथ इण्डियन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा ’नोबल सोल’ को सार्वजनिक नेतृत्व, समुदाय नेतृत्व, पब्लिक सर्विस, साइंस एंड टेक्नोलाॅजी, दर्शनिक एवं सामाजिक विचारकों को प्रदान किया जाता है।
’’राष्ट्रीय श्रेष्ठता अवार्ड’’ पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, प्रोफेसर मंजुल भार्गव, डाॅ. वी. के. सारस्वत, जापानी लेखक और दार्शनिक डाॅ. सेंगाकू मायेदा को राष्ट्रीय श्रेष्ठता पुरस्कार से नवाजा गया। इस से पूर्व भारत की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी, स्वर कोकिला लता मंगेशकर, महानायक अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय अभिनेता को भी ’’राष्ट्रीय श्रेष्ठता अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया था।


पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी विशिष्ट अतिथियों को एनसीसी गार्ड आफॅ ऑनर्स दिया गया। सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत प्रोफेसर गायत्री नारायणन ने किया। विशिष्ट अतिथियों के जीवन पर शार्ट फिल्म दिखायी गयी तथा प्रशस्ती पत्र का वाचन किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।


इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने संस्था के पदाधिकारियों को धन्यवाद देते हुये कहा कि यह संस्था भारतीय ज्ञान एवं वेदों में उल्लिखित विद्या का प्रतीक है। इस संस्था ने सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। कांचीपुरम के पूज्य शंकराचार्य महास्वामी जी की शिक्षायें उनके स्वयं के जीवन से अविभूत है, सत्य के प्रति उनका नजरिया अतुलनीय है, उनकी दृष्टि में सभी समान है तथा उनका आशीर्वाद धर्म और जाति से परे है।’’

संस्था द्वारा पुरस्कार स्वरूप दिव्य अभूषण युक्त लैम्प, प्रशस्ति पत्र, दो लाख पचास हजार रूपये और अंगवस्त्र भेंट किये गये।

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