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Peace, Harmony ad Human Rights galore at Parliament of World Religions 2023 Chicago

विश्व शांति, भाईचारा और मानवाधिकार पर फोकस रहा शिकागो का पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस 2023

दुनिया के धर्मों का सबसे बड़ा आयोजन शिकागो, अमेरिका में अगस्त 14-18 के बीच हुआ। पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस का शिकागो में होना एक इतिहास का फिर से घटना है। 1893 में इसी शहर में भारत से स्वामी विवेकानंद ने अपनी आवाज बुलंद की थी। विश्व धर्म संसद एक विचार है जो हर कुछ सालों में दुनिया के किसी न किसी शहर में अपनी जगह बनाता है। अपने पहले आयोजन के 130 साल बाद भी इसकी चमक और इसकी उपादेयता बनी हुई है। 2023 के पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस में लगभग 6,000 प्रतिभागी, विश्व के प्रमुख धर्म, संप्रदाय और मान्यताओं को मानने वाले सैकड़ों लोग आपको इसके गलियारे में गलबहियां करते दिख जाएंगे।

पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस

पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस के उद्धाटन पर सर्वधर्म और समाज के प्रतिष्ठित लोगों की पंक्ति ने हर धर्म की मूल भावना, प्रेम-बंधुत्व-सत्य को अच्छे रखा। ईसाई, ईस्लाम, हिंदू, बहाई, बौद्ध, जैन, सिख और कई परंपराओं के जरिए मुख्य मंच पर विविधता खिल कर उभरी। शिकागो के मेयर ब्रांडन जॉनसन ने सभी का शहर में स्वागत किया और कहा, “इस क्षण में ज़रूरत है कि हम सिर्फ शास्त्रों और हमारी पवित्र किताबों की पाठ का ही आश्रय नहीं लें, बल्कि यह हमसे मानवता के जाने जाने वाले सबसे अद्भुत कृति और शक्ति का प्रदर्शन करने की आवश्यकता है, और वह है प्रेम की क्रिया,”। पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस के चेयर ऑफ द बोर्ड नितिन अजमेरा ने भाईचारा की अपनी कहानी से सबके मन में धर्म की शक्ति की बात कही।  चेयर ने सभी से इस कार्यक्रम को पूरे हृदय से लेने की अपील की और किसी भी गलती के लिए मिच्छामी दुक्कडम का संदेश दिया।

पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस

पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस का ये नौंवा आयोजन है। इससे पहले टोरंटो, साल्टलेक सिटी, मेलबर्न, बारसीलोना, केपटाउन में इसके भव्य आयोजन हो चुके हैं। खासियत ये कि हर आयोजन में दस हजार लोग बाकायदा रजिस्ट्रेशन करवाकर इसके सैकड़ों सत्रों को सुनने आते हैं। अमूमन  पांच दिन का आयोजन होता है। जिसमें मुख्य हाल में सुबह शाम के बड़े सत्र, सांस्कृतिक आयोजन होते हैं। इसके अलावा सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक छोटे छोटे कमरों और स्थानों पर सैकड़ों सत्र चल रहे होते हैं। सत्रों के लिए लोग अपने अपने विषय-पैनल-विचार पहले से भेजते हैं और  उसे मंजूरी देता है। इस बार भी 250 के ऊपर सत्र हैं जिनमें हजारों अंतर्रधार्मिक वक्ता हिस्सा लेते हैं।

भारत से इस बार एक बड़ा सर्वधर्म समूह और कई धार्मिक-आध्यात्मिक गुरू पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस में हिस्सा ले रहे हैं। पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस की थीम इस बार “A Call to Conscience: Defending Freedom & Human Rights” है। इसे देखते हुए कई मंचों पर धार्मिक हिंसा, धर्म की वजह से होने वाले अत्याचार पर यहां के सत्रों में गंभीर चर्चा होती दिखी। भारत को लेकर कई प्रश्नों के उत्तर देते हुए सर्वधर्म के संतों ने गंभीरता से अपनी बात रखी।

Parliament of World Religions Chicago

विषयों की बात करें तो क्लाइमेट एक्शन, पीस, इंडिजेनस राइट्स, रिलीजियस हेटरेड आदि पर चर्चाएं जारी रही। हर बार की तरह लंगर के आयोजन ने यहां आने वाले हजारों लोगों को तृप्ति प्रदान की। बर्मिंघम के निष्काम सेवा जत्था ने मुफ्त लंगर चलाकर रोजाना हजारों प्रतिभागियों को भारतीय भोजन का स्वाद चखाया। निष्काम सेवा जत्था के प्रमुख भाई साहब मोहिंदर सिंह जी ने बताया कि “हम तो गुरू की सीख, सच्चा सौदा, के लिए बस काम कर रहे हैं। लंगर सच्चा सेवी है।“

पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस

पॉर्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंस एक विश्वास की जगह है। यहां पूरी दुनिया से 80 से ज्यादा धर्मों और मान्यताओं के हजारों लोग हिस्सा लेते हैं। विभिन्न धर्मों के धर्म प्रतिनिधि यहां आकर एकत्व की बात को स्वीकारते हैं और गले मिलते हैं। ऐसे आयोजन समाज और विश्व में एक आधार की तरह कार्य करते हैं।

वर्ल्ड रिलीजंस

  • भव्य श्रीवास्तव
  • bhavya@religionworld.in
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