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क्या आप जानते हैं नवरात्रि घटस्थापना का सही तरीका क्या है?

क्या आप जानते हैं नवरात्रि घटस्थापना का सही तरीका क्या है?

नवरात्रि का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है — चैत्र और शारदीय नवरात्रि। यह पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना का समय होता है। नवरात्रि का आरंभ घटस्थापना या कलश स्थापना से होता है, जो पूरे नौ दिनों के पूजन का आधार मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, घटस्थापना को शुभ मुहूर्त में, विधिपूर्वक करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यही देवी माँ की उपस्थिति का प्रतीक होता है। आइए जानते हैं घटस्थापना का सही तरीका विस्तार से।

घटस्थापना का समय और महत्व

घटस्थापना प्रायः नवरात्रि के पहले दिन प्रातः काल शुभ मुहूर्त में की जाती है। इसे प्रतिपदा तिथि पर किया जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि यदि इसे गलत समय पर किया जाए तो पूजन का पूर्ण फल नहीं मिलता।

कलश स्थापना का उद्देश्य देवी दुर्गा को अपने घर आमंत्रित करना होता है। यह कलश शक्ति, समृद्धि और मंगल का प्रतीक माना जाता है।

घटस्थापना की सामग्री

घटस्थापना के लिए जो वस्तुएँ चाहिए होती हैं, वे इस प्रकार हैं:

  • मिट्टी या पीतल का कलश (पानी से भरा हुआ)

  • नारियल (लाल कपड़े से लपेटा हुआ)

  • आम या अशोक के पत्ते

  • रोली, हल्दी, अक्षत, मौली

  • गेहूँ या जौ (अंकुरित करने के लिए)

  • मिट्टी की थाली या पात्र (जिसमें जौ बोएँ)

  • फूल, दीपक, धूपबत्ती

घटस्थापना की विधि

  1. स्थान की शुद्धि करें — जहाँ पूजन करना है वहाँ गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।

  2. जौ बोना — मिट्टी की थाली में मिट्टी भरें और उसमें जौ बो दें।

  3. कलश स्थापना — कलश में जल, सुपारी, सिक्का, अक्षत डालें और ऊपर आम के पत्ते लगाएँ। नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर मौली बाँधें और कलश के ऊपर रखें।

  4. मंत्र उच्चारण — कलश स्थापना करते समय देवी को आमंत्रित करने वाले मंत्र का उच्चारण करें, जैसे —
    “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”

  5. दीप जलाना और संकल्प — देवी माँ के सामने दीपक जलाकर संकल्प लें कि आप नौ दिनों तक श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करेंगे।

विशेष सावधानियाँ

  • घटस्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करें।

  • कलश उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।

  • स्थापना के बाद रोज़ सुबह-शाम पूजा करें।

  • नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाना शुभ माना जाता है।

नवरात्रि की घटस्थापना केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान है। सही विधि से कलश स्थापना करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। यह देवी माँ को आमंत्रित करने का एक पवित्र माध्यम है।

जब आप श्रद्धा और नियमपूर्वक घटस्थापना करते हैं, तो यह नवरात्रि साधना का शुभ प्रारंभ बन जाती है, जिससे आपकी पूजा और मनोकामनाएँ सफल होती हैं।

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

Post By Religion World