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मॉरीशस में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव : मॉरीशस के प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर भारत से संत बनेंगे खास मेहमान

मॉरीशस में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव : मॉरीशस के प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर भारत से संत बनेंगे खास मेहमान

  • मॉरीशस के प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर भारत के संत गीता महोत्सव मे भाग लेंगे
  • विश्व जनमानस गीता को जीवन पद्धति में शामिल करना चाहता है – आचार्य लोकेश

         

मारीशस/नई दिल्ली: मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रवींद जुगनौत के निमंत्रण पर भारत के कई संत मारीशस में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल होने गए हैं।  अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि गीता जयंती महोत्सव मे भाग लेने के लिए आज सुबह इन्दिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुए। मॉरीशस में 12 से 16  फरवरी तक आयोजित होने वाले गीता जयंती महोत्सव मे हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य, त्रिपुरा के राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी,हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहल लाल खट्टर, गीता मनीषी ज्ञानानन्दजी, भागवताचार्य संजीवकृष्ण ठाकुर भी भाग लेंगे।

हरियाणा सरकार द्वारा कई सालों से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन कुरूक्षेत्र में करवाया जाता है। पहली बार मारीशस देश के संयुक्त सहयोग से इसे भारत से बाहर करवाया जा रहा है। ये कार्यक्रम 13-16 फरवरी तक चलेंगे और इसमे ंविभिन्न आयोजन होंगे।

मॉरीशस सरकार के निमंत्रण पर आचार्य लोकेश ने गीता महोत्सव के लिए दिल्ली से रवाना होने से पहले कहा कि आज से पांच हजार साल पहले भगवान श्रीकृष्ण ने भारत में जीवन जीने की कला का उपदेश दिया था। जिसे आज पूरा संसार अपने जीवन पद्धति में शामिल करने के लिए इच्छुक है। गीता एक ग्रंथ ही नहीं बल्कि बेहतर जीवन जीने का सिद्धांत भी है। उन्होंने कहा कि गीता के सिद्धांतों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है। गीता जीवन को समझने और समस्याओं को सुलझाने सहायक सिद्ध होती है। गीता ने दर्शन और विज्ञान में अनेक सिद्धांत स्थापित किए हैं । गीता एक सर्वांगीण व्यक्तित्व और संतुलित समाज ने निर्माण मे सहयोग देती है।

Post By Religion World