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बौद्ध धर्म का अद्भुत, रंग बिरंगा और पवित्र त्यौहार है हेमिस

भारत एक ऐसा देश है जहाँ पूरे साल हर रोज़ कहीं ना कहीं कोई त्यौहार मनाया ही जाता है। अगर त्यौहार नहीं तो मेले का आयोजन तो ज़रूर ही होता है। इसी तरह यहाँ के लद्दाख में प्रकृति के असंख्य रंगों के साथ, यहाँ के सबसे बड़े मठ हेमिस गोंपा का एक और रंग है जो आप हेमिस के त्यौहार में देख पाएँगे।

बौद्ध धर्म का अद्भुत, रंग बिरंगा और पवित्र त्यौहार है हेमिस

लद्दाख ऐसा क्षेत्र है जो अपनी संस्कृति से अब तक जड़ता से जुड़ा हुआ है और यहाँ की शांति और यहाँ की प्रकृति का अनुभव लेने के लिए सब एक बार यहाँ की यात्रा ज़रूर करना चाहते हैं। लद्दाख के इसी शानदार खूबसूरती के साथ हम आपको एक झलक यहाँ के सबसे प्रसिद्ध और अलग त्यौहार की दिखाते हैं। हेमिस मठ 11वीं शताब्दी के पहले से ही अस्तित्व में था, जिसे सन् 1962 में लद्दाख के राजा सेंग्गे नंग्याल द्वारा फिर से बनवाया गया।

बौद्ध धर्म का अद्भुत, रंग बिरंगा और पवित्र त्यौहार है हेमिसहेमिस त्यौहार लेह से लगभग 45 किलोमीटर के दूरी पर हेमिस मठ के ही परिसर में हर साल बौद्धिक कैलंडर के अनुसार उनके पाँचवे महीने में मनाया जाता है। जो इस बार 28 जून से 30 जून तक मनाया जा रहा है। यह त्यौहार यहाँ के भगवान पद्मसम्भवा(गुरु ऋींपोचे) को समर्पित है।कहा जाता है कि उनके जीवन का बस एक ही लक्ष्य था, लोगों को अध्यात्म से जोड़ने का। यहाँ सबसे बड़ी थॅंका तस्वीर भी है जो आम लोगों के लिए 12 सालों में एक बार प्रदर्शित की जाती है।



मूल निवासी मनाते हैं यह त्यौहार 

बौद्ध धर्म का अद्भुत, रंग बिरंगा और पवित्र त्यौहार है हेमिसयहाँ के निवासी यह मानते हैं की यह त्यौहार उनके अच्छे स्वास्थ्य और धार्मिक शक्ति को बढ़ाता है।त्यौहार के कार्यक्रम मठ के मुख्य द्वार के सामने वाले परिसर में आयोजित की जाती हैं। एक उँचे चबूतरे में गद्दे पर रंग बिरंगे तिबत्तन मेज़ को रखा जाता है जिस पर अनुष्ठानिक चीज़ें परोसी जाती हैं, जैसे कि- पवित्र जल के पात्र, कच्चे चावल, टॉरमस(आटे और मक्खन को गूथकर बनाया जाने वाला मिश्रण) और अगरबत्तियाँ।

मास्क पहनकर करते हैं नृत्य

बौद्ध धर्म का अद्भुत, रंग बिरंगा और पवित्र त्यौहार है हेमिसइसके सामने ही संगीतकारों का एक ग्रूप सांस्कृतिक संगीत प्रस्तुत करता है जिसमें वे चार पैर के करताल, बड़े से ढोल, छोटी तुरही और बड़े से आकर के सुषिर वाद्य यंत्र का प्रयोग करते हैं। उनके बाद ही एक जगह पहले से बनाई जाती है जहाँ लामाओं के बैठने का इंतज़ाम होता है। इस त्यौहार में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र होता है, मास्क डांस(नकाब पहन कर नृत्य)। यह मास्क नृत्य मुख्यतः चाम्स द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। यह रंग बिरंगा मेला, जहाँ कुछ सुंदर हस्तकलाओं की भी प्रदर्शनी होती है लोगों को अपनी ओर सबसे ज़्यादा आकर्षित करती है।

बौद्ध धर्म का अद्भुत, रंग बिरंगा और पवित्र त्यौहार है हेमिसनृत्य प्रस्तुत करते चाम्स तो आप जब भी अब लद्दाख यात्रा की योजना बनाएँ, तो पहले पता कर लें कि इस अद्भुत त्योहार को मनाने की अगली तारीख कौन सी है और मज़े लें वहाँ के अद्भुत रंग बिरंगे अद्वितीय त्यौहार का।

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Post By Shweta