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गणेश जी के कितने नाम हैं? जानिए उनके विशेष अर्थ

गणेश जी के कितने नाम हैं? जानिए उनके विशेष अर्थ

गणेश जी को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देवता माना गया है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत श्रीगणेश की पूजा से होती है। उन्हें केवल एक नाम से नहीं, बल्कि कई नामों से जाना जाता है। शास्त्रों में गणेश जी के 108 नाम मिलते हैं और प्रत्येक नाम उनके किसी विशेष गुण या स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है।

गणेश जी के प्रमुख नाम और उनके अर्थ

  1. गणपति – सभी गणों के स्वामी।

  2. विघ्नहर्ता – भक्तों के जीवन से विघ्न (बाधा) दूर करने वाले।

  3. सिद्धिविनायक – सिद्धि और सफलता प्रदान करने वाले।

  4. लंबोदर – बड़ा पेट रखने वाले (ज्ञान और धैर्य का प्रतीक)।

  5. एकदंत – एक ही दाँत वाले, जो त्याग और बलिदान का प्रतीक है।

  6. गजानन – हाथी के समान मुख वाले।

  7. वक्रतुंड – टेढ़ी सूंड वाले, जो असुरों का नाश करते हैं।

  8. धूम्रवर्ण – धुएँ के समान रंग वाले।

  9. बालचंद्र – मस्तक पर चंद्रमा धारण करने वाले।

  10. विनायक – श्रेष्ठ नेता और मार्गदर्शक।

🕉 108 नामों का महत्व

  • ये नाम गणपति अथर्वशीर्ष, गणेश सहस्रनाम और पुराणों में वर्णित हैं।

  • हर नाम का जप करने से अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं।

  • भक्तजन अक्सर गणेश चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी या किसी विशेष अवसर पर गणेश जी के 108 नामों का जाप करते हैं।

श्री गणेश अष्टोत्तरशतनाम :

सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लम्बोदर, विकट, विघ्नराज, विनायक, धूम्रवर्ण, भालचन्द्र, गणपति, गजानन, वक्रतुंड, शूर्पकर्ण, हेरम्ब, स्कन्दपूर्वज, अविनाश, मूषकवाहन, महाकाय, बुद्धिप्रिय, सिद्धिदायक, सर्वेश्वर, महोदर, महाबल, महाबुद्धि, सर्वज्ञ, प्रभु, पार्वतीप्रिय, शंकरात्मज, गिरीशप्रिय, गजवक्त्र, विघ्ननाशक, कुमारगुरु, भालचन्द्र, सिद्धिविनायक, विद्याधिप, सर्वमंगल, वक्रनास, धूम्रवर्ण, बालचन्द्र, कपिल, हेरम्ब, गणाधिप, सर्वविघ्नविनाशक, सर्वसिद्धिप्रद, गजमुख, महागणपति, ईशानपुत्र, सर्वभद्र, सर्वज्ञ, सर्वबुद्धिप्रद, सर्वेश्वर, महाबल, पार्वतीनंदन, शंकरप्रिय, गजानन, लम्बोदर, विनायक, गणपति, सिद्धिविनायक, गजमुख, वक्रतुंड, महाकाय, गजवक्त्र, बुद्धिप्रिय, सर्वेश्वर, विघ्नेश्वर, महागणपति, सर्वसिद्धिदायक, महाबुद्धि, सर्वज्ञ, प्रभु, शंकरप्रिय, पार्वतीप्रिय, गजानन, महाबल, वक्रनास, गजमुख, हेरम्ब, धूम्रवर्ण, भालचन्द्र, कपिल, गणाधिप, सिद्धिविनायक, गजेश्वर, महोदर, सर्वेश्वर, महाकाय, गजानन, विघ्नहर्ता, विनायक, गणपति, महागणपति, सर्वमंगल, सर्वभद्र, महाबल, सिद्धिविनायक, सर्वविघ्नविनाशक।

गणेश जी के इतने नाम इस बात का प्रतीक हैं कि वे भक्तों के हर रूप में साक्षात उपस्थित हैं। वे ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि और सफलता देने वाले देवता हैं। इसलिए चाहे हम उन्हें गणपति कहें, विघ्नहर्ता कहें या सिद्धिविनायक, आस्था और भक्ति ही सबसे महत्वपूर्ण है।

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

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