Post Image

नागपुर में विश्व शांति व समानता अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन समारोह 

नागपुर में विश्व शांति व समानता अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन समारोह 

  • केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, आचार्य लोकेश ने विश्व शांति व समानता अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया
  • विश्व शांति के लिए हमें आपसी विवादों को हल करना होगा – नितिन गडकरी  
  • विश्व शांति के लिए मन व मस्तिष्क की शांति जरुरी  – आचार्य लोकेश

भगवान बुद्ध की जन्म जयंती के अवसर पर नागपुर में महाराष्ट्र सरकार और डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर समता प्रतिष्ठान  द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘विश्व शांति व समानता अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ को, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी, अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डा. लोकेश मुनि,  महाराष्ट्र के मंत्री श्री राजकुमार बडोले सहित 11 देशों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया।

केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध के अनुसार स्वतंत्रता, समानता और न्याय से ही विश्व शांति स्थापित हो सकती है। समानता होने पर लोगो और समूहों का वर्ग, लिंग, धर्म, रंग और क्षेत्र के आधार पर उत्पिधन नहीं होता। स्वतंत्रता मिलने पर वो अपने विचार व्यक्त कर सकते है | समानता और न्याय मिलने से उनमे आपसी मतभेद उत्पन्न नहीं होते। विश्व शांति केवल तभी हासिल की जा सकती है जब हम विवादों को हल करने में सक्षम हो। धार्मिक कट्टरपंथ, विचारधारात्मक अतिवाद, आर्थिक असमानता, मानवाधिकारों का उल्लंघन, स्वतंत्रता का दमन, नसलवाद, जातीय भेदभाव, अनियंत्रित मानव प्रवृत्तियों के कारण उत्पन्न होने वाले विवादों  को हल करना जरुरी है तभी हम समाज में शांति प्राप्त कर सकते हैं।

अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि विश्व शांति के लिए सर्वप्रथम मन व मस्तिष्क की शांति पर ध्यान देना होगा |  वर्तमान की शिक्षा प्रणाली को मूल्य परक बनाना होगा। शारीरिक व बौद्धिक विकास के साथ मानसिक व बौद्धिक विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। समानता के लिए जरुरी है कि हम अपने विचारों व अस्तित्व के साथ दूसरों के विचारों और अस्तित्व का भी सम्मान करना सीखें। लोकतंत्र में मतभेद को भी विकास का माध्यम माना गया है, परन्तु जब मतभेद मनभेद का रूप धारण कर लेते हैं तब समस्या उत्पन्न होती है। हर समस्या को संवाद के द्वारा, वार्ता के द्वारा सुलझाया जा सकता है। बाबा साहब अम्बेडकर ने इसीलिए स्वतंत्रता, समानता और सामाजिक न्याय पर बल दिया था।

समापन समारोह को महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री श्री राजकुमार बडोले, श्री चंद्रशेखर बावनकुले, सांसद श्री विकास महात्मे, विधायक प्रो. जोगेंद्र कवाडे व डा. मिलिंद मने, एडवोकेट सुलेखा कुम्ब्रे, गिरीश गाँधी, कम्बोडिया की राजकुमारी सिसोवथ, फिलिपिन्स की राजकुमारी मारिया आमोर, साउथ कोरिया से मून योनोग जा, बाग्लादेश से मिथिला चौधरी, मयमनार  से डा. हिनहिनाय सहित 11 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

Post By Religion World