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नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?

नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है? नवरात्रि का आठवां दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप माँ महागौरी को समर्पित होता है। माँ महागौरी को पवित्रता, शुद्धता और करुणा की देवी माना जाता है। शास्त्रों में वर्णित है कि उनका स्वरूप अत्यंत सुंदर और निर्मल है। देवी का शरीर चमकदार सफेद रंग का होता है, जो शुद्धता और अनंत ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन उनकी पूजा करना अत्यंत शुभ माना… Continue reading नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?

 September 26, 2025

क्या आप जानते हैं? माँ कालरात्रि की पूजा करने का सही तरीका

क्या आप जानते हैं? माँ कालरात्रि की पूजा करने का सही तरीका नवरात्रि का सातवां दिन देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि को समर्पित होता है। माँ कालरात्रि को भय नाशिनी और अंधकार निवारिणी कहा जाता है। यह स्वरूप भक्तों को भय, नकारात्मक ऊर्जा और संकटों से मुक्त करने वाली मानी जाती हैं। माँ कालरात्रि की पूजा करने से मानसिक शक्ति, साहस और जीवन में सुरक्षा प्राप्त होती है। पूजा का महत्व माँ कालरात्रि… Continue reading क्या आप जानते हैं? माँ कालरात्रि की पूजा करने का सही तरीका

 September 26, 2025

क्या सच में माँ कात्यायनी करती हैं विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान?

क्या सच में माँ कात्यायनी करती हैं विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान? नवरात्रि का छठा दिन देवी दुर्गा के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी को समर्पित होता है। इन्हें शक्ति, साहस और विजय की देवी माना जाता है। विशेष रूप से माँ कात्यायनी को उन कन्याओं और महिलाओं की रक्षक माना जाता है जो विवाह संबंधी समस्याओं या देरी से पीड़ित होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में बाधाएँ… Continue reading क्या सच में माँ कात्यायनी करती हैं विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान?

 September 26, 2025

क्यों कहा जाता है माँ कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी?

क्यों कहा जाता है माँ कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी? नवरात्रि का छठा दिन देवी दुर्गा के छठे स्वरूप माँ कात्यायनी को समर्पित है। शास्त्रों में इन्हें अत्यंत शक्तिशाली देवी माना गया है। माँ कात्यायनी को प्रायः महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है, क्योंकि इन्होंने असुरों के राजा महिषासुर का वध करके देवताओं को भयमुक्त किया था। यह स्वरूप शक्ति, साहस और विजय का प्रतीक है। महिषासुर का उत्पात पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर एक पराक्रमी असुर… Continue reading क्यों कहा जाता है माँ कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी?

 September 26, 2025

क्या नवरात्रि वास्तव में महिला शक्ति का उत्सव है?

क्या नवरात्रि वास्तव में महिला शक्ति का उत्सव है? नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल आश्विन महीने में मनाया जाता है। यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना का प्रतीक है। पर सवाल यह उठता है कि क्या नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व है, या यह वास्तव में महिला शक्ति और सशक्तिकरण का उत्सव भी है? नवरात्रि का मूल उद्देश्य शक्ति और… Continue reading क्या नवरात्रि वास्तव में महिला शक्ति का उत्सव है?

 September 25, 2025

पंचमी के दिन माँ स्कंदमाता क्यों होती हैं सबसे शक्तिशाली?

पंचमी के दिन माँ स्कंदमाता क्यों होती हैं सबसे शक्तिशाली? नवरात्रि का पाँचवाँ दिन माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप माँ स्कंदमाता को समर्पित है। उन्हें भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने के कारण स्कंदमाता कहा जाता है। उनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और ममतामयी है। माँ स्कंदमाता की गोद में बाल स्कंद विराजमान रहते हैं और उनके चार हाथों में कमल तथा शिशु होते हैं। उनका यह रूप भक्तों के लिए शक्ति, करुणा और आशीर्वाद का… Continue reading पंचमी के दिन माँ स्कंदमाता क्यों होती हैं सबसे शक्तिशाली?

 September 25, 2025

क्यों कहते हैं माँ स्कंदमाता को संतान सुख और समृद्धि देने वाली देवी?

क्यों कहते हैं माँ स्कंदमाता को संतान सुख और समृद्धि देने वाली देवी? नवरात्रि के पाँचवें दिन माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप माँ स्कंदमाता की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने के कारण स्कंदमाता कहा जाता है। माँ स्कंदमाता का स्वरूप अत्यंत दिव्य और ममतामयी है। उनकी गोद में बाल स्कंद विराजमान रहते हैं और उनके चार हाथों में कमल और शिशु होते हैं। वे न केवल संतान सुख… Continue reading क्यों कहते हैं माँ स्कंदमाता को संतान सुख और समृद्धि देने वाली देवी?

 September 25, 2025

माँ स्कंदमाता की पूजा क्यों की जाती है? जानिए इसका गहरा महत्व

माँ स्कंदमाता की पूजा क्यों की जाती है? जानिए इसका गहरा महत्व नवरात्रि का पाँचवाँ दिन माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप माँ स्कंदमाता की पूजा को समर्पित होता है। माँ स्कंदमाता को भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता कहा जाता है, इसीलिए उनका नाम स्कंदमाता पड़ा। वे करुणा, मातृत्व और ममता का प्रतीक हैं। माँ स्कंदमाता की गोद में बाल स्कंद विराजमान रहते हैं और उनके चार हाथों में कमल तथा शिशु स्कंद होते हैं। उनका… Continue reading माँ स्कंदमाता की पूजा क्यों की जाती है? जानिए इसका गहरा महत्व

 September 25, 2025

मां कूष्मांडा की पूजा से किस प्रकार की रक्षा मिलती है?

मां कूष्मांडा की पूजा से किस प्रकार की रक्षा मिलती है? नवरात्रि का चौथा दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा को समर्पित होता है। इन्हें सृष्टि की जननी कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि उनके मुस्कान भरने से ब्रह्मांड की रचना हुई। मां कूष्मांडा का स्वरूप शक्ति, ऊर्जा और सौम्यता का संगम है। उनकी पूजा करने से भक्तों के जीवन से भय, नकारात्मकता और संकट दूर होते हैं और उन्हें शक्ति, स्वास्थ्य… Continue reading मां कूष्मांडा की पूजा से किस प्रकार की रक्षा मिलती है?

 September 24, 2025

मां कूष्मांडा ने मुस्कान से रचा ब्रह्मांड कैसे? सृष्टि की जननी की अद्भुत कथा

मां कूष्मांडा ने मुस्कान से रचा ब्रह्मांड कैसे? सृष्टि की जननी की अद्भुत कथा नवरात्रि का चौथा दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा के लिए समर्पित है। इन्हें सृष्टि की जननी कहा जाता है क्योंकि मान्यता है कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड की रचना उनकी दिव्य मुस्कान से हुई थी। इस रहस्यमयी कथा के कारण मां कूष्मांडा का स्वरूप न केवल अद्वितीय है, बल्कि उनकी पूजा से भक्तों को अपार शक्ति और सुख-समृद्धि… Continue reading मां कूष्मांडा ने मुस्कान से रचा ब्रह्मांड कैसे? सृष्टि की जननी की अद्भुत कथा

 September 24, 2025

मां कूष्मांडा कौन हैं? जानें नवरात्रि के चौथे दिन की पूजा विधि

मां कूष्मांडा कौन हैं? जानें नवरात्रि के चौथे दिन की पूजा विधि नवरात्रि का चौथा दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की आराधना के लिए समर्पित है। मां कूष्मांडा को सृष्टि की आदिशक्ति माना जाता है। मान्यता है कि जब ब्रह्मांड का अस्तित्व शून्य था, तब इन्हीं की मृदु मुस्कान से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। इसीलिए इन्हें ब्रह्मांड की जननी कहा जाता है। मां कूष्मांडा का स्वरूप मां कूष्मांडा का स्वरूप अत्यंत दिव्य… Continue reading मां कूष्मांडा कौन हैं? जानें नवरात्रि के चौथे दिन की पूजा विधि

 September 24, 2025

मां चंद्रघंटा की पूजा से क्या मिलते हैं चमत्कारी लाभ?

मां चंद्रघंटा की पूजा से क्या मिलते हैं चमत्कारी लाभ? नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है। इनके माथे पर अर्धचंद्र के आकार की घंटी है, जिसके कारण इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। मां का यह स्वरूप सौम्यता और वीरता का अद्भुत संगम माना जाता है। भक्तों का विश्वास है कि मां चंद्रघंटा की उपासना करने से जीवन से दुख और भय समाप्त हो जाते हैं और सुख-समृद्धि… Continue reading मां चंद्रघंटा की पूजा से क्या मिलते हैं चमत्कारी लाभ?

 September 23, 2025