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रमा एकादशी क्यों मनाई जाती है और यह इतनी खास क्यों है?

रमा एकादशी क्यों मनाई जाती है और यह इतनी खास क्यों है?

रमा एकादशी हिंदू धर्म के महत्वूर्ण व्रतों में से एक है। यह कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है और खासकर भगवान विष्णु को समर्पित होती है। रमा एकादशी का व्रत धार्मिक अनुशासन, शुद्धि और आत्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है। इसे विशेष रूप से उन लोगों द्वारा मनाया जाता है जो अपने जीवन में धर्म, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हैं।

धार्मिक महत्व:
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यकारी है। इस दिन व्रती प्रातः काल स्नान करके भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन किए गए व्रत और भक्ति से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। रमा एकादशी विशेष रूप से नरकासुर के संहार और धर्म की स्थापना से जुड़ी कथाओं में प्रसिद्ध है।

पूजा विधि और अनुष्ठान:
रमा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। स्नान के बाद व्रती साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके घर या मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन तुलसी का पत्ता, कुमकुम, अक्षत और दीपक का उपयोग पूजा में किया जाता है। व्रती भगवान विष्णु के ध्यान और भजन में समय व्यतीत करते हैं और संकल्प लेते हैं कि वे सत्य, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलेंगे।

उपवास की अवधि में कुछ लोग केवल जल पीते हैं जबकि अन्य फलाहारी व्रत रखते हैं। रात्रि में विशेष मंत्रों का जाप और कथा सुनना भी इस दिन की परंपरा में शामिल है। माना जाता है कि इस दिन की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं।

रमा एकादशी की विशेषता:
रमा एकादशी अन्य एकादशियों से इसलिए खास है क्योंकि यह व्रत व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक जागरूकता लाता है। यह व्रत न केवल भगवान विष्णु की भक्ति के लिए है, बल्कि यह आत्म-नियंत्रण, संयम और आंतरिक शांति की प्राप्ति का माध्यम भी है। इसके अलावा, रमा एकादशी का व्रत कार्तिक मास के धार्मिक माहौल को और अधिक पवित्र बनाता है और दीपावली की तैयारियों के साथ जुड़कर आध्यात्मिक महत्व को बढ़ाता है। रमा एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत न केवल भगवान विष्णु की कृपा पाने का माध्यम है, बल्कि जीवन में पवित्रता, धर्म और समृद्धि लाने का अवसर भी देता है। इस दिन की पूजा विधि, व्रत और कथा सुनना व्यक्ति के लिए आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। इसलिए हर वर्ष रमा एकादशी को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाना चाहिए।

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

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