नाग पंचमी: क्यों मनाते हैं नाग पंचमी? महत्व और पूजा विधि
भारत में नाग पंचमी का पर्व अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। जहाँ देश के अधिकांश हिस्सों में यह 29 जुलाई 2025 (मंगलवार) को मनाई जाएगी, वहीं गुजरात और कुछ पश्चिमी क्षेत्रों में नाग पंचमी 13 अगस्त 2025 (बुधवार) को धूमधाम से मनाई जाएगी।
तिथि और मुहूर्त (गुजरात एवं आस-पास के लिए)
तिथि: 13 अगस्त 2025 (बुधवार)
पंचमी तिथि प्रारंभ: 13 अगस्त सुबह 05:05 AM
पंचमी तिथि समाप्त: 14 अगस्त सुबह 06:12 AM
पूजा मुहूर्त: 05:54 AM से 08:30 AM (स्थानीय समय के अनुसार)
नाग पंचमी का महत्व
गुजरात में नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से
घर में सुख-शांति बनी रहती है।
सर्पदंश का भय दूर होता है।
परिवार की रक्षा होती है।
संतान की लंबी आयु और उन्नति होती है।
पूजा विधि (गुजरात परंपरा अनुसार)
सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
घर के दरवाज़े, आंगन या मंदिर में नाग देवता की तस्वीर/प्रतिमा स्थापित करें।
हल्दी, कुंकुम, फूल, दूध, दही, घी, शहद और चावल से नाग देवता का अभिषेक करें।
विशेष रूप से दूध का अर्पण सर्पों को या नाग मंदिर में करें।
नाग पंचमी की कथा सुनें और परिवार के कल्याण की प्रार्थना करें।
इस दिन भूमि की खुदाई न करें और सर्प को नुकसान न पहुँचाएँ।
धार्मिक कथा
पौराणिक मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी का संबंध भगवान कृष्ण के कालिय नाग मर्दन से भी है। इस दिन नाग देवता को धरती के रक्षक और भगवान शिव के आभूषण के रूप में याद किया जाता है।
~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो