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श्री राम कथा के मंच से दिया नदियों के संरक्षण का संदेश

श्री राम कथा के मंच से दिया नदियों के संरक्षण का संदेश

ऋषिकेश, 3 जून; परमार्थ निकेतन में माँ गंगा के पावन तट पर  पर्यावरण संरक्षण एवं पतित पावनी माँ गंगा को समर्पित ’श्री राम कथा’ में आज किष्किंधाकाण्ड काण्ड, श्री राम और हनुमान जी के मधुर मिलन का  श्री मुरलीधर जी महाराज ने वर्णन किया।
विश्व विख्यात परमार्थ गंगा आरती में मानव संसाधन एवं विकास राज्य मंत्री श्री सत्यपाल सिंह जी एवं “गो ग्रीन, गो ऑर्गनिक’’ प्रोजेक्ट के संस्थापक 37 वें ड्राइकुंग कायबॉन चेटसंग जी,पटना साहिब गुरूद्वारा से संत श्री इकबाल सिंह जी ने सहभाग किया।

श्री सत्यपाल सिंह जी एवं गो ग्रीन, गो ऑर्गनिक प्रोजेक्ट के संस्थापक  37 वें ड्राइकुंग कायबॉन चेटसंग जी ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट वार्ता की। स्वामी जी महाराज ने पर्यावरण, जल एवं नदियों के संरक्षण हेतु युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर विचार विमर्श किया। उन्होने कहा कि देश के व्याप्त सभी स्कूलों और कॉलेज स्तर पर छात्रों को हरितिमा संवर्द्धन एवं नदियों को पुर्नजीवित करने हेतु प्रोजेक्ट दिये जाने चाहिये जिससे की जल एवं पर्यावरण का संरक्षण किया जा सके।

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परमार्थ गंगा तट पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में मानस कथा की दिव्य धारा श्री मुरलीधर जी महाराज के मुखारबिन्द से प्रवाहित हो रही है। श्री राम कथा का प्रसारण संस्कार चेनल पर हो रहा है, जिसके माध्यम से पर्यावरण एंव नदियों का संरक्षण, स्वच्छता एवं वृक्षारोपण का संदेश तथा खुले में शौच न जाने का संकल्प तथा जहाँ-जहाँ आवश्यकता है वहां पर जनता द्वारा शौचालय बनवाये जाने का संदेश भी अनेकों लोगो तक पंहुचाया जा रहा है। कथा के मंच अनेक संतों एवं राजनेताओं के उद्बोधनों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश प्रतिदिन प्रेषित किया जा रहा है ताकि स्वच्छता के प्रति लोगो को जागरूक किया जा सके।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा ’प्रभाव नहीं प्रभु भाव में रहे यही तो जीवन है। प्रभाव के साथ व्यक्ति केवल अपने लिये जीता है और प्रभु भाव एवं स्वभाव में व्यक्ति प्रकृति, प्राणी और पर्यावरण के लिये भी जीता है। स्वामी जी महाराज ने घटते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि ताजा रिपोर्ट के अनसार वर्ष 2040 तक भारत में पीने योग्य जल लगभग समाप्ति की कगार पर होगा। पूरी दुनिया में मौजूद पीने योग्य जल का केवल चार प्रतिशत ही भारत के पास है। हम अपने बच्चों के भविष्य के लिये अपार मात्रा में धन-सम्पति एकत्र कर रहे है साथ ही उनका भविष्य पानी में बहा रहे है। अब समय आ गया है कि बच्चों के लिये अब केवल धन नहीं बल्कि जल का भी संरक्षण करे।

श्री सत्यपाल सिंह जी ने स्वामी जी महाराज द्वारा दिये सुझावों को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि हम स्कूल और कॉलेज के छात्रों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विषयों को प्रोजेक्ट के रूप में देने से विलक्षण परिणाम प्राप्त हो सकते है।

गो ग्रीन, गो आॅर्गेनिक प्र्रोजेक्ट के संस्थापक  37 वें ड्राइकुंग कायबाॅन चेटसंग जी ने इस प्रोजेक्ट के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि ’हिमालयी संस्कृतियों को पुनर्जीवित करना तथा हिमालयी संस्कृति एवं पर्यावरण की रक्षा करना है।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन एवं बौद्ध संस्थान साथ मिलकर गो ग्रीन, गो ऑर्गनिक प्रोजेक्ट के लिये कार्य करेगे। इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने हेतु स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और ड्राइकुंग कायबॉन चेटसंग जी ने एम ओ यू पर हस्ताक्षर किये। इस योजना के अन्र्तगत नदियों के जल को शुद्ध करने वाले सहजन (मोरिंगा ओलिफेरा), जीविका प्रदान करने वाले तथा औषधियुक्त पौधों को उगाने की कार्ययोजना तैयार की गयी।
परमार्थ गंगा आरती के पावन अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने श्री सत्पालसिंह जी एवं ड्राइकुंग कायबॉन चेटसंग जी,पटना साहिब गुरूद्वारा से संत श्री इकबाल सिंह जी को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। स्वामी जी महाराज के साथ सभी विशिष्ट अतिथियों ने विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की। इस अवसर पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने जल सो्रतो को स्वच्छ रखने का संकल्प कराया।

Post By Shweta