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कोरोना संकट : ISKCON कैसे ला रहा मुस्कान ?

कोरोना संकट : ISKCON कैसे ला रहा मुस्कान ?

दिल्ली/उज्जैन/कोलकाता/वृंदावन। कोरोना के संकट से पार पाने के लिए पूरा विश्व जुटा हुआ है। इस संकट से उबरने के लिए हर स्तर पर जो भी योगदान हो सकता है देश-दुनिया की संस्थाएं कर रही हैं। इस वैश्विक प्रयास में धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाएं भी किसी से पीछे नहीं हैं। कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से समाज का गरीब वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। भारत में रोज कमाने-खाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को भोजन मिलना मुश्किल हो गया है। संकट के इस वक्त में गरीबों के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाएं मदद के लिए आगे आ गई हैं। गरीबों को भोजन पहुंचाने के लिए आध्यात्मिक संस्था इस्कॉन देश भर में फैली अपनी शाखाओं के माध्यम से जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचा रही है।

जरूरतमंदों तक पहुंच रहा इस्कॉन मंदिर का प्रसाद

मथुरा में वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में 75 ब्रह्मचारियों द्वारा तैयार मंदिर का प्रसाद गरीबों और जरूरतमंदों को बांटा जा रहा है। यह प्रसाद वाहनों के माध्मय से जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है। मथुरा का इस्कॉन मंदिर लॉकडाउन से पहले 18 मार्च को बंद कर दिया गया है। सेवा के लिए सिर्फ 75 ब्रह्मचारियों को ही मंदिर में रहने की अनुमित है। लेकिन कोरोना संकट के दौरान मजदूरों को भोजन नहीं मिल पाने की खबरों के बाद ये निर्णय लिया गया कि गरीबों तक प्रसाद पहुंचाया जाय।

इस्कॉन मंदिर द्वारा खिचड़ी और अन्य प्रकार के प्रसाद जरूरतमंदों को बांटे जा रहे हैं.  वृंदावन की तरह उज्जैन के इस्कॉन मंदिर द्वारा भी जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है। उज्जैन मंदिर के पीआरओ राघव पंडितदास के अनुसार इस्कॉन ने जरूरतमंदों के लिए भोजन सेवा शुरू की है। मंदिर का वाहन बस्तियों में जाकर जरूरतमंदों को भोजन के पैकेट बांट रहा है। यहां कोरोना से बचाव के लिए अखंड कीर्तन का भी अयोजन हुआ।

मदद के लिए इस्कॉन के साथ जुड़े सौरव गांगुली

कोरोना संकट के बाद इस्कॉन का कोलकाता केंद्र रोज 10 हजार लोगों को भोजन दे रहा था…लेकिन बीसीसीआई अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम को पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने इस मुश्किल वक्त में भूखों को खाना खिलाने के लिए हाथ बढ़ाया और अब कोलकाता का इस्कॉन केंद्र रोज 20 हजार लोगों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहा है.. इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता और उपाध्यक्ष राधारमन दास ने कहा,‘‘हम रोज दस हजार लोगों का खाना बना रहे थे . सौरव दा ने हमारी मदद की है और अब हम रोज 20000 लोगों को खाना दे रहे हैं.’’ दास ने कहा ,‘‘ मैं दादा का बड़ा प्रशंसक हूं और क्रिकेट के मैदान पर उनकी कई पारियां देखी है. यहां भूखों को भोजन कराने की उनकी यह पारी सर्वश्रेष्ठ है. हम उन्हें धन्यवाद देते हैं.’’

इस्कॉन ने कोरोना को भगाने के लिए किया उजाला

कोरोना को भगाने के लिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे दिल्ली के द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में खास तरीके से दीपों को प्रकाशित किया गया..मंदिर के प्रांगण में देसी घी के दियों से भारत का जगमगाता मानचित्र बनाया गया, और देश के सभी 29 राज्यों से कोरोना महामारी को मिटाने का आह्वान किया गया।

संदेश था आध्यात्म की धरती भारत कोरोना को जरूर मात देगा और देश के अंदर कहीं भी उसका नामोनिशान नहीं होगा। भारत का प्रकाश पूरे विश्व को उजाला देगा।

लॉकडाउन के साथ खड़ा इस्कॉन

देश भर के इस्कॉन मंदिर कोरोना के खिलाफ जंग के लिए सरकार के लॉकडाउन की घोषणा का पूरा पालन कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान मंदिर में बाहर के श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश वर्जित है।

वृंदावन का इस्कॉन मंदिर जब से बना है तब से यह पहला मौका है कि बाहर के श्रद्धालुओं के लिए मंदिर पर ताले लटकाए गए हैं…मंदिर में ठाकुर जी और प्रभुपाद जी की सेवा यथावत चल रही जिसे मंदिर के अंदर मौजूद ब्रह्मचारी कर रहे हैं…मंदिर बंद होने से श्रद्धालु थोड़े निराश तो हैं लेकिन साथ ही मंदिर बंद होने को भी ठाकुर जी की इच्छा बता रहे हैं.

  • रतन सनातन
Post By Religion World