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जल और पर्यावरण संरक्षण पर भाई साहब मोहिन्दर सिंह और स्वामी चिदानंद सरस्वती की चर्चा

जल और पर्यावरण संरक्षण पर भाई साहब मोहिन्दर सिंह और स्वामी चिदानंद सरस्वती की चर्चा

  • बर्मिंघम इंग्लैड से पधारे गुरूनानक निष्काम जत्था के संरक्षक भाई साहब मोहिन्दर सिंह जी
  • जल और पर्यावरण संरक्षण पर हुई चर्चा
  • जल होगा तो सब होगा – स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 10 जनवरी। परमार्थ निकेतन में गुरूनानक निष्काम जत्था के संरक्षक भाई साहब मोहिन्दर सिंह जी और सिख संगत के सदस्य बर्मिंघम, इंग्लैड से पधारे उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने भारत में जल और पर्यावरण संरक्षण हेतु मिलकर कार्य करने हेतु विस्तृत चर्चा की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने बताया कि  भाई साहब मोहिन्दर सिंह  जी ने पश्चिम के धरती पर रहकर भारतीय संस्कृति और संस्कारों को सींचा, भारतीय जड़ों को सीचा, पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में अतुल्य योगदान दिया। स्वामी जी ने कहा कि यूनाइटेड नेशन का मंच हो, पार्लियामेंट आॅफ वल्र्ड रिलिजन का मंच हो या रिलिजन आॅफ पीस या अन्य बड़े-बड़े मंचों पर हमने साथ बैठकर देश, समाज, भारतीय संस्कृति, संस्कारों के लिये तथा विश्व शान्ति के लिये अनेक कार्यक्र्रम आयोजित किये और अनेक कार्यक्रमों में सहभाग किया। मुझे तो लगता है अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर जल, जीवन और हरियाली-खुशहाली यात्राओं का आयोजन किया जाये। ’’’पवन गुरू, पाणी पिता, माता धरत महत’’ को केन्द्र में रखते हुये भारत में लोगों को जल और जीवन के प्रति लोगों को जागृत किया जाये।

स्वामी जी ने भाई साहब मोहिन्दर सिंह जी को अमन एकता यात्रा के विषय में जानकारी देते हुये कहा कि हमने मौलाना महमूद असअद मदनी जी महासचिव, जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के साथ मिलकर सैकड़ों मदरसों, विद्यालय, गुरूकुल, मन्दिर, मस्जिद, रेलवे स्टेशन और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण किया गया साथ ही अमन-एकता हरियाली यात्रा में हजारों लोगों ने सहभाग किया तथा विभिन्न धर्माें के धर्मगुरूओं ने अपने उद्बोधन के माध्यम से अपने अनुयायियों को पर्यावरण संरक्षण के साथ देश में अमन, एकता, शान्ति और भाईचारा स्थापित करने का संदेश दिया जिसके परिणाम अत्यंत सुखद रहे उसी तर्ज पर गुरूद्वारों के साथ मिलकर और सभी को साथ लेकर देश में जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागृत करना जरूरी है। स्वामी जी ने कहा कि जल है तो जीवन है, जल होगा तो सब होगा, बिना जल के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि जल हमारा भविष्य ही नहीं बल्कि वर्तमान भी है अतः जल की हर एक बूंद को संरक्षित करना हमारा दायित्व हैं। वर्तमान समय में 665 मिलियन लोगों तक सुरक्षित एवं स्वच्छ जल की पंहुच नहीं है। हर परिवार और प्रत्येक व्यक्ति तक जल को पहुंचाने के लिये मिलकर कार्य करने की जरूरत है।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, भाई साहब मोहिन्दर सिंह जी, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी और सिख संगत के सदस्यों ने विश्व स्तर पर जल की आपूर्ति हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। सभी ने संकल्प लिया कि जल के लिये सभी मिलकर  एक होकर कार्य करेंगे।

भाई साहब मोहिन्दर सिंह जी ने कहा कि अगली बार विश्व के अनेेक देशों के श्रद्धालुओं को साथ लेकर यहां आएंगे ताकि वे सभी उत्तराखण्ड की दिव्यता, पवित्रता, प्राकृतिक सुन्दरता, हेम कुण्ड साहाब और यहां पर ऐसे अनेक आध्यात्मिक आकर्षण है जो केवल लोगों को लुभाते ही नहीं हैं बल्कि जीवन लाभ भी देते हैं। सिख संगत के सदस्यों ने माँ गंगा के पावन तट और परमार्थ निकेतन की दिव्य वातावरण की भूरि-भूरि प्रशांसा की।

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