नया साल मनाने की परंपरा कहां से शुरू हुई?

नया साल मनाने की परंपरा कहां से शुरू हुई? आज नया साल आते ही लोग जश्न मनाते हैं, शुभकामनाएँ देते हैं और नए संकल्प लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नया साल मनाने की परंपरा आखिर शुरू कहां से हुई? क्या यह केवल आधुनिक समय की देन है, या इसके पीछे एक लंबा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सफर छिपा है? आइए इस परंपरा की जड़ों को समझते हैं। समय की गणना और नया… Continue reading नया साल मनाने की परंपरा कहां से शुरू हुई?

 December 30, 2025

आने वाले समय में मेष से कर्क राशि वालों का क्या होगा?

आने वाले समय में मेष से कर्क राशि वालों का क्या होगा? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों की चाल हमारे जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करती है। आने वाला समय कई राशियों के लिए बदलाव, अवसर और आत्ममंथन लेकर आ रहा है। विशेष रूप से मेष से कर्क राशि वालों के लिए यह समय कुछ महत्वपूर्ण सीख और नए रास्ते खोल सकता है। आइए जानते हैं आने वाले समय में इन चार राशियों का… Continue reading आने वाले समय में मेष से कर्क राशि वालों का क्या होगा?

 December 30, 2025

इस्लाम देश क्यों नहीं मानते नया साल ?

इस्लाम देश क्यों नहीं मानते नया साल ? दुनिया के कई देशों में 1 जनवरी को नया साल बड़े उत्साह और जश्न के साथ मनाया जाता है। आतिशबाज़ी, पार्टियाँ, शुभकामनाएँ और नई शुरुआत के संकल्प—ये सब आधुनिक नववर्ष उत्सव का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन जब बात इस्लाम धर्म की आती है, तो अक्सर यह सवाल उठता है कि मुस्लिम समाज नए साल का जश्न क्यों नहीं मनाता? क्या यह सिर्फ परंपरा का मामला है… Continue reading इस्लाम देश क्यों नहीं मानते नया साल ?

 December 30, 2025

वाराणसी का आध्यात्मिक अनुभव: घाट और मंदिरों में संस्कृति की छाप

वाराणसी का आध्यात्मिक अनुभव: घाट और मंदिरों में संस्कृति की छाप भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान में वाराणसी (काशी) का स्थान अद्वितीय है। यह शहर न केवल गंगा नदी के पवित्र घाटों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ के मंदिर, कला, संगीत और जीवनशैली में भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता झलकती है। वाराणसी का आध्यात्मिक अनुभव सिर्फ़ धार्मिक कर्मकांड तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन की दृष्टि, कला और मानवता की समझ… Continue reading वाराणसी का आध्यात्मिक अनुभव: घाट और मंदिरों में संस्कृति की छाप

 December 29, 2025

वैश्विक आध्यात्मिक आंदोलन: क्या यह शांति की कुंजी है?

वैश्विक आध्यात्मिक आंदोलन: क्या यह शांति की कुंजी है? आज के दौर में जब दुनिया भर में तनाव, असमानता और संघर्ष बढ़ रहे हैं, तब वैश्विक आध्यात्मिक आंदोलन (Global Spiritual Movements) शांति और मानवता के लिए एक नई दिशा प्रस्तुत कर रहे हैं। ये आंदोलन न केवल व्यक्तिगत जीवन में मानसिक शांति लाने का काम करते हैं, बल्कि समाज में मानवाधिकार (Human Rights) और सामाजिक न्याय की अवधारणा को भी मजबूत करते हैं। आध्यात्मिक आंदोलन… Continue reading वैश्विक आध्यात्मिक आंदोलन: क्या यह शांति की कुंजी है?

 December 29, 2025

तनाव भरी ज़िंदगी में राजयोग मेडिटेशन की भूमिका क्या है?

तनाव भरी ज़िंदगी में राजयोग मेडिटेशन की भूमिका क्या है? आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में तनाव लगभग हर व्यक्ति का हिस्सा बन चुका है। काम का दबाव, पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ, भविष्य की चिंता, प्रतिस्पर्धा और डिजिटल जीवनशैली ने मन को अशांत कर दिया है। बाहरी सुविधाएँ बढ़ी हैं, लेकिन आंतरिक शांति कम होती जा रही है। ऐसे समय में राजयोग मेडिटेशन मन को स्थिर और शांत करने का एक सरल व प्रभावी माध्यम बनकर सामने… Continue reading तनाव भरी ज़िंदगी में राजयोग मेडिटेशन की भूमिका क्या है?

 December 29, 2025

मंदिर से मंच तक: क्या कथा वाचन का स्वरूप बदल गया है?

मंदिर से मंच तक: क्या कथा वाचन का स्वरूप बदल गया है? भारतीय संस्कृति में कथा वाचन केवल शब्दों का प्रवाह नहीं, बल्कि आस्था, अनुभूति और आत्मिक संवाद का माध्यम रहा है। कभी कथा मंदिर के प्रांगण में, पीपल की छाँव में या गाँव की चौपाल पर सुनी जाती थी। वहाँ शोर नहीं, सजावट नहीं, बल्कि शांति और श्रद्धा होती थी। आज जब कथा बड़े मंचों, चमकदार रोशनी और कैमरों के बीच होती दिखाई देती… Continue reading मंदिर से मंच तक: क्या कथा वाचन का स्वरूप बदल गया है?

 December 27, 2025

युवा संतों की दशा-दिशा – भारत के नए धर्मगुरूओं की पड़ताल

युवा संतों की दशा-दिशा Bhavya Srivastava, Religion World धर्म के युवा भाव से आप धीरे-धीरे परिचित हो रहे होंगे। धर्म सदियों से मानव के बीच प्रकृति की तरह स्थापित है और वो अचर से चर की यात्रा में आत्मा बनकर बहुत सारी प्रेरणाओं का स्रोत है। समय के हिसाब से धर्म ने अपना रूप-स्वरूप-भंगिमा और प्रासंगिक आचरणों को स्वीकार किया। कभी संप्रदायों के रूप में रहा हो तो कभी ग्रंथों के मध्य ज्ञान बनकर नैसर्गिकता… Continue reading युवा संतों की दशा-दिशा – भारत के नए धर्मगुरूओं की पड़ताल

 December 27, 2025

क्या कथावाचक धर्म गुरू हैं ?

क्या कथावाचक धर्म गुरू हैं ? हमारे बीच में अब कथा वाचकों को लेकर बहुत सारे सवाल उठने लगे हैं ? सवाल उठाने वाले भी धर्म जगत के ही बहुत सारे प्रवक्ता हैं और हैं वो लोग जो धर्म को अपनी परिभाषाओं से समझकर उसे अधिकार के संग निभाने में लगे हैं। सवाल तीखे है, क्या कथावाचकों को भौतिक जीवन की सब सुख सुविधा भोगने और उसे प्रदर्शन करने का हक है, क्या महिलाओं को… Continue reading क्या कथावाचक धर्म गुरू हैं ?

 December 27, 2025

दक्षिण भारत की शक्तिपीठ मसानी अम्मन: स्वास्थ्य, धन और सुरक्षा की देवी

दक्षिण भारत की शक्तिपीठ मसानी अम्मन: स्वास्थ्य, धन और सुरक्षा की देवी दक्षिण भारत की भूमि प्राचीन देवी-उपासना की समृद्ध परंपरा के लिए जानी जाती है। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के अनेक गाँवों और नगरों में ग्राम देवी के रूप में पूजी जाने वाली शक्तियाँ आज भी जन-जीवन से गहराई से जुड़ी हैं। इन्हीं में एक अत्यंत श्रद्धेय और लोकआस्था से जुड़ी देवी हैं मसानी अम्मन, जिन्हें स्वास्थ्य, धन और सुरक्षा की देवी माना जाता… Continue reading दक्षिण भारत की शक्तिपीठ मसानी अम्मन: स्वास्थ्य, धन और सुरक्षा की देवी

 December 27, 2025

क्या आज की पीढ़ी आस्था से नहीं, तर्क से चलती है?

क्या आज की पीढ़ी आस्था से नहीं, तर्क से चलती है? आज का युवा एक ऐसे दौर में जी रहा है जहाँ जानकारी हर समय उसकी उँगलियों पर उपलब्ध है। सवाल पूछना, प्रमाण माँगना और तर्क के आधार पर निर्णय लेना—ये सब आज की पीढ़ी की पहचान बन चुके हैं। ऐसे में अक्सर कहा जाता है कि आज की पीढ़ी आस्था से दूर होती जा रही है और केवल तर्क से चलती है। लेकिन क्या… Continue reading क्या आज की पीढ़ी आस्था से नहीं, तर्क से चलती है?

 December 26, 2025

क्या आपने धर्म के अनुसार नया साल शुरू किया?

क्या आपने धर्म के अनुसार नया साल शुरू किया? नया साल आते ही चारों ओर उत्सव का माहौल बन जाता है। लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं, नए लक्ष्य तय करते हैं और पुराने दुखों को पीछे छोड़ने की बातें करते हैं। लेकिन एक गहरा सवाल अक्सर अनकहा रह जाता है—क्या हमने नया साल धर्म के अनुसार शुरू किया, या केवल कैलेंडर की तारीख बदली? भारतीय परंपरा में नया साल केवल बाहरी बदलाव नहीं, बल्कि… Continue reading क्या आपने धर्म के अनुसार नया साल शुरू किया?

 December 26, 2025