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न्यायविदों के सम्मेलन में जुटे देशभर के न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोग

न्यायविदों के सम्मेलन में जुटे देशभर के न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोग
आबू रोड, 12 अगस्त; आज लोगों की निगाहें सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया पर ही निर्विवाद रूप से टिकी है. क्योकि जब व्यक्ति को समाज से भरोसा उठ जाता है तो वह न्यायालय का रूख करता है. न्यायविदों को चाहिए कि वे न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए अपनी निष्ठा बनाये रखें. उक्त विचार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस देवेन्द्र कुमार अरोरा ने व्यक्त किये. वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में न्यायविदों के सम्मेलन में सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि विश्व शांति के लिए न्यायिक प्रक्रिया की महती भूमिका है. क्योंकि न्यायालय में आने वाले लोग अशांत और किसी ना किसी परिस्थिति से पीडि़त होते हैं. ऐसे में उन्हें शांति और खुशी की जरूरत होती है. ऐसे में न्याय के साथ उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए राजयोग और ध्यान की भी जरूरत होती है ताकि वे अपनी आन्तरिक शक्ति को बढ़ा सकें.

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ब्रह्माकुमारीज संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि सबसे बड़ा न्याय करने वाला सर्वशक्तिवान परमपिता परमात्मा है. इसलिए परमात्मा से डरने की जरूरत है. क्योंकि भगवान के न्यायालय में देर है अंधेर नहीं है. इसलिए हर कर्म परमात्मा को ध्यान में रखते हुए हर कर्म करते हुए जीवन में तरक्की करना चाहिए. भले ही यहॉं हमें न्यायालय में न्याय मिल जाती है परन्तु असली न्याय परमात्म के दरबार में ही मिलता है.

कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधिपति ए एस पचापुरे ने कहा कि राजयोग और ध्यान मनुष्य को बुरे कर्म करने से रोकता है. इस तरह ही हम होने वाले बुरे कर्मों से बच सकते है ताकि न्यायालय जाने की नौबत ही नहीं आये.

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ब्रह्माकुमारीज संस्था के महासचिव बीके निर्वेर ने संस्थान द्वारा सिखाये जा रहे राजयोग ध्यान पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राजयोग व्यक्ति को आसुरी कर्मों से बचाता है. साथ ही अच्छे व बुरे कर्म की पहचान भी कराता है. यदि हम प्रतिदिन राजयोग का अभ्यास करें तो इससे बच सकते हैं.

कार्यक्रम में प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीएल माहेश्वरी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोगों के जीवन में मूल्यों की पुनस्र्थापना हो. मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा, राष्ट्रीय संयोजक डॉ. रश्मि ओझा, मुख्यालय कोऑर्डिनेटर लता अग्रवाल, बीके श्रद्धा समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये.

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Post By Shweta