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Bhai Dooj 2025: भाई दूज पर अगर बहन दूर हो तो क्या करें?

Bhai Dooj 2025: भाई दूज पर अगर बहन दूर हो तो क्या करें?

भाई दूज, जिसे यम द्वितीया भी कहा जाता है, दीपावली के ठीक दो दिन बाद मनाया जाने वाला एक पवित्र त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए तिलक करती हैं, और भाई बहनों को उपहार देकर अपने स्नेह का इज़हार करते हैं। लेकिन आज के समय में हर किसी का साथ रहना संभव नहीं होता — कोई पढ़ाई या नौकरी के कारण दूर होता है, तो कोई विदेश में बस चुका होता है। ऐसे में सवाल उठता है, अगर बहन दूर हो तो भाई दूज कैसे मनाएं?

1. दिल से जुड़ा रिश्ता, दूरी से नहीं टूटता

भाई-बहन का रिश्ता केवल शारीरिक उपस्थिति पर नहीं टिका होता। यह एक भावनात्मक बंधन है, जो दिल से जुड़ा होता है। अगर बहन दूर है, तो भी प्रेम और आशीर्वाद हमेशा साथ रहते हैं। इस दिन भाई बहन की याद में दीप जलाकर, भगवान यमराज और यमुना जी की पूजा कर सकते हैं। ऐसा करने से वही पुण्य फल प्राप्त होता है जो बहन के हाथ से तिलक करवाने पर मिलता है।

2. वीडियो कॉल से मनाएं डिजिटल भाई दूज

तकनीक ने आज दूरियों को काफी हद तक मिटा दिया है। अगर आपकी बहन दूर है, तो वीडियो कॉल के ज़रिए भाई दूज मनाया जा सकता है। बहन स्क्रीन के सामने तिलक लगाए और भाई भी उसका आशीर्वाद ले — भावना वही रहती है, बस माध्यम बदल जाता है। कई परिवार अब इस “डिजिटल तिलक” परंपरा को अपनाकर भाई दूज का प्रेम बनाए रख रहे हैं।

3. बहन की याद में करें दीप प्रज्वलित

अगर बहन किसी कारणवश उपलब्ध नहीं है या इस दुनिया में नहीं रही, तो भी भाई दूज पर उसके नाम का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से आत्मिक शांति और मानसिक सुकून दोनों मिलते हैं। साथ ही भगवान यमराज और यमुना जी से प्रार्थना करनी चाहिए कि आपके और बहन के बीच का स्नेह यूँ ही अमर बना रहे।

4. बहन के लिए भेजें प्रेम भरा उपहार

दूरी पर रहने वाली बहन के लिए ऑनलाइन उपहार भेजना आज बहुत आसान हो गया है। मिठाई, पूजा थाली, चॉकलेट या कोई पर्सनल गिफ्ट भेजकर आप इस दिन को खास बना सकते हैं। याद रखें — उपहार का आकार नहीं, भावना का वजन ज़्यादा मायने रखता है।

5. मन से करें संकल्प और प्रार्थना

अगर किसी कारण आप दोनों एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं, तो भाई दूज के दिन चुपचाप संकल्प लें — “मैं अपनी बहन की खुशी, सुरक्षा और दीर्घायु के लिए प्रार्थना करता हूँ।” यही भावना इस पर्व की आत्मा है।

भाई दूज केवल तिलक और मिठाई का त्योहार नहीं, बल्कि भाई-बहन के अटूट रिश्ते की भावना का प्रतीक है। चाहे दूरी कितनी भी हो, प्रेम कभी कम नहीं होता। बस एक सच्चे भाव से किया गया तिलक, एक संदेश, एक दुआ — यही भाई दूज की असली सुंदरता है।

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

Post By Religion World