Abhinav Arora: क्या उम्र छोटी और सोच बड़ी हो सकती है?
अभिनव अरोड़ा का एक इंटरव्यू आजकल चर्चा में है। रिलीजन वर्ल्ड ने इसे किया है। बीते कुछ समय से अभिनव अरोड़ा सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल होते रहे हैं। इस इंटरव्यू में रिलीजन वर्ल्ड ने यह समझना चाहा कि क्या वो सचमुच भक्ति की मार्ग पर खुद के रूझान से आएं है या उनके माता पिता ने इसके लिए उन्हें तैयार किया है।
वैसे इंटरव्यू से यह समझ आता है कि Abhinav सिर्फ पढ़ाई में होशियार नहीं है, बल्कि वह समाज, धर्म और सेवा के प्रति भी गहरी समझ रखता है। वह अक्सर अपने स्कूल और मोहल्ले में बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाने की कोशिश करता है। उसके शब्दों में — “भगवान ने हमें अच्छा काम करने के लिए भेजा है, बस वही करना चाहिए जो दिल से सही लगे।”
Abhinav धर्म का प्रचार बहुत सच्चे मन से करता है। उसे रामायण, श्रीकृष्ण की लीलाएं, और संतों की कहानियाँ बहुत पसंद हैं। वह खुद भी मंदिर जाता है, भजन गाता है, और दूसरों को भी पूजा-पाठ व अच्छे कर्मों के लिए प्रेरित करता है। उसके लिए धर्म का मतलब सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि दूसरों की मदद करना, सच्चाई बोलना और किसी का दिल न दुखाना है।
भविष्य के बारे में जब कोई उससे पूछता है तो वह कभी कहता है कि वो गौशाला बनाएगा, जहाँ सभी गायों को खाना और प्यार मिलेगा। कभी कहता है कि वो संतों की तरह ज्ञान बांटेगा, और सबको योग और ध्यान सिखाएगा। और हाँ, वह सुपरहीरो भी बनना चाहता है — जो दुनिया से बुराई और दुख को दूर करेगा।
Abhinav Arora को चित्र बनाना, भजन गाना, और पवित्र कहानियाँ सुनाना बहुत पसंद है। वह स्कूल में होने वाले धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में हमेशा आगे रहता है। उसके अध्यापक कहते हैं कि वह न सिर्फ एक अच्छा विद्यार्थी है, बल्कि एक सच्चा इंसान बनने की ओर अग्रसर है।
Abhinav Arora सिर्फ एक बच्चा नहीं है, वह एक प्रेरणा है — उन सभी के लिए जो छोटी उम्र को केवल खेलने-कूदने का समय समझते हैं। उसके फ्यूचर प्लान्स में है: धर्म का प्रचार, गौसेवा, अच्छे कर्म और समाज में प्रेम फैलाना। उसकी सोच हमें ये सिखाती है कि बड़ा बनने के लिए उम्र नहीं, सोच बड़ी होनी चाहिए।
पॉडकास्ट में उन्होंने यह भी साझा किया कि वे खुद को हमेशा एक विद्यार्थी मानते हैं। उनके लिए सीखना कभी खत्म नहीं होता, और यही बात उन्हें दूसरों को सिखाने और गाइड करने की ताकत देती है। Meditation, discipline और clarity उनकी लाइफस्टाइल के ऐसे स्तंभ हैं जिनसे वे कभी समझौता नहीं करते।
जैसे-जैसे पॉडकास्ट में बातचीत आगे बढ़ती है, Abhinav का आत्मविश्वास, स्पष्ट सोच और दूरदर्शिता श्रोताओं को न केवल जोड़ती है, बल्कि उन्हें खुद से जुड़े सवाल पूछने के लिए भी प्रेरित करती है — “मैं अपने जीवन में क्या कर रहा हूँ? क्या मेरा भी कोई विज़न है?”
~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो