Karwa Chauth 2025: करवा चौथ की कथा सुनने से क्या मिलता है?
करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व पति-पत्नी के प्रेम, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चाँद देखकर व्रत खोलती हैं। पर क्या आप जानते हैं कि करवा चौथ की कथा सुनने से क्या लाभ मिलता है? आइए जानते हैं इस पावन कथा के महत्व और इसके आध्यात्मिक फल के बारे में —
करवा चौथ की कथा का महत्व
करवा चौथ की कथा सुनना केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। कथा सुनने से मनुष्य को धैर्य, निष्ठा और परिवार के प्रति समर्पण का भाव मिलता है। यह कथा स्त्रियों को यह संदेश देती है कि सच्ची भक्ति और प्रेम से कोई भी कठिनाई पार की जा सकती है।
कहानी के अनुसार, एक बार एक स्त्री ने अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा था, लेकिन बीच में छल से व्रत तोड़ दिया गया। इससे उसके पति की मृत्यु हो गई। तब देवी माता के आशीर्वाद से उसने पुनः वर्षभर व्रत रखकर अपने पति को पुनर्जीवित किया। इसी से यह व्रत शुभ और फलदायक माना गया।
कथा सुनने के आध्यात्मिक लाभ
दीर्घायु का आशीर्वाद:
करवा चौथ की कथा सुनने और व्रत करने से पति की आयु लंबी होती है। चंद्रमा देव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है।वैवाहिक सुख-सौभाग्य में वृद्धि:
जो महिलाएं श्रद्धा और विश्वास से यह कथा सुनती हैं, उनके जीवन में सौभाग्य बढ़ता है और वैवाहिक बंधन और अधिक मजबूत होता है।पापों से मुक्ति:
कथा के श्रवण और व्रत से व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कुछ दोष और पाप नष्ट होते हैं। यह मन और आत्मा को शुद्ध करता है।परिवार में शांति और समृद्धि:
कथा में बताए गए नियमों का पालन करने से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।मनोकामना पूर्ति:
कई महिलाएं यह व्रत केवल पति की लंबी आयु के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए भी रखती हैं। कथा सुनना इस भाव को और सशक्त बनाता है।
कथा सुनने का सही समय
करवा चौथ की कथा शाम के पूजा मुहूर्त में सुननी चाहिए। यह समय लगभग 5:57 PM से 7:11 PM के बीच रहेगा। कथा सुनते समय महिलाएं सोलह श्रृंगार कर माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी और चंद्रमा की पूजा करती हैं।
करवा चौथ की कथा सुनने से केवल धार्मिक लाभ ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और वैवाहिक जीवन में स्थिरता भी प्राप्त होती है। यह कथा स्त्रियों को विश्वास दिलाती है कि सच्चे प्रेम और श्रद्धा से ईश्वर सब कुछ संभव कर सकते हैं।
इसलिए, जब भी करवा चौथ मनाएँ, श्रद्धा के साथ व्रत करें और पूर्ण समर्पण भाव से कथा अवश्य सुनें — क्योंकि इसी में बसता है इस पर्व का सच्चा सार।
~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो