सावन में घर पर रुद्राभिषेक कैसे करें?
सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस पवित्र माह में रुद्राभिषेक करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। यदि आप मंदिर नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर भी रुद्राभिषेक पूरी श्रद्धा और विधि से कर सकते हैं। आइए जानते हैं घर पर रुद्राभिषेक कैसे करें, कौन-कौन सी सामग्री चाहिए, और किस विधि से शिवजी को प्रसन्न किया जा सकता है।
रुद्राभिषेक क्या होता है?
“रुद्र” भगवान शिव का उग्र रूप है और “अभिषेक” का अर्थ है पवित्र स्नान। रुद्राभिषेक में शिवलिंग पर विविध पदार्थों से स्नान कराकर मंत्रों के माध्यम से पूजा की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से सावन में की जाती है क्योंकि इस माह में शिवभक्ति का फल कई गुना बढ़ जाता है।
आवश्यक सामग्री (Puja Samagri)
घर पर रुद्राभिषेक के लिए निम्नलिखित सामग्री रखें:
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)
शुद्ध जल
बेलपत्र (त्रिदल वाले)
भस्म या विभूति
चावल (अक्षत)
फूल (विशेष रूप से सफेद या आक के फूल)
धतूरा और भांग (यदि उपलब्ध हो)
फल और मिठाई
दीपक और अगरबत्ती
जल चढ़ाने के लिए तांबे का लोटा
शिवलिंग (यदि घर में उपलब्ध हो तो)
रुद्राभिषेक की विधि (Step-by-Step Process)
स्थान की शुद्धि करें – जहां पूजा करनी है, वहां साफ सफाई करें और एक चौकी पर शिवलिंग स्थापित करें।
शिवलिंग का ध्यान करें – “ॐ नमः शिवाय” का उच्चारण करते हुए शिवलिंग का ध्यान करें।
पंचामृत से अभिषेक करें – सबसे पहले पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं। हर पदार्थ चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ रुद्राय नमः” मंत्र बोलें।
जल से स्नान कराएं – पंचामृत के बाद शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
बेलपत्र अर्पण करें – बेलपत्र को उल्टा न रखें और उस पर “ॐ नमः शिवाय” लिख कर चढ़ाएं।
अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें – फूल, भस्म, अक्षत, धूप-दीप अर्पित करें।
मंत्र जाप करें – रुद्राष्टाध्यायी, शिव तांडव स्तोत्र, या “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
आरती करें – दीपक जलाकर शिवजी की आरती करें। “जय शिव ओंकारा…” जैसी आरती गा सकते हैं।
प्रसाद वितरण करें – पूजा के बाद पंचामृत और फल प्रसाद स्वरूप बांटें।
रुद्राभिषेक के मंत्र
इनमें से कोई भी मंत्र आप जाप कर सकते हैं:
“ॐ नमः शिवाय”
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…”
“ॐ रुद्राय नमः”
“ॐ महादेवाय नमः”
आप चाहें तो मोबाइल या माइक स्पीकर पर शिव मंत्र चला सकते हैं और साथ-साथ जाप करें।
घर पर रुद्राभिषेक के लाभ
मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति
रोग और कष्टों से रक्षा
परिवार में सुख-शांति और समृद्धि
भगवान शिव की कृपा से सिद्धियाँ और इच्छित फल की प्राप्ति
सावन के पवित्र माह में घर पर रुद्राभिषेक करना एक सरल लेकिन प्रभावशाली साधना है। अगर आप श्रद्धा से शिवलिंग की पूजा करते हैं, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। सावन का हर सोमवार आपके जीवन में ऊर्जा, आस्था और आनंद भर सकता है।
रुद्राभिषेक की यह विधि शास्त्रों में प्रमाणित है?
सावन में घर पर रुद्राभिषेक करने की जो विधि प्रचलित है, वह केवल परंपरा या लोक-मान्यता पर आधारित नहीं है, बल्कि इसका गहरा आधार वैदिक और पुराणों में स्पष्ट रूप से मिलता है। रुद्राभिषेक का उल्लेख सबसे पहले यजुर्वेद में मिलता है, जहाँ “श्री रुद्रम्” या “रुद्राष्टाध्यायी” के माध्यम से भगवान शिव की उपासना की जाती है। यहीं से रुद्राभिषेक की वैदिक परंपरा की शुरुआत मानी जाती है, जिसमें मंत्रों के साथ जल, दूध, घी, शहद आदि से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है।
इसके अतिरिक्त, शिव पुराण, लिंग पुराण, और स्कंद पुराण जैसे ग्रंथों में भी रुद्राभिषेक की महिमा और उसकी विधि का विस्तार से वर्णन मिलता है। शिव पुराण की कोटि रुद्र संहिता में उल्लेख है कि जो भक्त रुद्राभिषेक करता है, वह भगवान शिव का प्रिय बन जाता है और उसे विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इसमें पंचामृत, गंगाजल, बेलपत्र, भस्म, धतूरा आदि चढ़ाने की विधि शास्त्रसम्मत रूप से बताई गई है।
स्कंद पुराण में यह भी कहा गया है कि श्रावण मास के सोमवार को किया गया रुद्राभिषेक करोड़ों जन्मों के पापों का नाश करता है। वहीं गृहस्थ पूजा विधियों में भी रुद्राभिषेक को विशेष स्थान प्राप्त है। मंदिरों में जो रुद्राभिषेक पद्धति होती है, वही विधि सरल रूप में घर पर भी अपनाई जा सकती है। इस प्रक्रिया में पंचामृत स्नान, मंत्र जाप, बेलपत्र अर्पण, और आरती जैसे चरण पूरी श्रद्धा से करने चाहिए।
इस प्रकार यह स्पष्ट है कि घर पर रुद्राभिषेक करने की यह विधि पूर्णतः शास्त्रीय रूप से प्रमाणित और पूज्यनीय है। सावन माह में यदि भक्त श्रद्धा से यह अभिषेक करता है तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त को मनचाहा फल प्रदान करते हैं।
~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो