अयोध्या, 10 जून ; श्री राम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण के बाद यहां पर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो इससे पहले बुधवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने भगवान शशांक शेखर का अभिषेक किया।
भगवान शशांक शेखर राम जन्मभूमि परिसर में ही कुबेर टीला पर विराजे भगवान भोलेनाथ का शास्त्रों में वॢणत नाम है।
बीते दिनों समतलीकरण के दौरान राम जन्मभूमि परिसर का भ्रमण कर रहे महंत कमल नयन दास की निगाह कुबेर टीला पर स्थित भगवान शशांक शेखर की ओर गई और उसी समय उन्होंने तय किया कि जिस प्रकार भगवान राम ने लंका विजय के पूर्व रामेश्वरम में भोलेनाथ की पूजा की उसी तरह श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पहले वह शशांक शेखर के रूप में भोले की पूजा करेंगे।
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अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर कुबेरश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया गया। यहां 28 साल से यह पूजा नही हुई थी।
रुद्राभिषेक में महंत कमलनयन दास, अध्यक्ष कन्हैया दास और आचार्य आनन्द शास्त्री मौजूद थे। विश्व की बाधाएं दूर करने और राममंदिर निर्माण के लिए शंकरजी का अभिषेक हुआ।
महंत कमलनयन दास ने बुधवार को करीब दो घंटा तक (सुबह 8:00 से 10:00 बजे तक) अभिषेक किया। महंत कमल नयन दास ने विश्वास जताया कि जिस प्रकार भगवान शिव की उपासना के बाद भगवान श्री राम का लंका विजय का अभियान निर्विघ्न संपन्न हुआ। उसी प्रकार यहां पर शशांक शेखर की पूजा के बाद श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य निर्विघ्न फलीभूत होगा।
ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंका विजय के पहले रामेश्वरम में शिव की आराधना की थी, उसी विरासत के अनुरूप रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पूर्व शिव की आराधना संपन्न की गई।
आज के इस शिवलिंग पूजन को लेकर उत्साहित कमलनयनदास के अनुसार इसके पीछे मकसद भव्य राममंदिर निर्माण से पूर्व भूतभावन भगवान शिव को प्रसन्न करना है।