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शारदीय नवरात्र का प्रथम दिवस: व्रत में क्यों करते हैं गेहूं के स्थान पर कुटू के आटे का प्रयोग 

शारदीय नवरात्र का प्रथम दिवस: व्रत में क्यों करते हैं गेहूं के स्थान पर कुटू के आटे का प्रयोग 

शारदीय नवरात्रि का आगाज़ हो चुका है. अब आपको अपने आसपास डंडिया की धूम और व्रत का सामान खरीदती महिलाएं आसानी से दिखेंगी. क्या आपने कभी सोचा है कि व्रत के दौरान सादे नमक के स्थान पर सेंधा नमक क्यों इस्तेमाल करते हैं, गेहूं के स्थान पर बल्कि सिर्फ कूटू का आटा या सिंघाड़े का आटा खाना पसंद करते हैं. तो आइये जानते हैं इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण को

वैज्ञानिक तथ्य
आयुर्वेद के मुताबिक, मीट, गेहूं, अल्कोहल, प्याज़, लहसुन, अदरक जैसी चीज़ें नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करती हैं. सीज़न के बदलने पर हमारी इम्यूनिटी काफी कम होती है, जिसकी वजह से शरीर को बीमारियां लगती हैं. ऐसे में इन चीज़ों का सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है.
व्रत करने का मतलब है रोज़ के खाने से खुद की बॉडी पर ब्रेक लगाना. ऐसे में लोग आसानी से पच जाने वाला और पोषक तत्वों से भरा खाना खाते हैं.

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व्रत में क्यों करते हैं गेहूं के स्थान पर कुटू के आटे का प्रयोग 

मौसम में बदलाव होने के कारण गेहूं, पाचन क्रिया को धीमा करता है, इसलिए लोग इससे परहेज़ करते हैं.

कूटू का आटा

कूटू का आटा एक पौधे के सफेद फूल से निकलने वाले बीज को पीसकर तैयार किया जाता है. आमतौर पर लोग इसे व्रत में खाते हैं, क्योंकि न तो यह अनाज है और न ही वनस्पति. यह एक घास परिवार का सदस्य है. इस आटे की तासीर गर्म होती है, जिससे शरीर में कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ता है. मैक्स हेल्थ केयर की डाइटीशियन डॉ. ऋतू कपूर का कहना है कि कूटू का आटा ग्लूटन फ्री होने के साथ काफी पौष्टिक भी होता है. इसमें फाइबर, प्रोटीन और विटामिन-बी की मात्रा अधिक होती है. इस आटे में आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे कई मिनरल्स होते हैं, जो कि व्रत के लिए पौष्टिक आहार माने जाते हैं.

कूटू का आटा एक पौधे के सफेद फूल से निकलने वाले बीज को पीसकर तैयार किया जाता है. कूटू का आटा ग्लूटन फ्री होता है. इस आटे में आयरन, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे कई मिनरल्स होते हैं

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रेसिपी- कूटू के आटे का चीला

कूटू के आटे का चीला बहुत अच्छा बन जाता हैं.  तो आइये कूटू के आटे का चीला बनाते है.

आवश्यक सामग्री

कूटू का आटा छना हुआ- 1 कप
अरबी – 200 ग्राम

सेंधा नमक-1 छोटी चम्मच

काली मिर्च-आधा छोटी चम्मच
हरा धनियां कतरा हुआ- 1 टेबल स्पून

घी या रिफाइंड आयल- आवश्यकतानुसार

विधि

  1. सबसे पहले कूटू का आटा छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिये, अरबी धोकर उबाल लीजिये.  अरबी को छील कर, कद्दूकस करके, मैश  कर लीजिये.
  2. कूटू के आटे में मिलाइये, थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर, आटे को घोलते जाइये, गुठलियां नहीं पड़नी चाहिये.घोल को अधिक गाढ़ा और अधिक पतला मत कीजिये. घोल को 15  मिनट के लिये ढककर रख दीजिये.
  3. अब घोल में 1 छोटी चम्मच नमक, आधा छोटी चम्मच काली मिर्च और एक टेबल स्पून कतरा हुआ हरा धनियां मिला लीजिये.
  4. तवे को गैस पर रखिये, गरम कीजिये, एक चम्मच तेल डालिए, इसके बाद एक बड़ा चमचा घोल तवे पर डालिये और चमचे से गोल गोल चलाते हुये पतला चीला फैलाइये.
  5. चीले की नीचली सतह ब्राउन होने तक सेक कर पलट दीजिये. दूसरी तरफ भी ब्राउन होने तक सेकिये. अब चीला तवे से उतार कर प्लेट में  रखिये.  सारे चीले इसी तरह बनाकर तैयार कर लीजिये.
  6. लीजिए आपके कूटू के चीले तैयार हैं इन्हैं आप गरम गरम फ्राई आलू, चटनी, फलो के रायते या दही के साथ खा सकते है.

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Post By Shweta