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ध्यान (मेडिटेशन ) क्या है ? यह आपके जीवन को कैसे प्रभावित करता है?

ध्यान (मेडिटेशन ) क्या है? यह आपके जीवन को कैसे प्रभावित करता है?

ध्यान क्या है ( What is Meditation )

ध्यान एक तरीका और अभ्यास है जिसके जरिए हम अपने विचारों को वश में कर पाते है और भावनात्मक रुप से शांत हो पाते है. हिंदू धर्म के अनुसार ध्यान की परिभाषा कुछ इस तरह से दी गई है “योग और ध्यान एक जरिया है जिससे अपने शरीर और आत्मा का जुड़ाव महसूस करते हैं”.

ध्यान है अपनी सोई हुई शक्तियों को जगाना . अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल करना . विज्ञानं के अनुसार हम अपने दिमाग का मात्रा 2% भाग ही इस्तेमाल करते है .

साधारण शब्दो में माना ले हमारे हाथ में कुछ राइ के दाने है हमने उन दानो को ज़मीं पर बिखेर दिया..अब उन दानो को हमें समेटना है ,इसी तरह हमने अपने दिमाग को कई जगह बिखेर दिया है ध्यान वह माध्यम है जिसके ज़रिये हम अपने दिमाग को जो कई जगह बिखर चुका है उसे उन जगहों से हटाकर उस जगह लगाना जहां हम लगाना चाहते है. वह जगह कुछ भी हो सकती है, कुछ लोग के लिए वह जगह भगवान है, कुछ के लिए बिज़नस, कुछ के लिए पढ़ाई आदि .

आध्यात्मिक गुरु ओशो के अनुसार“ध्यान अपने भीतर को साफ करने की प्रकिया  है, ताज़ा और युवा होने का प्रयास है, जीवन को पूरी तरह जीने का प्रयास है. यदि तुम ध्यान से डरते हो तो इसका मतलब है कि तुम जीवन से डरते हो, और यदि तुम बिल्कुल प्रतिरोध नहीं करते, तो हो सकता है यह इसलिए है कि तुम ध्यान को गंभीरतापूर्वक नहीं लेते, तुम ध्यान को ईमानदारी से नहीं लेते.”

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हम अधिकतर लोग जो ध्यान करते है वो साधारण ध्यान होता है. जिसमें हम अपने सांसो पर ध्यान देते है या फिर मन में कोई कल्पना करते है और उस कल्पना में ध्यान केद्रिंत करते है.

ध्यान के काम करने के तरीकें को हम वैज्ञानिक रुप से देखते है. वैज्ञानिकों के अनुसार दिमाग में पांच प्रकार की तंरग (brainwave) होती है. इन तंरगों की आवृत्ति जितनी कम होगी हम उतना ही अपने आपको शांत पाएंगे.

ध्यान के वक्त हमारी दिमागी तंरग अल्फा में पहुंचती है. जहां हम खुद को थोड़ा शांत पाते है. ध्यान में हम जितना निपुण होते जांएगे ये दिमागी तंरग अल्फा से थीटा और थीठा से डेल्टा होती जाती है. थीठा स्थिति में ही हम अपने आपको शांत पाएंगे और जटिल परेशानी को भी शांति से सुलझा लेते है. डेल्टा स्थिति में बौद्ध भिक्षु होते है जो सालों के मेहनत में ये स्थिति पाते है और इस स्थिति को भी वश में रख पाते है. हम डेल्टा स्थिति में सिर्फ गहरी नींद मे ही हासिल कर पाते है.

ऊपर दिया गया गया चित्र में आप देख सकते है कि ध्यान के जरिए किस प्रकार बीटा तंरग एकाएक कम हो गई. अब भी वैज्ञानिक ध्यान के काम करने के तरीकों में और शोध कर रहे है.

वैज्ञानिक शोधों (रिसर्च) के जरिये इन बातों की भी पुष्टि हुई है कि रोजाना मेडिटेशन करने वाले लोगो का इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है,स्वास्थ्य बेहतर रहता है और याद्दाश्‍त बढ़ती है।

@religionworldin

Post By Religion World