पूज्य आचार्य विद्यानन्दजी महाराज के 94वें जन्म दिवस पर दो परम्पराओं का मधुर मिलन
नयी दिल्ली, 23 अप्रैल; रविवार सुबह नई दिल्ली के कुन्दकुन्द भारती के पवित्र प्रांगण में जैन एकता का ऐतिहासिक नज़ारा देखने को मिला। अवसर था पूज्य दिगम्बर आचार्य विद्यानन्दजी महाराज के 94वें जन्मोत्सव का।
इस अवसर पर श्वेताम्बर आचार्य पूज्य लोकेश मुनि जी ने जब अपने उदारवादी, समन्वयवादी, ओजस्वी विचार व्यक्त किये तो सभी श्रोतागण भाव विभोर हो गए। सभी के ये स्वर थे काश ! यह उदारता सभी में आ जाए जो जैन एकता का चिर प्रतीक्षित सपना साकार होते देर नहीं लगेगी।
इस अवसर पर आचार्य श्रुतसागर जी, आचार्य प्रज्ञ सागर जी, भट्टारक चारूकीर्ति जी आदि की उपस्थिति में एक ओर पूज्य आचार्य लोकेश जी के उद्बोधन में जहाँ हर पंक्ति पर हज़ारों की जन मेदिनी करतल से उनकी बातों पर सहमति व्यक्त कर रही थी वहीं दूसरी ओर इस समन्वयवादी नज़ारे को देख सैकड़ों श्रद्धालुओं की आँखें ख़ुशी से नम हो रही थी सचमुच दो परम्पराओं का मिलन व एक दूसरे को आदर सम्मान देने का भाव देखने लायक था।