How to Join Chinmaya Mission: A Step-by-Step Guide

How to Join Chinmaya Mission: A Step-by-Step Guide By Religion World | www.religionworld.in Chinmaya Mission is a global spiritual and educational movement founded in 1953 by Swami Chinmayananda Saraswati. The Mission focuses on the study and practice of Vedanta, character building, spiritual education, and service to society. It operates through centres across India and in more than 25 countries. Joining Chinmaya Mission does not require renouncing worldly life. Individuals can participate as members, volunteers, students,… Continue reading How to Join Chinmaya Mission: A Step-by-Step Guide

 December 27, 2025

How to Join Brahma Kumaris: A Complete Guide for Beginners

How to Join Brahma Kumaris: A Complete Guide for Beginners By Religion World | www.religionworld.in The Brahma Kumaris World Spiritual University (BKWSU) is a global spiritual movement focused on Rajyoga meditation, self-transformation, and values-based living. Founded in 1937 by Brahma Baba (Lekhraj Kripalani), the organization emphasizes inner peace, clarity of thought, and spiritual empowerment in daily life. If you’re exploring how to join Brahma Kumaris, this guide explains the process, lifestyle, eligibility, and what to… Continue reading How to Join Brahma Kumaris: A Complete Guide for Beginners

 December 27, 2025

How to Join ISKCON?

How to Join ISKCON? A Step-by-Step Guide for Spiritual Seekers By Religion World | www.religionworld.in In a fast-paced, pleasure-driven world where attention is fragmented and purpose often feels outsourced, many individuals are rediscovering the timeless pull of spirituality. One such path that continues to attract seekers across generations and geographies is the International Society for Krishna Consciousness (ISKCON). Founded in 1966 by His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada, ISKCON is not just a religious… Continue reading How to Join ISKCON?

 December 27, 2025

मंदिर से मंच तक: क्या कथा वाचन का स्वरूप बदल गया है?

मंदिर से मंच तक: क्या कथा वाचन का स्वरूप बदल गया है? भारतीय संस्कृति में कथा वाचन केवल शब्दों का प्रवाह नहीं, बल्कि आस्था, अनुभूति और आत्मिक संवाद का माध्यम रहा है। कभी कथा मंदिर के प्रांगण में, पीपल की छाँव में या गाँव की चौपाल पर सुनी जाती थी। वहाँ शोर नहीं, सजावट नहीं, बल्कि शांति और श्रद्धा होती थी। आज जब कथा बड़े मंचों, चमकदार रोशनी और कैमरों के बीच होती दिखाई देती… Continue reading मंदिर से मंच तक: क्या कथा वाचन का स्वरूप बदल गया है?

 December 27, 2025

युवा संतों की दशा-दिशा – भारत के नए धर्मगुरूओं की पड़ताल

युवा संतों की दशा-दिशा Bhavya Srivastava, Religion World धर्म के युवा भाव से आप धीरे-धीरे परिचित हो रहे होंगे। धर्म सदियों से मानव के बीच प्रकृति की तरह स्थापित है और वो अचर से चर की यात्रा में आत्मा बनकर बहुत सारी प्रेरणाओं का स्रोत है। समय के हिसाब से धर्म ने अपना रूप-स्वरूप-भंगिमा और प्रासंगिक आचरणों को स्वीकार किया। कभी संप्रदायों के रूप में रहा हो तो कभी ग्रंथों के मध्य ज्ञान बनकर नैसर्गिकता… Continue reading युवा संतों की दशा-दिशा – भारत के नए धर्मगुरूओं की पड़ताल

 December 27, 2025

क्या कथावाचक धर्म गुरू हैं ?

क्या कथावाचक धर्म गुरू हैं ? हमारे बीच में अब कथा वाचकों को लेकर बहुत सारे सवाल उठने लगे हैं ? सवाल उठाने वाले भी धर्म जगत के ही बहुत सारे प्रवक्ता हैं और हैं वो लोग जो धर्म को अपनी परिभाषाओं से समझकर उसे अधिकार के संग निभाने में लगे हैं। सवाल तीखे है, क्या कथावाचकों को भौतिक जीवन की सब सुख सुविधा भोगने और उसे प्रदर्शन करने का हक है, क्या महिलाओं को… Continue reading क्या कथावाचक धर्म गुरू हैं ?

 December 27, 2025

दक्षिण भारत की शक्तिपीठ मसानी अम्मन: स्वास्थ्य, धन और सुरक्षा की देवी

दक्षिण भारत की शक्तिपीठ मसानी अम्मन: स्वास्थ्य, धन और सुरक्षा की देवी दक्षिण भारत की भूमि प्राचीन देवी-उपासना की समृद्ध परंपरा के लिए जानी जाती है। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के अनेक गाँवों और नगरों में ग्राम देवी के रूप में पूजी जाने वाली शक्तियाँ आज भी जन-जीवन से गहराई से जुड़ी हैं। इन्हीं में एक अत्यंत श्रद्धेय और लोकआस्था से जुड़ी देवी हैं मसानी अम्मन, जिन्हें स्वास्थ्य, धन और सुरक्षा की देवी माना जाता… Continue reading दक्षिण भारत की शक्तिपीठ मसानी अम्मन: स्वास्थ्य, धन और सुरक्षा की देवी

 December 27, 2025

क्या आज की पीढ़ी आस्था से नहीं, तर्क से चलती है?

क्या आज की पीढ़ी आस्था से नहीं, तर्क से चलती है? आज का युवा एक ऐसे दौर में जी रहा है जहाँ जानकारी हर समय उसकी उँगलियों पर उपलब्ध है। सवाल पूछना, प्रमाण माँगना और तर्क के आधार पर निर्णय लेना—ये सब आज की पीढ़ी की पहचान बन चुके हैं। ऐसे में अक्सर कहा जाता है कि आज की पीढ़ी आस्था से दूर होती जा रही है और केवल तर्क से चलती है। लेकिन क्या… Continue reading क्या आज की पीढ़ी आस्था से नहीं, तर्क से चलती है?

 December 26, 2025

क्या आपने धर्म के अनुसार नया साल शुरू किया?

क्या आपने धर्म के अनुसार नया साल शुरू किया? नया साल आते ही चारों ओर उत्सव का माहौल बन जाता है। लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं, नए लक्ष्य तय करते हैं और पुराने दुखों को पीछे छोड़ने की बातें करते हैं। लेकिन एक गहरा सवाल अक्सर अनकहा रह जाता है—क्या हमने नया साल धर्म के अनुसार शुरू किया, या केवल कैलेंडर की तारीख बदली? भारतीय परंपरा में नया साल केवल बाहरी बदलाव नहीं, बल्कि… Continue reading क्या आपने धर्म के अनुसार नया साल शुरू किया?

 December 26, 2025

धर्म, अहिंसा और भारत: क्या आज भी वही रास्ता काम करता है?

धर्म, अहिंसा और भारत: क्या आज भी वही रास्ता काम करता है? भारत को विश्व में एक ऐसे देश के रूप में जाना जाता है, जहाँ धर्म केवल पूजा-पद्धति नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका है। भारतीय संस्कृति की जड़ों में अहिंसा, सहिष्णुता और करुणा गहराई से समाई हुई हैं। जैन धर्म की अहिंसा, बौद्ध धर्म का करुणा मार्ग, हिंदू दर्शन का “अहिंसा परमो धर्मः” और सिख धर्म की सेवा भावना—ये सभी भारत की पहचान… Continue reading धर्म, अहिंसा और भारत: क्या आज भी वही रास्ता काम करता है?

 December 26, 2025

धर्म और शांति: आज के हालात हमें क्या सिखाते हैं?

धर्म और शांति: आज के हालात हमें क्या सिखाते हैं? आज की दुनिया तेज़ी से बदल रही है, लेकिन इसके साथ-साथ अशांति, तनाव और अविश्वास भी बढ़ता जा रहा है। युद्ध, हिंसा, सामाजिक विभाजन और धार्मिक टकराव की खबरें हमें बार-बार यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आखिर धर्म, जिसका उद्देश्य शांति था, आज शांति का आधार क्यों नहीं बन पा रहा? शायद यह समय धर्म को दोष देने का नहीं, बल्कि धर्म से… Continue reading धर्म और शांति: आज के हालात हमें क्या सिखाते हैं?

 December 24, 2025

धर्म और सेवा: क्यों हर धर्म मानवता पर ज़ोर देता है?

धर्म और सेवा: क्यों हर धर्म मानवता पर ज़ोर देता है? धर्म का मूल उद्देश्य केवल ईश्वर तक पहुँचना नहीं, बल्कि इंसान तक पहुँचना भी है। दुनिया के लगभग सभी धर्मों में सेवा को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। चाहे वह भूखे को भोजन कराना हो, पीड़ित को सहारा देना हो या कमजोर के साथ खड़ा होना—हर धर्म किसी न किसी रूप में मानव सेवा को ईश्वर सेवा के बराबर मानता है। सवाल यह है… Continue reading धर्म और सेवा: क्यों हर धर्म मानवता पर ज़ोर देता है?

 December 24, 2025