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“स्वच्छता ही सेवा पखवाड़़ा” की हुई शुरूआत : परमार्थ निकेतन की पहल

“स्वच्छता ही सेवा पखवाड़़ा” की हुई शुरूआत : परमार्थ निकेतन की पहल

  • परमार्थ निकेतन के तत्वाधान में अनेक देशों से सैलानियों, योग जिज्ञासुओं और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने नीलकंठ मार्ग, राजाजी नेशनल पार्क में चलाया स्वच्छता अभियान
  • पूज्यस्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने प्लास्टिक मुक्त धरा का कराया संकल्प
  • युवा बने प्रकृति के सच्चे प्रहरी – पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी

ऋषिकेश, 15 सितम्बर। भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी द्वारा घोषित ’स्वच्छ भारत अभियान’ और “स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़ा को मूर्त रूप देने के लिये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में भारत, अमेरिका, इजरायल, टर्की, इंग्लैंड, यूरोप, सिंगापुर एवं अन्य कई देशों से परमार्थ निकेतन आये सैलानी, योग जिज्ञासु और परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने नीलकंठ मार्ग, राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया। 

सावन माह में नीलकंठ की यात्रा के दौरान नीलकंठ मार्ग में प्लास्टिक का अंबार लग जाता है। प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण का असर वन्य प्राणियों, मनुष्य, मृदा, जल और पेड़ पौधों पर भी पड़ता है।

प्रतिवर्ष लगभग चार करोड़ टन कचरा हमारी पृथ्वी पर डाला जाता है तथा 80 लाख टन प्लास्टिक समुद्र में प्रतिवर्ष जा रहा है। अगर इस प्रकार प्लास्टिक समुद्र में डाला जाता रहा तो कुछ वर्षो पश्चात समुद्र में मछलियां कम और प्लास्टिक अधिक दिखायी देगी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज भारत नये दौर से गुजर रहा है; पूरा विश्व नई आबोहवा की तलाश में है। भारत ने अपनी काबलियत की बदौलत विश्व स्तर पर अपनी एक पहचान स्थापित की है। वहीं दूसरी ओर हमारा देश आज भी स्वच्छता के अभाव के कारण अनेक समस्याओं का सामना कर रहा है। इसके लिये नीति-निर्माता एवं दूरगामी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ भारत के प्रत्येक नागरिक को भगीरथ प्रयास करना होगा। स्वामी जी ने कहा कि प्रदूषण, प्लास्टिक, कचरा जिस तीव्र गति से बढ़ रहा है उस माहौल में हम स्वस्थ जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते है। वर्तमान समय में प्रकृति खतरनाक स्तर पर जा पहंचा है अतः हम सभी को मिलकर प्रयास करने तथा प्रकृति के सच्चे प्रहरी बनने की जरूरत है।

स्वामी जी महाराज ने कहा कि भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री जी ने 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाने का जो लक्ष्य रखा है उसे हम सभी भारतवासियों का भी प्रमुख लक्ष्य बनाना होगा। स्वामी जी ने कहा कि हम इस ब्रह्मांड के जनक और संचालक नहीं है तो हमें इसका विध्वंसक बनने का भी कोई अधिकार नहीं है। हम प्रकृति के सौन्दर्य को देखें; उसकी खूबसूरती को आत्मसात करें तथा प्रकृति के मर्म को समझें और प्रकृति के अनुरूप जीवनयापन करें।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान में जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी, सुश्री गंगा नन्दिनी, स्वामिनी अदित्य नन्दा जी, आचार्य संदीप शास्त्री, आचार्य दीपक शर्मा, नरेन्द्र बिष्ट, योग जिज्ञासु मिशल, श्रेयसी विश्वास, अल्द्रीना फर्नाडो, शताक्षी, रिया मुखर्जी, अंजु बिष्ट, उर्मिला, ऐमी दिवाकर, ऐश्वर्या, सविता, सुष्मिता सिंह, अंकिता गुप्ता, शुभी, मनु सिंह, बोन्दिता आचार्या, नोमितो कामदार, केया वासवानी, निधि कामथ, गौरी, गीतांजलि, परमार्थ निकेतन में आये यू. आर. आई. दल के सदस्य तथा रिप्पल अकादमी के सदस्यों एवं परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने बढ-चढ़ कर सहभाग किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने धरा को प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प कराया।

Post By Religion World