Post Image

पंचमी के दिन माँ स्कंदमाता क्यों होती हैं सबसे शक्तिशाली?

पंचमी के दिन माँ स्कंदमाता क्यों होती हैं सबसे शक्तिशाली?

नवरात्रि का पाँचवाँ दिन माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप माँ स्कंदमाता को समर्पित है। उन्हें भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता होने के कारण स्कंदमाता कहा जाता है। उनका स्वरूप अत्यंत दिव्य और ममतामयी है। माँ स्कंदमाता की गोद में बाल स्कंद विराजमान रहते हैं और उनके चार हाथों में कमल तथा शिशु होते हैं। उनका यह रूप भक्तों के लिए शक्ति, करुणा और आशीर्वाद का स्रोत माना जाता है।

माँ स्कंदमाता की विशेष शक्ति

1. संतान सुख का वरदान

माँ स्कंदमाता को विशेष रूप से संतान सुख देने वाली देवी माना जाता है। जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, वे पंचमी तिथि पर माँ की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उनकी कृपा से संतान प्राप्ति होती है और संतान का जीवन सुखमय और दीर्घायु बनता है।

2. समृद्धि और खुशहाली

माँ स्कंदमाता की पूजा से घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। जिन घरों में आर्थिक कठिनाइयाँ या अशांति रहती है, वहाँ उनकी आराधना से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

3. आध्यात्मिक उन्नति

माँ स्कंदमाता साधक को न केवल सांसारिक लाभ देती हैं, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की ओर भी मार्गदर्शन करती हैं। उनकी पूजा से मन शुद्ध होता है, भक्ति और ज्ञान का विकास होता है, और साधक मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।

4. संकट और नकारात्मकता से सुरक्षा

माँ स्कंदमाता अपने भक्तों को हर प्रकार के संकट और नकारात्मक प्रभाव से बचाती हैं। उनकी शक्ति से भक्त मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनता है।

5. मातृत्व और करुणा का स्वरूप

माँ स्कंदमाता मातृत्व, ममता और करुणा की देवी हैं। उनका स्वरूप भक्तों में करुणा, धैर्य और संवेदनशीलता का विकास करता है। यही कारण है कि पंचमी के दिन उनका स्वरूप सबसे शक्तिशाली माना जाता है।

पूजा विधि

  • पंचमी तिथि पर प्रातः स्नान करके माँ स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

  • उन्हें कमल का फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

  • “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” मंत्र का जप करें।

  • दुर्गा सप्तशती या देवी पाठ का पाठ करने से विशेष लाभ होता है।

पंचमी के दिन माँ स्कंदमाता की पूजा करने से न केवल संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि भक्त को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और साहस का अनुभव भी होता है। यही कारण है कि नवरात्रि के पाँचवें दिन माँ स्कंदमाता को सबसे शक्तिशाली माना जाता है।

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

Post By Religion World