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नागपंचमी – मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

नागपंचमी – मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

श्रावण महीने की शुक्ल पंचमी को नागपंचमी का पर्व मानाया जाता हैं। इस बार नाग पंचमी 5 अगस्त को मनाई जाएगी। इस बार मुहूर्त के अनुसार शुक्ल पंचमी तिथि 4 अगस्त रात 11.02 बजे लगेगी जो 5 अगस्त को रात 8.40 बजे तक रहेगी। इस बार की नागपंचमी सावन के सोमवार और सिद्धयोग में पड़ रही है, जिससे इस दिन का खास महत्व है।

कैसे करें नागपंचमी की पूजा ?

श्रावण शुक्ल पंचमी पर सर्प की मिट्टी की मूर्ति बनाकर या फोटो लगाकर पूजन करना चाहिए। नागदेवता के 5 फन वाले रूप का महत्व खास है। पुराणों के अनुसार सर्प 12 प्रकार के होते हैं। इनमें अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, करकोटक, उच्चतर, धृतराष्ट्र, शंखपाद, कालिया, तक्षक और पिंगल शामिल हैं। सभी सर्पों का पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन करना चाहिए।

नाग पंचमी का महत्‍व

भारत में सर्प को देवता समान देखा जाता है और उनकी पूजा का विधान है। हिन्‍दू धर्म में सर्प को भगवान शंकर के गले का हार और सृष्टि के पालनकर्ता श्री हरि विष्‍णु की शैय्या माना जाता है। श्रावण में जमकर बरसात होती है, जिस वजह से सांप जमीन के अंदर से निकलकर बाहर आ जाते हैं। ऐसे में माना जाता है कि अगर नाग देवता को दूध पिलाया जाए और उनकी पूजा-अर्चना की जाए तो वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यही नहीं कुंडली दोष को दूर करने के लिए भी नागपंचमी का विशेष महत्‍व है। ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार कुंडली में अगर काल सर्प दोष हो तो नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा और रुद्राभिषेक करना चाहिए। मान्‍यता है कि ऐसा करने से इस दोष से मुक्ति मिल जाती है।

Post By Religion World