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क्या नवरात्रि वास्तव में महिला शक्ति का उत्सव है?

क्या नवरात्रि वास्तव में महिला शक्ति का उत्सव है?

नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल आश्विन महीने में मनाया जाता है। यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना का प्रतीक है। पर सवाल यह उठता है कि क्या नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व है, या यह वास्तव में महिला शक्ति और सशक्तिकरण का उत्सव भी है?

नवरात्रि का मूल उद्देश्य शक्ति और ऊर्जा का सम्मान करना है। हिन्दू धर्म में देवी को शक्ति का रूप माना गया है। माँ दुर्गा, माँ काली, माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती जैसे स्वरूप हमें यह सिखाते हैं कि शक्ति केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक भी होती है। नवरात्रि में इन नौ दिनों तक देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करने का संदेश यह है कि हर महिला के भीतर अद्भुत क्षमता और शक्ति निहित है।

इतिहास और पुराणों में भी नवरात्रि का महत्व स्पष्ट है। देवी दुर्गा का राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्त करना प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महिलाओं को सशक्त बनाने का संदेश देता है। यह दर्शाता है कि महिलाओं के साहस, धैर्य और निष्ठा से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

आज के समय में नवरात्रि का महत्व सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं रह गया है। यह महिलाओं को अपने अधिकारों, स्वतंत्रता और आत्मविश्वास के प्रति जागरूक करने का भी अवसर बन गया है। स्कूल, कॉलेज और समाज में नवरात्रि उत्सव को महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जाता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नवरात्रि वास्तव में शक्ति और सम्मान का प्रतीक है।

इसके अलावा नवरात्रि में व्रत और संयम का महत्व भी है। यह हमें स्वयं की आत्म-नियंत्रण, धैर्य और मानसिक शक्ति को बढ़ाने की प्रेरणा देता है। इस प्रकार, नवरात्रि केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसी यात्रा है जो हमें हमारे भीतर की शक्ति, साहस और धैर्य की पहचान कराती है।

अतः कहा जा सकता है कि नवरात्रि वास्तव में महिला शक्ति का उत्सव है। यह न केवल देवी की पूजा का समय है, बल्कि हमारे समाज में महिलाओं की महत्ता और उनके अदम्य साहस का प्रतीक भी है। यह त्योहार हर व्यक्ति को यह सिखाता है कि शक्ति केवल बाहरी नहीं होती, बल्कि हर महिला और हर व्यक्ति के भीतर असीम संभावनाएं और सामर्थ्य निहित है।

~ रिलीजन वर्ल्ड ब्यूरो

Post By Religion World