Post Image

जानिये कामिका एकादशी की पूजन विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास की 11वीं तिथि के दिन एकादशी मनाई जाती है। इस बार कामिका एकादशी 16 जुलाई बृहस्पतिवार के दिन मनाई जाएगी।



सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी कहा जाता है। यह तिथि भगवान श्री हरि यानि विष्णु जी को समर्पित होती है।

कामिका एकादशी व्रत का महत्व

एकादशी का व्रत करने से प्राणियों को समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है भगवान श्रीहरि विष्णु सभी कष्टों को दूर करते हैं। शास्त्रों में कामिका एकादशी व्रत के फल को अश्वमेघ यज्ञ से मिलने वाले फल के बराबर माना गया है। कामिका एकादशी का व्रत करने से मनोवांचित फलों की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन तीर्थस्थलों में स्नान, दान का भी प्रावधान है।

कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। जिससे व्यक्ति के जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं। इस एकादशी के दिन जो लोग सावन माह में भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, माना जाता है कि उनके द्वारा गंधर्वों और नागों की पूजा भी संपन्न हो जाती है। कामिका एकादशी की कथा सुनने मात्र से ही यज्ञ करने के समान फल मिलता है।

शुभ मुहूर्त :

कामिका एकादशी 15 जुलाई को रात 10:23 बजे से आरंभ होगी और 16 जुलाई रात 11:47 मिनट पर संपन्न होगी।

17 जुलाई को सुबह 5:59 मिनट से 8:10 के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।

व्रत की विधि

एकादशी के दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालु व्रत रखने से एक दिन पहले दोपहर के समय भोजन करते हैं। लेकिन रात को भोजन ग्रहण नहीं करते हैं। ताकि व्रत वाले दिन पेट में कोई भी अवशिष्ट भोजन न हो।

एकादशी के दिन निर्जल रहकर आठों प्रहर तक भगवान विष्णु जी के नाम का स्मरण एवं भजन कीर्तन करना चाहिए और अगले दिन सूर्योदय के बाद पूजा पाठ आदि करने और ब्राह्मणों को भोजन करवाने के उपरांत व्रत का पारण करें।

एकादशी व्रत के दौरान सभी प्रकार के अनाज का सेवन पूरी तरह से वर्जित होता है। जो लोग एकादशी व्रत नहीं रखते हैं उनको भी एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।



इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से विष्णु जी कि कृपा प्राप्त होती है। जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ कामिका एकादशी का व्रत करता है, भगवान विष्णु उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

[video_ads]
[video_ads2]

You can send your stories/happenings here:info@religionworld.in

Post By Shweta