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International Nurse Day : फ्रंटलाइन वर्कर्स की सेवाओं को सलाम

International Nurse Day : फ्रंटलाइन वर्कर्स की सेवाओं को सलाम

  • घर में माँ और अस्पताल में नर्स दोनों ही महत्वपूर्ण है-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश, 12 मई। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इंटरनेशनल नर्स डे के अवसर पर वर्तमान समय में स्वास्थ्य सेवाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाली नर्सेस की सेवाओं को याद करते हुये कहा कि वे वास्तव में मानव सेवा ही, माधव सेवा को चरितार्थ कर रही है। उन्होंने कहा कि घर में माँ और अस्पताल में नर्स का अद्भुत योगदान है, वे जो सेवायें प्रदान करती है वह विलक्षण है, यदि दोनों न हो तो घर, घर नहीं रहेगा और अस्पताल, अस्पताल नहीं रहेगा अतः घर में माँ और अस्पताल में नर्स दोनों ही महत्वपूर्ण है।

इंटरनेशनल नर्स दिवस के अवसर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अमेरिका से आयी डाॅ कृपाली पटेल का अभिनन्दन किया, जो कि लाॅकडाउन के कारण परमार्थ निकेतन में रहकर अपनी सेवायें दे रही है। परमार्थ निकेतन में विश्व के कई देशों से आये पर्यटक जो कि लाॅकडाउन के पहले से निवास कर रहे है उन भी पर्यटकों एवं अन्य सभी का डाॅ कृपाली पटेल नियमित परिक्षण कर रही है तथा उन सभी को कोरोना से बचाव हेतु दिशा निर्देश प्रदान कर रही है। साथ ही यहां पर रहने वाले सभी पर्यटक जो कि अपने घरों  से दूर है उनका मनोबल बढ़ाकर सभी की सेवा कर रही है। परमार्थ निकेतन में रह रहे अन्य देशों से आये पर्यटक यह समझने लगे है कि उन्हें यहां पर स्वर्ग से भी अधिक सुन्दर लग रहा है। कुछ पर्यटकों ने कहा कि इस कोरोना संकट के समय हमें परमार्थ निकेतन में जो प्रेम, अपनत्व और संरक्षण मिल रहा है वह अद्भुत है अब तो ऐसा लग रहा है जैसे हम यही पर रह जायें वापस अपने देश न लौटे। स्वामी जी ने कहा कि यह भारत के लिये यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।

परमार्थ निकेतन में रह रहे पर्यटक आयुर्वेदिक काढा, आयुर्वेद, योग और ध्यान को अपनाकर शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ा रहे है।

ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष इंटरनेशनल नर्स डे 12 मई को मनाया जाता है। वर्ष 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा फ्लोरेंस नाइटिंगेल की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में नर्स एवं मिडवाइफ के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित किया गया है. वर्तमान में वैश्विक स्तर पर Covid-19 से निपटने में नर्स एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी सबसे आगे हैं।



“स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय में जब पूरा विश्व कोरोना संकट का सामना कर रहा है, ऐसे में नर्सेस एवं स्वास्थ्यकर्मी अपनी जिंदगी को जोखिम में डाल कर अद्भुत कार्य कर रहे हैं, पूरा विश्व उनका आभारी है। इस महामारी से लोगों को बचाने के लिये वे अथक प्रयास कर रही है। कोरोना महामारी के समय में नर्सेंस हमारे देश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और कोरोना की जंग को जितने के लिये विलक्षण कार्य कर रही हैं। वे स्वस्थ समाज की आधारशिला रखने में अपना अद्भुत योगदान प्रदान कर रही है। वर्तमान समय में नर्सेंस कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में अग्रिम पंक्ति  पर खड़ी हैं।

हमें स्वस्थ रखने के लिये हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स रातदिन मेहनत कर रहे है यह समय हमारे लिये जागने का है, उन्हें मदद करने का है तथा यह सुनिश्चित करने का है कि हमारी वजह से किसी को कोई परेशानी न हो। हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स हमें स्वस्थ रखने के लिये अपनी जिन्दगी को दांव पर लगा रहे हैं, ऐसे में हम उनका साथ दें उन्हें सम्मान दें।

स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में किसी भी देश की स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख आधार नर्सेंस हैं। विश्व भर में कुल स्वास्थ्यकर्मियों की आधे से ज्यादा संख्या नर्सों की है और स्वास्थ्य प्रणाली में उनका अहम योगदान है.। हमेशा की तरह कोविड-19 और अन्य सभी स्वास्थ्य चुनौतियों से मुकाबले में उनका अहम योगदान होता है.।

स्वामी जी ने कहा कि भारत में अभी तक कोविड-19 का वैसा संक्रमण नहीं हुआ है जैसा पश्चिमी देशों यथा अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, स्पेन आदि देशों में देखा जा रहा है क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेेन्द्र मोदी जी ने सही समय पर लॉकडाउन का फैसला ले लिया था, अगर ऐसा न किया होता तो आज स्थिति कुछ और ही होती। कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न लड़ाई एक लंबी लड़ाई है। यह लड़ाई एक ऐसे दुश्मन के खिलाफ है जो मानव के विनाश के लिये आया है परन्तु  अपराजेय नहीं है, अतः उसे सोशल डिसटेंसिंग का पालन कर हम पराजित कर सकते हैं इसलिये आईये स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें और हमारे फं्रटलाइन वर्कर्स की सेवाओं को सलाम करें तथा इस वायरस को पराजित करने में मदद करें। इस समय नर्सेस और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को यही सबसे बड़ा उपहार होगा। फ्रंटलाइन वर्कर्स के स्वस्थ जीवन के लिये विशेष प्रार्थना की।



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Post By Religion World