Post Image

गोविंद की नगरी जयपुर में फाग की उमंग, सोने की पिचकारी से बरसेंगे आशीर्वाद के रंग

गोविंद की नगरी जयपुर में फाग की उमंग, सोने की पिचकारी से बरसेंगे आशीर्वाद के रंग

जयपुर शहर के आराध्य देव गोविंददेव जी की नगरी में फाग और आध्यात्म के रंग बरसने शुरू हो गए हैं। शहर के मंदिर और देवालयों में फागोत्सव का उल्लास दिखने लगा है। गोविंददेव जी मंदिर में रचना झांकी दर्शन के साथ फागोत्सव की शुरुआत हो गई है। पहले दिन गुलाल से भगवान गणपति, रिद्दिसिद्धि और शुभलाभ की रचना तैयार की गई।

भक्तिसंगीत के बिखरेंगे रंग

एक मार्च तक मंदिर में फागोत्सव की धूम रहेगी। इस दौरान भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर चलेगा जिनमें श्रद्धालु प्रभु शरण में भक्ति और मौसम के मेलजोल का आनंद उठाएंगे। हर बार की तरह इस बार भी विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान शास्त्रीय नृत्य संगीत और भजनों के सुरों से आध्यात्म का गुलाल बिखरेगा और गोविंद को रिझाने के लिए भक्त झूम उठेंगे।

भक्ति के रंगों में सराबोर होंगे विदेशी

गोविंद देव जी मंदिर में हर साल मनाया जाने वाला फागोत्सव भारत ही नहीं विदेशों में भी मशहूर है फागोत्सव विदेशी सैलानियों और श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहता है। कई विदेशी सैलानी फागोत्सव के कार्यक्रमों में भक्तिभाव से शामिल होकर आनंद उठाते हैं।

सोने की पिचकारी और फूलों के रंग

गोविंद के दरबार में फूलों की होली का विशेष आकर्षण होता है। इस दौरान भक्त भगवान पर और एक दूसरे पर फूलों के रंग बरसाते हैं।  प्रभु के दरबार में इत्र की बारिश होती है और भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाता है। प्रभु को सोनेचांदीकीपिचकारियांथमाईजातीहैं।

महाशिवरात्रि पर विशेष श्रृंगार

महाशिवरात्रि पर मंदिर में विशेष झांकी सजाई जाएगी। भगवान शिव और उनके परिवार के साथ ही गौरांग महाप्रभु और रासलीला को गुलाल के रंगों से जीवंत किया जाएगा।

गुलाल होली से होगा समापन

01 मार्च को गुलाल होली के साथ फागोत्सव का समापन होगा।मंदिर प्रांगण में राजभोग आरती के बाद गुलाल से होली खेली जाएगी।

फागोत्सव कार्यक्रम

रचना झांकी दर्शन 10 फरवरी से 22 फरवरी, दोपहर 12.30 से 1 बजे तक

होलिकोत्सव (सांस्कृतिक कार्यक्रम)– 23 फरवरी से 25 फरवरी, दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजेतक

पुष्प फागोत्सव (भजनामृत वर्षा अनुष्ठान)– 26 फरवरी से 27 फरवरी, दोपहर 01 बजे से शाम 5 बजे तक      

होली पद 28 फरवरी,  दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजेतक

गुलाल होली 1 मार्च, राजभोग आरती के बाद

1 मार्च को महाप्रभु चैतन्य देव जयंती भी है। इस मौके पर संध्या झांकी से पहले ठाकुर जी के पंच द्रव्यों से अभिषेक के दर्शन भी होंगे।

गोविंददेवजी मंदिर के साथ ही शहर के अन्य मंदिर और देवालयों में भी इस दौराग फाग के कार्यक्रम होंगे और आस्था के रंग बिखरेंगे।

पिछले सालों के फागोत्सव की आकर्षक झलकियों का वीडियो लिंक..

रिपोर्टदेवेन्द्र शर्मा

Email: sharmadev09@gmail.com

Post By Religion World