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भारत के प्रमुख सात गुरूद्वारे

भारत के प्रमुख सात गुरूद्वारे

15वीं सदी में भारत में, बहादुरी, उदारता और समानता पर आधारित एक धर्म उभर कर सामने आया, ‘सिख धर्म’. ‘गुरुद्वारा’ शब्द का अर्थ है गुरू तक पहुँचने का द्वार. गुरुद्वारों में ‘गुरू ग्रन्थ साहिब जी’ की पूजा की जाती है. सिखों में ऐसा माना जाता है कि गुरू मोक्षप्राप्ति में हमारी मदद करते हैं. सिख धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है. भारत में कुल 200 से ज़्यादा गुरुद्वारे हैं. आइये जानते हैं भारत के प्रमुख गुरूद्वारे के बारे में

गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब सिंह, अमृतसर

‘गुरुद्वारा हरमिंदर साहिब सिंह’ को ‘श्री दरबार साहिब’ और ‘स्वर्ण मंदिर’ भी कहते हैं. गुरुद्वारे को बचाने के लिए महाराजा रणजीत सिंह जी ने गुरुद्वारे का ऊपरी हिस्सा सोने से ढँक दिया. इसलिए इसे स्वर्ण मंदिर का नाम भी दिया गया है. यह अमृतसर, पंजाब में स्थित है.

 

गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब, चमोली उत्तराखंड.


गुरुद्वारा श्री हेमकुन्ट साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. यह गुरुद्वारा समुद्र स्तर से 4000 मीटर की ऊंचाई पर है. यह गुरुद्वारा अक्टूबर से लेकर अप्रैल तक बंद रहता है. श्री हेमकुन्ट साहिब अपनी वास्तु कला के लिए काफी प्रसिद्ध है..

 

गुरुद्वारा श्री केश्घर साहिब, आनंदपुर  पंजाब

गुरुद्वारा श्री केश्घर साहिब, पंजाब के आनंदपुर शहर में स्थित है. आनंदपुर शहर सिखों के नवे गुरू तेग बहादुर जी ने स्थापित किया था. यह गुरुद्वारा 5 तख्तों में से एक है और इसलिए इस गुरुद्वारे की एहमियत और भी ज़्यादा है.

 

तखत सचखंड श्री हजूर साहिब अब्चालनगर साहिब गुरुद्वारा, महाराष्ट्र.


यह गुरुद्वारा भी 5 तख्तों में से एक है. श्री हजूर साहिब महाराष्ट्र के नांदेड में स्थित है. ऐसा कहते हैं की यह वह जगह है जहां गुरू गोबिंद सिंह जी ने अपनी आखिरी सांस ली थी. महाराज रणजीत सिंह जी ने सन 1832 में इस गुरुद्वारे को बनवाया..

 

गुरुद्वारा मंडी, हिमाचल प्रदेश.

गुरुद्वारे का नाम गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी है. यह हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित है. यह गुरुद्वारा, गुरू गोबिंद सिंह जी द्वारा मंडी के राजा को दिए गए आश्वासन का प्रतीक है. इस गुरुद्वारे को सिख सम्प्रदाय में काफी मान्यता प्राप्त है.

 

गुरुद्वारा बेर साहिब, पंजाब.

इस गुरुद्वारे का नाम एक बेर के पेड़ पर से रखा गया है. ऐसा माना जाता है की एक बेर के पेड़ को, पहले गुरू, गुरू नानक जी के सामने बोया गया था. यह गुरुद्वारा पंजाब के करतारपुर में स्थित है.

 

गुरुद्वारा मणिकरण साहिब, हिमाचल प्रदेश.

गुरुद्वारा मणिकरण साहिब मनाली के पहाड़ों के बीच स्थित है और इसलिए बहुत सुन्दर दृश्यों से घिरा हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि यह पहली जगह है जहां गुरू नानक देव जी ने अपनी यात्रा के दौरान ध्यान लगाया. गुरू नानक देव जी ने यहाँ काफी चमत्कार किये हैं.

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