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गुरुद्वारा कमेटी में होगा चुनाव, सिरसा माने जा रहे हैं प्रमुख दावेदार 

गुरुद्वारा कमेटी में होगा चुनाव, सिरसा माने जा रहे हैं प्रमुख दावेदार 

नयी दिल्ली; 24 जनवरी; दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आंतरिक चुनाव को लेकर स्थिति आज साफ हो गई. तीस हजारी कोर्ट ने अब इस मामले में एक्ट के अनुसार फैसला लेने का अधिकार दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशक को दे दिया है. इसलिए अब दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव हो जाएगा. कमेटी के पूर्व महासचिव एवं वर्तमान सदस्य गुरमीत सिंह शंटी के कदम खींचने के चलते अकालियों को बड़ा अभयदान मिला है.

इससे जहां एक ओर अकाली खुश नज़र आ रहे हैं वहीँ, विपक्षी दल शंटी के यू-टर्न लेने पर सवाल उठा रहे हैं. साथ ही अकालियोंके साथ मिलीभगत का दावा कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक अदालत में आज हुई सुनवाई के दौरान सभी पक्षों में सवाल जवाब हुए. याचिका कर्ता गुरमीत सिंह शंटी के वकील ने कमेटी के पूर्व महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा के द्वारा अदालत में दाखिल किए गए हलफनामे से सहमति जताते हुए अपना केस वापस लेने की पेशकश की. जिसपर एक अन्य याचिकाकर्ता रंजीत सिंह खालासा ने इसका विरोध किया.

खालसा ने कहा कि ये लोग आपस में सेटिंग करके केस वापस लेकर सिख रहत मर्यादा से भगोड़े कमेटी सदस्यों को बचाना चाहते हैं. इसका शंटी के वकील व सिरसा ने जोरदार विरोध किया. शंटी के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता चूंकि दिल्ली कमेटी का सदस्य नहीं है, इसलिए इस तरह के मामले में दखल नहीं बनता है. दलजीत सिंह ने कहा कि कमेटी के कुछ सदस्य नामधारी समुदाय से हैं जिनका सिख धर्म की परंपराओं की पालना से सीधा संबंध नहीं है. उनके मुताबिक कई कमेटी सदस्य सिख रहत मर्यादा का पालन नहीं करते हैं.

इसके बाद अदालत ने शंटी की तरफ से दिखाई गई संतुष्टि के कारण याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही सभी पक्षों को गुररुद्वारा चुनाव निदेशक के पास अपनी बात रखने के लिए भेज दिया. इस मौके पर गुरुद्वारा चुनाव आयेाग की तरफ से विनोद कुमार सेक्शन आफिसर कोर्ट में मौजूद रहे. साथ ही दिल्ली कमेटी के लगभग 14 सदस्य अदालत में डटे रहे.

गुरुद्वारा आयोग निदेशक को करना है फैसला  
अब गेंद दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय के पाले में है. निदेशालय को फैसला लेना है कि दिल्ली कमेटी के कार्यकारी सदस्यों द्वारा दिए गए इस्तीफे वैध हैं या नहीं, इसका देखना होगा. साथ ही चुनाव 29 मार्च को तय समय पर करानी है या उससे पहले, इसके बारे में भी फैसला लेना है. इसके अलावा यदि कमेटी के सदस्यों का इस्तीफे वैध है तो नया जनरल हाउस बुलाने की जिम्मेदारी भी चुनाव निदेशालय की ही है. सारी प्रकिया में प्रोटम स्पीकर भी चुना जाएगा, जो कि अध्यक्ष पद का चुनाव करवाएगा.

 सिरसा हो सकते हैं कमेटी के नये अध्यक्ष 
गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है. अदालत की ओर से मिली हरी झंडी के बाद अकाली हर हाल में नई कमेटी का गठन करना चाहते हैं. इसमें अध्यक्ष पद के लिए मनजिंदर सिंह सिरसा सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं. इसे पूरे सियासी एवं अदालती घटनाक्रम में सिरसा ने भी मुख्य भूमिका निभाई है. सभी सदस्यों को एकजुट रखना और विरोधियों को मनाना सिरसा की बड़ी जीत भी मानी जा रही है.

Post By Religion World