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ईद का पर्व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनों के बीच मनाएं : मौलाना मदनी 

नई दिल्ली, 24 मई;  कोरोना महामारी ने आज जिस तरह से देश में जकड़ रखा है उससे निकलने के लिए हमे स्वास्थ्य निर्देशो का पालन पूरी ईमानदारी से करना होगा. मौलाना मदनी ने कहा कि कोरोना महामारी ने जिस तरह से देश की अर्थव्यवस्था और सरकारी व्यवस्थाओं को उजागर किया वो चिंताजनक है.



मौलाना सैयद अरशद मदनी  ने कहा कि आज जिस तरह से देश की तमाम संस्थाएं धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर सिर्फ इंसानियत की बुनियाद पर अनवरत काम करी है दरसल असली हिन्दुस्तान यही है.

मौलाना मदनी ने मजदूरों का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से सड़को पर मजदूर अपनी बेचारगी और लाचारी लेकर निकला अगर उसको स्वयंसेवी संस्थाएं ना सहारा देती तो स्थिति कोरोना महामारी से ज्यादा भयावह होती.

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मौलाना मदनी ने कहा कि जो लोग कपड़ों से इंसान की पहचान का दावा करते थे आज उनको भी अहसास हो गया होगा की कपड़ों ने इंसान कि पहचान नहीं की बल्कि मानवता और भाईचारे ने इंसान कि पहचान इंसान से करवाई और यही हमारे देश का मूल पहचान है.

जमीयत द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्यों का जिक्र करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत मानवीय जरूरतों के हर पहलू पर दिन रात अनवरत लगी है फिर वो चाहे राशन की व्यवस्था हो, चिकित्सा की व्यवस्था हो या फिर आर्थिक मोर्चे की बात हो. जमीयत देश भर में फैले अपने लाखो कार्यकर्ताओं के साथ आज भी सड़को पर इंसानियत की मिशाल पेश कर रही है।

अंत में मौलाना मदनी ने कहा कि कोरोना की लड़ाई सिर्फ लॉकडाउन खत्म होने तक ही सीमित नहीं है बल्कि हमने जो इंसानियत और भाईचारे की जो मिशाले इस दौरान पेश कि उसी को आधार बनाकर ही मुल्क का विकास होगा और ये सिर्फ और सिर्फ आपसी भाईचारे, प्यार और इंसानियत की ही बुनियाद पर हो सकता है और यही हमे कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई भी करवाएगा.



मौलाना मदनी ने कहा ईद का पर्व आने वाला है और इस दौरान सभी को पहले कि ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए क्योंकि महामारी किसी धर्मविशेष कि नहीं होती, ईद का त्योहार स्वास्थ्य निर्देशो का पालन करते हुए अपनों के बीच मनाए और मुल्क की तरक्की और खुशहाली की दुआ करे

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Post By Shweta