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दिल्ली की रामलीला की पुरातन परंपरा को इस साल फिर से जीवंत करने की तैयारी शुरु

दिल्ली की रामलीला पूरी दुनिया में मशहूर है। एक पुरातन परंपरा के तौर पर इसे सालाना भगवान राम के कौशल आगमन के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इंद्रप्रस्थ में हर साल जीवंत होती है राम की लीला। शहर के हर कोने में राम के मंच सज जाते हैं, लाखों लोग अपनी आस्था और मनोरंजन के लिए इन रामलीलाओं में जी भर के हिस्सा लेते हैं। मेले लगते हैं, दुकानें सजती हैं, और देश के स्वभाव को लाखों लोग जीने के लिए इन आयोजनों का हिस्सा बनते हैं।

दिल्ली में रामलीला की तैयारी कई महीने पहले से ही होने लगती है। दशहरा इस बार 30 सितंबर को है और उससे पहले के दिनों में हर दिन रामायण के एक-एक खंड को मंच पर जीवंत किया जाएगा।

दिल्ली के पीतमपुरा में सालों से रामलीला का भव्य आयोजन किया जाता है। उत्तरपूर्व दिल्ली में बसे पीतमपुरा मे इस बार 27 अगस्त 2017 को सुबह दस बजे इस बार की होने वाली रामलीला के लिए भूमिपूजन और साथ ही साथ लोगों के लिए साउंड एंड लाइट शो का खास आयोजन किया गया है। नेताजी सुभाष पैलेस पीतमपुरा में आर्यन हेरिटिज फ़ाउंडेशन द्वारा संपूर्ण रामायण में सुंदर कांड की चौपाइयों को धवनि एवं प्रकाश के माध्यम से दिखाया जाएगा।

देखिए कैसे जीवंत हुई रामलीला – 

https://www.youtube.com/watch?v=V2BfsmBn7JY&feature=youtu.be

भूमि पूजन के कार्यक्रम को सभी धर्मों में बंधुता का संदेश देने वाले जैन संत आचार्य लोकेश मुनिजी के पावन सानिध्य में आयोजित किया जा रहा है। साथ ही केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन और दिल्ली में बीजेपी विधायक विजेन्द्र गुप्ता को भी मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।

Post By Religion World