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दादी जानकी के नाम जुड़ा अनोखा रिकार्ड, 102 साल में दुनिया की बनी पहली मुख्य प्रशासिका

दादी जानकी के नाम जुड़ा अनोखा रिकार्ड, 102 साल में दुनिया की बनी पहली मुख्य प्रशासिका

  • स्वच्छ भारत के रूप में मनाया दादी का जन्म दिन, दुनिया भर से आये लोगों ने दी शुभकामनाएं

आबू रोड, 2 जनवरी, निसं। ब्रह्माकुमारीज संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी के नाम एक अनोखा रिकार्ड जुड़ गया। 102 साल की उम्र में 140 देशों में अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान के संचालन करने का गौरव प्राप्त हुआ है। दादी जानकी पहली मुख्य प्रशासिका बन गयी है जो महिलाओं द्वारा संचालित अन्तर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान का संचालन कर रही है। जिसमें लगभग 46 हजार बहने समर्पित होकर करोड़ों लोगों के जरिए एक बेहतर समाज की निर्माण के लिए कार्य कर रही है। 

समारोह में कई देशों के लोग शामिल हुए। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए दादी जानकी ने लोगों से अपील की कि वे स्वच्छ भारत का निर्माण करें। तभी हमारा देश बदलेगा और हम एक अच्छे, स्वच्छ तथा स्वस्थ देश के रूप में पूरे विश्व में जाने जायेंगे। यह कठिन कार्य नहीं है क्योंकि इसके लिए व्यक्ति को अपने मानसिक रूप पर बदलाव करना पड़ेगा। क्योंकि हमारे मन की मलीनता ही हमारी बाह्य प्रकृति है।  

इस अवसर पर संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव बीके निर्वेर ने कहा कि हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी उम्र और बढ़े और वे कई कीर्तिमान स्थापित करें। प्रधानमंत्री जी ने दादी जानकी जी को स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड अम्बेसडर बनाया है। हमारा प्रयास होगा कि हम पूरे देश में अपने संस्थान से जुुड़े लोग स्वच्छता की मुहिम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। 

इस अवसर पर संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष बीके करूणा, महाराष्ट्र जोन की प्रभारी बीके संतोष, शांतिवन की कार्यक्रम निदेशिका बीके मुन्नी, बीके भरत समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए दादी को दीर्घायु होने की कामना की।

एक सौ एक फीट की माला: इस अवसर पर राजयोगिनी दादी जानकी जी को एक सौ एक फीट की लम्बी गुलाब की माला पहनायी। गयी जिसमें माहौल बिल्कुल भावपूर्ण हो गया। 

जापानी कलाकार ने किया स्वागत: दादी के स्वागत में जापान से आयी वादक कलाकार ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

केक काटकर दी बधाई: दादी के एक सौ एक वर्ष पूर्ण होने पर सौ किलो का केक काटकर दादी को बधाई दी गयी। इस कार्यक्रम में संस्था के वरिष्ठ सदस्यों ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उनकी लम्बी उम्र की कामना की।

लोगों ने दादी को कंधों पर उठाकर किया नृत्य: दादी को उपस्थित लोगों ने अपने कंधों पर उठाकर काफी देर तक नृत्य किया। इससे पूरे डायमंड हॉल में माहौल उल्लासपूर्ण हो गया।     

Post By Religion World