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धर्म की सबसे बड़ी चुनौती….

रिलीजन वर्ल्ड Religion World यानि धर्म की दुनिया क्या है? सवाल ये है कि क्या दुनिया अलग है और धर्म अलग। या दुनिया में धर्म है या धर्म में दुनिया बसी है। धर्मगुरु, धर्म को सबकुछ मानते हैं और हर दिन दुनिया को दुनियावी तरीके से जीने वाले धर्म को एक संस्था या समाज की धुरी मानते है। यानि धर्म मायने रखता है। आपके निजी जीवन में भी और सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक जीवन में भी। अब धर्म का विकास समय के साथ होता है या समय धर्म की मूलभूत व्याख्याओं से बिल्कुल प्रभावित नहीं करता, इसे लेकर कई मत है। वैसे आदमी अपने व्यवहार में हर नई वस्तु और विचार से बदलता है, इसलिए समाजशास्त्र का मानना है कि धर्म हर दिन बदल रहा है। पर धर्म के मर्मज्ञ इसे लेकर अलग राय रख सकते हैं।

धर्म की सबसे बड़ी चुनौती क्या है? जब हमनें ये सवाल देश के कई जाने माने धर्मगुरुओ से किया तो ज्यादातर का मानना था कि धर्म की कट्टरता और अज्ञानता धर्म को कमजोर कर रही है। ऑर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि, ” धर्म की सबसे बड़ी चुनैती है कट्टरता से दूर रहना, सामाजिक सुधार का दृष्टिकोण रखना, और इन दोनों के बीच परम्परागत शुद्धता को बनाए रखना”।

धर्मगुरु ऑर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर  Religion World

ओशो वर्ल्ड के स्वामी चैतन्य कीर्ति का मानना है कि, “धर्म के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, सबकुछ जो धर्म के नाम पर हो रहा है उसमें धार्मिकता का अभाव बै। चुनौती ये कि धर्म में धार्मिकता वापस कैसे लौटे? धर्म अपने मूल स्वभाव को कैसे उपलब्ध हो, क्योंकि धर्म के प्रतिनिधि ही उसमें सबसे बड़ी बाधा है। धर्म है प्रेम, धर्म है करुणा, धर्म है अहिंसा, धर्म है वैश्विक भाईचारा, वसुधैव कुटुंबकम। लेकिन ये धर्म के प्रतिनिधि केवल फूट डालते हैं, नफरत, हिंसा और जगह फैलाते हैं। चुनौती है कि इनसे मुक्ति मिले”।

जैन संत आचार्य लोकेश मुनि का मानना है कि, “धर्म को अध्यात्म से जोड़ने की सबसे बड़ी चुनौती है। वर्तमान में केवल उपासना को ही धर्म मान लिया गया है, उससे धर्म का तेजस्वी स्वरूप खो गया है”।

भागवताचार्य अनुरागकृष्ण शास्त्री का कहना है कि, “धर्म सर्वप्रथम अाचरण व दर्शन का विषय है, परन्तु; आज यह मात्र वाणी और प्रदर्शन का विषय बनकर के रह गया है। धर्मग्रन्थों पर शोधन-सिद्धि एवं उसका वैज्ञानिक प्रस्तुतिकरण वर्तमान में धर्म के संरक्षण व संवर्धन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है”।

Sadguru Brahmeshanandacharya Swamiji said, “Living with the real meaning of dharma is the biggest challenge. Nishtha, prem & attractive presentation can overcome this”

ब्रह्माकुमारीज के प्रवक्ता बीके कोमल ने कहा कि, “धर्म की सबसे बड़ी चुनौती उसके परिभाषा और उसके असली धर्म को बनाये रखना। क्योंकि धर्म का मतलब धारणा से है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन मे अच्छे गुणों की धारणा नही तो मतलब साफ है कि वह धर्म का अर्थ नही समझ रहा”।

वहीं भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने इसे संस्कारों की कमी से जोड़ा है, ” बच्चों का धर्म से दूर जाना और माता पिता को धर्म का कम ज्ञान होना ही धर्म की सबसे बड़ी चुनौती है”।

Swaminarayan Gurukul Swami Haridarshan has said, “The big challenge towards religion (Dharma) is lassitude of believer of it”

भागवताचार्य देवी चित्रलेखा ने कहा कि, ” धर्म का अस्तित्व बरकरार रखने की, धर्मं का निर्वाहन, सब कुछ व्यवस्थित कर सकता है।किन्तु आज धर्म को कोई स्वीकार नहीं कर रहा है, शायद ये सबसे बड़ी समस्या है धर्म के लिए”।

गणेशाचार्य कैलाश नागर ने कहा कि ,”धर्म को धारण करने के बजाय जो धारण नहीँ करना चाहिये धर्म को उस मार्ग पर धकेला जा रहा है! क्योकि धर्म के पाँव नही होते इसलिये उसके सामने चुनौतियां सदा-सदा ही रही है; वर्तमान में सबसे बडी चुनौती धर्म से मध्यस्थों को हटाने की है। साथ ही पाखंड की इस दौड में सच्चे धर्म अनुरागी नेपथ्य में चले जाते हैं। धर्म की गंगा को भगीरथी धवजा की आवश्यकता है”

वास्तुशास्त्री सोमेश शर्मा के अनुसार, “तेजी से बदल रही सामाजिक मान्यताएं एवं नयी पीढ़ी में भी धर्म की ज्योति को अखंड जगाये रखना एक बड़ी चुनौती है”

भागवताचार्य गजेन्द्र शास्त्री का कहना है कि, “वर्तमान समय को देखते हुए धर्म के सामने सबसे बडी कोई चुनौती हैं तो वह है पाखण्ड, क्योंकि पाखंड की वजह से धर्म के प्रति सहज हृदय के व्यक्तियो की निष्ठा कम होती हैं”।

धर्म जीने का नाम भी है और करने का भी। धर्म सोचने का भी विषय है और शोध का भी। धर्म सरल भी है और कठिन भी। लेकिन हमारे रोजमर्रा के जीवन में धर्म का महत्व है। विश्वास, परंपरा, रीतियों और संबंधों को जीने के लिए आस्था की खास जरूरत होती है, जो धर्म की कई शिक्षाएं प्रदान करती हैं। प्रार्थना की शक्ति हमें सबल बनाती है। और किसी धर्म स्थान पर जाना हमें कई बार नई प्रेरणा और शक्ति देता है। विचार के स्तर पर धर्म एक विशिष्ट कर्म है।

रिलीजन वर्ल्ड ने समाज के सभी वर्गों से बात की और ये जानना चाहा कि धर्म के सामने सबसे बड़ी चुनौती कौन सी है। आप भी पढ़िए क्या सोचते हैं हम आप।

Shweta Singh – “धर्म के समक्ष चुनौतियां तो ढेर सारी हैं, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती अन्धविश्वास और कर्मकांड है। अक्सर देखा गया है धर्म हमेशा कर्म को दमित करता है। दरअसल कर्मकांड एक आम क्रिया है जिसे करने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती इसी मुगालते में लोग धर्म में कर्म की दरकिनार कर देते हैं. धर्म को भाग्य से भी जोड़ दिया जाता है और कर्म हतोत्साहित हो जाता है”

Ravi Pratap Dubey – अंधविश्वास

Sangeeta Chadha धर्म शब्द का विपर्यास.

Manish Singh अज्ञानता, दुनिया मे कुछ विरले लोग ही हैं जिन्हें धर्म का सही अर्थ पता है । ज़्यादातर लोग , जो कि सिर्फ साम्प्रदायिक है, उन्हे धार्मिक होने का भ्रम है । यही कारण है हिन्सा और अशांति का । मनुष्य का जागना आवश्यक है ।
धर्म जोड़ता है, धर्म एक है ।

Mahamandleshwar Maartand Puri धर्माचार्यों का धर्म विरूद्ध aacharan

Teena Sharma धर्म को दिमाग़ में पालने वाले लोग.

Khushbu Shrivastava हम स्वयं

Kumar Anurag बचाए रखने की

Pooja Nagar Mavi किसी भी धर्म का गलत और कट्टरता से बखान करने वाले चंद लोग।

Ravindrra Singh चुनौती धर्म के सामने नहीं मानवता के सामने है, धर्म तो पथ है यदि मानव पथ भ्रष्ट हो जाये तो उसमे पथ क्या करे …

Shahzade Hero nibhane ka

Maan B Singh Rajput धर्म को धंधे की तरह उपयोग करने वाले पाखंडी.. जिनको आज भगवान की तरह पूजा जाता है😠😠😠😠

Samanwita Ghosh Rigidity of mind and heart…..

धीरज द्विवेदी चुनौती का सामना करना तो धर्म सीखता है, धर्म के सामने चुनौती कैसी?

Manish Singh धर्म समाधान है।

Rajanish Kant धर्म के ठेकेदार…

Hari Dubey Dharam ke aad mein baithe kuch kharnak prani…..Jo smaj ke liye khatra hai…..

Anju Kkajal Flexibility

Shantanu Srivastava योग्य और सहृदय धर्माचार्यों की कमी धर्म के अस्तित्व और सार्थकता को चुनौती दे रही है.

Amit Upadhyay Dusra Dharm

Govats Radhe Shyam Ravoria पाखंड और दिखावा

Pradeep Kumar Mall dharam ke samne adhyatm ko kho dena

Krishna Giri Ki kahi adharm na ho jaaye.

Ramveer Shresth Dharm

Manoj Mathur सबसे बड़ी चुनौती उसकी ग़लत व्याख्या की हैं

Ankit Bharadwaaj कट्टरपंथी विचारधारा

Brahma Deep Alune Braj धर्म का अर्थविहीन होना

Chandra Shekhar Khugshal सवाल पूरी तरह समझ नही आया। धर्म क्या करे या इंसान क्या करे!! धर्म क्या करे तो कौन सा धर्म। इंसान क्या करे तो कौन सा? मुस्लिम, हिन्दू या कोई और।

Manish Kumar Sharma Religion World

Ranjan Zaidi Manushya ki admits…

Anurag Srivastava Fundamentalist!!!

Ranjan Zaidi Asmita ki raksha aur kathit dharmvad से azadi.

Hemant Toshwar धर्म के सामने ओर धर्म को कोई भी चुनोती नही दे सकता ,,,आज जो अच्छा काम करो गे यह धर्म के अधार पर हो गा जो सई काम को अंजाम दे गा ,,,इस लीये सनातम धर्म को कोई भी चुनोती नही दे सकता,,,,

Vijay Sharma धर्म की सुविधाजनक व्याख्याएं at Religion World

DrPraveen Tiwari अलगाव, बँटवारा, भेद

Sahil Chhabra I think dharam apne aap mai hi chunoti hai

Sudhir K S Dixit …कि ‘धर्म’ की परिभाषा क्या है?

Ranveer Singh 1- धर्म में अनेकता और उनमे आपसी टकराव

Santosh Badal धर्म को कर्म समझना।

Varun Jain Uski galat interpretation.

Gajender Shastri श्री राधे ।।
वर्तमान समय को देखते हुवे । धर्म के सामने सबसे बडी कोई चुनौती हैं ?तो वह है पाखण्ड , क्यों की पाखंड की वजह से धर्म के प्रति सहज हृदय के व्यक्तियो की निष्ठा कम होती हैं। धर्म के नाम पर , (1)गाय के नाम पे ठगा जारहा हैं । (2) आश्रम के नाम पे ठगाई(3) अनाथों के नाम पे ठगाई(4) बेटियों के नाम पे ठगाई(5) दिव्यांगो के नाम पे ….आज धर्म के सामने सबसे बडी चुनौती धार्मिक नकाबपोश।

Omprakash Pal सबसे ज्वादा धार्मिक होने का दावा करने वालों के व्यवहार में अधार्मिकता ,कुतर्क, पाखंड जैसे गुणों की अभिव्यक्ति एवं धर्म को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल होना आज धर्म के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है । क्यों कि इससे धर्म की नैतिक पहलू पर प्रश्नचिन्ह लगता है ।

Dinesh Joshi ये इतना सरल सवाल नही है। लम्बी और सार्थक बहस की जा सकती है। वैसे धर्म का दुश्मन अज्ञान है। बाकी अपनी अपनी राय।

Swami Manusya Mitra चुनोती – ( धर्म युक्त आचरण से विपरीत प्रवचन ,,,,)
समाधान – ( सात्विक आचरण युक्त प्रवचन )

Nandita Pandey Jyotirvid-Tarot Exprt धर्म गुरु ..!!…

कैप्टेन अभिषेक चन्द्रा. आतंकवाद

Pankaj Prasoon Jin logo ne Dharm ki Raksha karne ka Swaghoshit Bhar utha rakha hai unka aam logo se dur dur tak koi nata nahi rah gaya hai…Sab high profile logo me se hi sampark me lage rahte hai. Dharm k samne sabse bari chunauti yahi hai mere lie ki ek aaam aadmi ka dharm par bharosa bana rahe aur is bharose ko kayam banae rakhna hi sabse bari chunauti hai aur shayad is lie ishwar bhi Dharti par kai bar awtar lete hai..

Manoj Bhanot Not having the understanding of the origin and purpose of it

Kuldeep Singh It is just a shop.
It is the instrument of livelihood.
It is the insrument of hypocrisy.

Raushan Kumar Vichaardhaara..

Pramod Gaur INSANIAT sabse bada Dharam hai. Isliye INSANIAT sabse badi Chunauti hai. Jio aur Jine Do.

Nikhil Kumar Dubey Dharam ka avivek vyavhaar

Nilesh Khare कट्टरतावाद

Anurag Srivastava धर्म के ठेकेदारों के अपनी अपनी परिभाषा थोपने की होड़ से

Abhay Mishra जो देश अघ्यात्म में सिरमौर था वह अचानक पूरी तरह धर्म पर कैसे निर्भर हो गया ।निश्चित रूप से स्व अध्याय की कमी ही धर्म की वास्तविक व्याख्या में बाधा है ।

Ajay Rai धर्म के सामने सबसे बड़ी चुनौती शुरु से ‘अज्ञानता और भ्रांतियां’ ही रही है…और ये जा नहीं रही बल्कि सुदृढ रुप से अपनी जड़े जमाए हुए है..जब तक ये दोनों चीजें कायम है हम धर्म को सही परिप्रेक्ष्य में समझ ही नहीं पाएेंगे…अब ये बहस का विषय है कि अज्ञानता और भ्रांतियों के लिए कौन जिम्मेदार है….

Athar Husain Those who claim in public that only they are righteous because they follow a particular religion

Mukesh Kumar इंसानियत।

Sandip Pandya धर्म क्या है यही समझाना ..

Kumar Sarvesh धर्मांधता।

Kapil Raj Sharma धर्म का पालन न करने की …

Dayaram Lohaar dharmandhata

Naveen Kumar मानवता को बनाए रखना

Sachin Tiwari Insaniyat ko bachana….

Ruchi Gupta धर्म और आस्था एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जहाँ धर्म की बातें होती है भव्य वहाँ आस्था खुद ब खुद आ जाती है …उदाहरण के रूप में महाभारत की कथा को ले लो ….इसलिये किसी भी एक वजह को कारण नही बताया जा सकता …..

Kunal Kumar धर्म के कथित ठेकेदार

Sohanveer Singh धर्म के सामने सबसे बड़ी चुनौती, धर्म के नाम पे व्यापार करने वाले स्वयंभू बने धर्म से जुड़े लोग जो लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर धर्म के अस्तित्व पर सवालिया निशान खड़ा करते हैं …

Chiranjibi Paudyal And also wrong interpretation and practice of our dharma, some so called karmakandi pundits

Deepanshu Garg धर्म के नाम पर कट्टरवाद और जेहाद !!

Sandeep Shukla स्वार्थ…।

Atul R Srivastava fanaticism

रिलीजन वर्ल्ड Religion World वेबसाइट धर्म और समाज के बीच के संवाद को सामने लाएगा। यानि धर्म, समाज को और आपको कैसे प्रभावित करता है। वो विश्वास और अंधविश्वास, तर्क और आस्था, प्रेम और कटुता, प्रार्थना और कल्पना जैसी चीजों को कैसे प्रभावित कर रहा है। पर हमारी सबसे बडी कोशिश होगी कि हम सामाजिक विकास में धर्म की भूमिका को रेखांकित करें। आखिर धर्म जिससे हम घर से लेकर धर्म स्थल तक हर पल मिलते हैं, क्यों कई बार कई वजहों से हमें नहीं सुहाता है। क्यों धर्म से जो अपेक्षा है, वो उसमें कई बार व्यवहार पर खरा नहीं उतरता है। क्यों एक धर्म दूसरे धर्म से दूर जा रहा है, क्यों व्यक्ति की सोच धर्म से उदार न होकर कई बार संकीर्ण हो रही है। क्यों धर्म, धर्म जैसा नहीं लगता है।

रिलीजन वर्ल्ड Religion World वेबसाइट की कोशिश होगी कि वो भारत में मौजूद सभी धर्मों से जानकारियां इक्टठा करके धर्म को लेकर एक नई सोच का निर्माण करें। वे सेतुओं को बांधे, जिसपर सभी धर्म मिलते जुलते रहें। वो समाज की धुरी में धर्म की पूरी भूमिका पेश करे। वो आपको बताएं कि आपका धर्म क्या है और कैसे आप उसे अपनाकर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। धर्म केवल वो नहीं है जो किताबों में लिखा है, वो हर उस कर्म में है जो मानवता के लिए किया गया हो। और इंसान को मानवता सिखाने में धर्म की बड़ी भूमिका है। इसलिए हर मानवीय कार्य को हम सामने लाएंगे, धर्म के संग और उसके बिना भी।

रिलीजिन वर्ल्ड Religion World वेबसाइट पर धर्म का समाज होगा तो, वो सब भी होगा जो आपको सक्षम करें, स्वस्थ रखे और आपको नई चीजों का ज्ञान दें। योग, ध्यान, ज्योतिष, वास्तु, मिथक, आयुर्वेद और संतों की सेवा के पन्ने होंगे। पर एक वादा है, नहीं होगा तो बस अंधविश्वास और धर्म के नाम पर होने वाली दुकानदारी। हम धर्म की पावनता को पेश करने के लिए तैयार है। आपका सहयोग और रुचि हमारा साहस बढ़ाएगी।

सारे धर्मों की वेबसाइट www.religionworld.in 9 जुलाई को शाम 5 बजे दुनिया के सामने होगी। (Religion World)
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Post By Religion World