क्यों दक्षिण भारत में हनुमान, शिव और विष्णु की विशेष पूजा होती है?

क्यों दक्षिण भारत में हनुमान, शिव और विष्णु की विशेष पूजा होती है? दक्षिण भारत प्राचीन संस्कृति, विशाल मंदिरों, और अनगिनत आध्यात्मिक परंपराओं की धरती है। यहाँ भक्तिभाव सिर्फ़ पूजा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि जीवनशैली का हिस्सा बन जाता है। विशेष बात यह है कि दक्षिण भारत में हनुमान, शिव और विष्णु की भक्ति अन्य क्षेत्रों की तुलना में अत्यधिक गहरी और शास्त्रीय रूप से संगठित मिलती है।आख़िर ऐसा क्यों है? क्या इसके पीछे… Continue reading क्यों दक्षिण भारत में हनुमान, शिव और विष्णु की विशेष पूजा होती है?

 December 9, 2025
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एक साथ गीता पढ़ने का रहस्य—क्या इससे आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है?

एक साथ गीता पढ़ने का रहस्य—क्या इससे आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है? गीता को सनातन धर्म में “जीवन का सार” माना गया है। इसके श्लोक न केवल ज्ञान देते हैं, बल्कि मन की गहराई तक उतरकर व्यक्ति को नई दिशा भी देते हैं। आजकल कई जगह गीता का सामूहिक पाठ किया जाता है और लाखों लोग एक साथ बैठकर गीता के श्लोक उच्चारित करते हैं। लेकिन सवाल यह है—क्या वास्तव में एक साथ गीता पढ़ने से… Continue reading एक साथ गीता पढ़ने का रहस्य—क्या इससे आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है?

 December 8, 2025
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क्या दुनिया के हर देश में धर्म समान हैं?

क्या दुनिया के हर देश में धर्म समान हैं? धर्म इंसान के जीवन में बड़ी भूमिका निभाता है। लेकिन क्या हर देश में धर्म एक जैसा है? यह सवाल सरल दिखता है, पर इसका उत्तर काफ़ी गहरा है। हर देश की अपनी संस्कृति, परंपरा और धार्मिक सोच होती है। इसलिए धर्म का रूप भी अलग-अलग नज़र आता है। फिर भी, कई मूल भावनाएँ सभी धर्मों में समान होती हैं। इस लेख में हम समझेंगे कि… Continue reading क्या दुनिया के हर देश में धर्म समान हैं?

 December 3, 2025
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ज्योतिष, भविष्यवाणी और धर्म — संबंध या टकराव?

ज्योतिष, भविष्यवाणी और धर्म — संबंध या टकराव? मानव इतिहास की शुरुआत से ही मनुष्य ने आकाश, समय और अपने भविष्य को समझने की अदृश्य इच्छा को हमेशा जिंदा रखा है। यही जिज्ञासा आगे चलकर ज्योतिष, भविष्यवाणी और धर्म जैसी परंपराओं में बदल गई। आज भी दुनिया में करोड़ों लोग इन तीनों पर किसी न किसी रूप में भरोसा करते हैं, और साथ ही कई लोग इनके बीच के संबंध या टकराव को लेकर सवाल… Continue reading ज्योतिष, भविष्यवाणी और धर्म — संबंध या टकराव?

 December 3, 2025
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क्या सत्य धर्म है या धर्म सिर्फ रूप और रिवाज़ ?

क्या सत्य धर्म है या धर्म सिर्फ रूप और रिवाज़ ? धर्म मानव जीवन का एक अत्यंत गहरा पक्ष है, जो जन्म से मृत्यु तक हमारी सोच, व्यवहार और जीवनशैली को प्रभावित करता है। अधिकांश लोग धर्म को पूजा, मंदिर, व्रत, त्योहार या परंपराओं से जोड़कर देखते हैं, लेकिन प्रश्न यह है कि क्या धर्म का वास्तविक स्वरूप यही है? क्या धर्म सिर्फ बाहरी रूप, रिवाज़ और संस्कारों का संग्रह है, या इसके मूल में… Continue reading क्या सत्य धर्म है या धर्म सिर्फ रूप और रिवाज़ ?

 December 2, 2025
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पाप और पुण्य—इनका परिणाम कब और कैसे मिलता है?

पाप और पुण्य—इनका परिणाम कब और कैसे मिलता है? मानव जीवन हमेशा से कर्मों पर आधारित माना गया है। हर धर्म, हर संस्कृति और हर आध्यात्मिक परंपरा में यह बात बार-बार समझाई गई है कि मनुष्य जैसा कर्म करता है, वैसा ही फल उसे किसी न किसी रूप में मिलता है। पाप और पुण्य को लेकर लोगों के मन में अनेक प्रश्न होते हैं—क्या इसका फल तुरंत मिलता है या समय आने पर? क्या हर… Continue reading पाप और पुण्य—इनका परिणाम कब और कैसे मिलता है?

 December 1, 2025
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क्या कर्मों की शक्ति वास्तव में हमारी किस्मत लिखती है?

क्या कर्मों की शक्ति वास्तव में हमारी किस्मत लिखती है? किस्मत और कर्म—यह दो शब्द मानव जीवन के सबसे पुरानी और गहरी बहसों में शामिल हैं। लोग अक्सर परिस्थितियों को किस्मत का खेल मान लेते हैं, जबकि कुछ लोग दृढ़ता से मानते हैं कि किस्मत को बदलने की असली ताकत हमारे कर्मों में छिपी है। यह प्रश्न कि क्या कर्मों की शक्ति वास्तव में हमारी किस्मत लिखती है, केवल धार्मिक मान्यता नहीं है, बल्कि जीवन… Continue reading क्या कर्मों की शक्ति वास्तव में हमारी किस्मत लिखती है?

 December 1, 2025
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ईश्वर को बिना देखे लोग उन पर इतना भरोसा क्यों करते हैं?

ईश्वर को बिना देखे लोग उन पर इतना भरोसा क्यों करते हैं? मनुष्य का ईश्वर पर विश्वास उतना ही पुराना है जितनी कि मानव सभ्यता। यह विश्वास किसी एक धर्म, किसी एक समुदाय या किसी एक पुस्तक तक सीमित नहीं है। आश्चर्य की बात यह है कि ईश्वर को किसी ने आंखों से नहीं देखा, फिर भी करोड़ों लोग उनसे प्रेम करते हैं, प्रार्थना करते हैं और उन पर पूरा भरोसा भी रखते हैं। यह… Continue reading ईश्वर को बिना देखे लोग उन पर इतना भरोसा क्यों करते हैं?

 November 29, 2025
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स्वामी विवेकानंद अंधविश्वास के खिलाफ थे, फिर मूर्ति-पूजा को क्यों सही ठहराया?

स्वामी विवेकानंद अंधविश्वास के खिलाफ थे, फिर मूर्ति-पूजा को क्यों सही ठहराया? स्वामी विवेकानंद का नाम आते ही एक ऐसे व्यक्तित्व की छवि बनती है जो तर्क, विवेक और आध्यात्मिकता को एक साथ जोड़ते थे। वे अंधविश्वास, रूढ़ियों और बिना सोचे-समझे अनुसरण करने वाली आस्था के कट्टर विरोधी थे। लेकिन यही विवेकानंद मूर्ति-पूजा को न केवल स्वीकारते थे, बल्कि उसके आध्यात्मिक महत्व को भी समझाते थे। यह विरोधाभास केवल सतही रूप से दिखाई देता है;… Continue reading स्वामी विवेकानंद अंधविश्वास के खिलाफ थे, फिर मूर्ति-पूजा को क्यों सही ठहराया?

 November 28, 2025
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मंत्र और जप की परंपरा कैसे शुरू हुई?

मंत्र और जप की परंपरा कैसे शुरू हुई? मंत्र और जप की परंपरा मानव सभ्यता के सबसे प्राचीन आध्यात्मिक अभ्यासों में से एक है। इसकी शुरुआत उस समय से मानी जाती है जब मनुष्य प्रकृति के बीच रहते हुए ध्वनियों को एक रहस्यमय और शक्तिशाली तत्व के रूप में अनुभव करने लगा। हवा की सरसराहट, नदी की ध्वनि, पक्षियों का कलरव और आकाशीय गर्जना—इन सभी प्राकृतिक ध्वनियों ने मनुष्य को यह महसूस कराया कि ब्रह्मांड… Continue reading मंत्र और जप की परंपरा कैसे शुरू हुई?

 November 28, 2025
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किसने बनाए मंदिर–चर्च–मस्जिद–गुरुद्वारे?

किसने बनाए मंदिर–चर्च–मस्जिद–गुरुद्वारे?  मानव इतिहास में धार्मिक स्थलों की उत्पत्ति उतनी ही पुरानी है जितनी सभ्यताओं की अपनी यात्रा। मंदिर, चर्च, मस्जिद और गुरुद्वारे केवल पूजा या प्रार्थना की जगहें नहीं हैं, बल्कि वे मनुष्य की आस्था, संस्कृति, भावनाओं और आध्यात्मिक खोज के साक्षी भी हैं। इन स्थलों के निर्माण के पीछे किसी एक व्यक्ति का हाथ नहीं होता, बल्कि पूरी सभ्यता का विकास, आध्यात्मिक नेताओं की शिक्षाएँ और समय के साथ बढ़ती सामाजिक आवश्यकताएँ… Continue reading किसने बनाए मंदिर–चर्च–मस्जिद–गुरुद्वारे?

 November 28, 2025
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मृत्यु के बाद आत्मा 13 दिनों तक क्या करती है? – पुराणों की व्याख्या 

मृत्यु के बाद आत्मा 13 दिनों तक क्या करती है? – पुराणों की व्याख्या  मृत्यु मानव जीवन का सबसे गहरा और रहस्यमय अनुभव है। शरीर रुक जाता है, लेकिन क्या आत्मा भी यहीं समाप्त हो जाती है?पुराणों, उपनिषदों और हिंदू दर्शन में आत्मा को अजर, अमर और अविनाशी बताया गया है।माना जाता है कि शरीर समाप्त होता है, लेकिन आत्मा अपनी यात्रा आगे बढ़ाती है। हिंदू मान्यताओं में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है—मृत्यु के बाद के… Continue reading मृत्यु के बाद आत्मा 13 दिनों तक क्या करती है? – पुराणों की व्याख्या 

 November 27, 2025
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