Post Image

कौन करेंगे अयोध्या मामले में मध्यस्थता – जानिए तीनों मध्यस्थों के बार में

कौन करेंगे अयोध्या मामले में मध्यस्थता – जानिए तीनों मध्यस्थों के बार में

दिल्ली/अयोध्या। 8 मार्च, 2019। सुप्रीम कोर्ट ने आज राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले में मध्यस्थों की नियुक्ति कर दी है। छह मार्च को अपनी सुनवाई में ही कोर्ट ने दोनों पक्षकारों से नाम मांगे थे और इस विवाद को मध्यस्थता से सुलझाने के प्रयास को गंभीर अवसर दिया है। मध्यस्थों को सुप्रीम कोर्ट ने आठ हफ्तों का वक्त दिया गया है और कहा है कि वे चार हफ्ते में इस मामले को सुलझाने के लिए प्रयास शुरू करें। जरूरत पड़ने पर मध्यस्थ और लोगों को पैनल में शामिल कर सकते हैं। मध्यस्थता की बातचीत फैजाबाद में होगी, पैनल की अध्यक्षता जस्टिस खलीफुल्ला करेंगे। तीन मध्यस्थों में श्रीश्री रविशंकर और वकील श्रीराम पंचू भी शामिल है।

फोटो साभार – दैनिक भास्कर

आइए जानते है इन तीनों मध्यस्थों के बारे में…

जस्टिस खलीफुल्ला :  68 साल के पूर्व न्यायाधीश मूल रूप से तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में कराईकुडी के हैं।  23 जुलाई 1951 को जन्में जस्टिस खलीफुल्ला ने 1975 में वकालत शुरू की थी। वे मद्रास हाईकोर्ट में न्यायाधीश और इसके बाद जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रहे। उन्हें 2000 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर नियुक्त किया गया। 2011 में उन्हें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। उनके पिता भी न्यायाधीश थे और उनका नाम था एम फकीर मोहम्मद। उन्होंने कहा कि, “सुप्रीम कोर्ट ने मेरी अध्यक्षता में एक मध्यस्थता समिति नियुक्त की है। मुझे अभी आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। मैं कह सकता हूं कि अगर एक समिति का गठन किया गया है तो हम इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने का हर संभव प्रयास करेंगे।”

श्रीश्री रविशंकर : ऑर्ट ऑफ लिविंग नाम की संस्था के संस्थापक और श्रीश्री नाम से विख्यात गुरु रविशंकर जी आध्यात्मिक गुरु हैं। पूरी दुनिया के हिंसामुक्त करने के लिए वे कई स्तरों और देशों में सक्रिय है। बीते सालों में उन्होंने राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के दोनों पक्षों से जुडे लोगों, पक्षकारों और समाज के आला लोगों से मिलकर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश अपने स्तर पर की है। उन्होंने इस मामले को हल करने के लिए एक फार्मूला भी दिया था। श्रीश्री ने एक ट्वीट करके इसपर अपनी राय रखी।

श्रीराम पंचू : श्रीराम पंचू वरिष्ठ वकील रहे हैं और मध्यस्थता से केस सुलझाने में माहिर माने जाते हैं। कोर्ट से बाहर केस सुलझाने के लिए उन्होंने ‘The Mediation Chamber” नाम की संस्था भी बनाई है। वे Association of Indian Mediators के अध्यक्ष हैं। वे Board of International Mediation Institute के बोर्ड में भी शामिल रहे हैं। असम और नागालैंड के बीच 500 किलोमीटर भूभाग का मामला सुलझाने के लिए उन्हें मध्यस्थ नियुक्त किया गया था। इस नियुक्ति के बाद उन्होंने कहा कि,  “ये बहुत ही गंभीर जिम्मेदारी है जो सुप्रीम कोर्ट ने दी है, मैं अपने बेहतर देने की कोशिश करूंगा”।

@religionworld

Post By Religion World